पवार ने कहा, ‘राज्यसभा में मेरा तीन साल का कार्यकाल बाकी है। मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने 1 मई 1960 को ही राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कल हमने मई दिवस मनाया। इस लंबे राजनीतिक करियर के बाद कहीं तो रुकने का सोचना होगा। किसी को इतना लालची नहीं होना चाहिए।’
कौन होगा नया अध्यक्ष?
पवार ने कहा कि पार्टी की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, यह तय करने के लिए समिति गठित होगी। उन्होंने बताया, ‘समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील ततकारे, पीसी चाको, नहरही झिरवाल, अजित पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजवल, दिलीप वलसे पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जीतेंद्र अव्हाड, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ समेत कई विभागों के प्रमुख शामिल होंगे।’ एनसीपी की गठन पवार ने साल जून 1999 में कांग्रेस से अलग होकर किया था।
बीते कई दिनों से खबरें थीं कि अजित का भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने का मन बना रहे हैं। कहा जा रहा था उन्होंने इस संबंध में सीनियर पवार को भी बताया था, लेकिन बात नहीं बनी। हाल ही में खुद अजित ने भी एनसीपी छोड़ने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन सीनियर पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने सियासी भूचाल की बात कहकर अटकलों को हवा दे दी थी।
विपक्ष से भी अलग चल रही थी राय
खास बात है कि विपक्षी दलों से पवार की कुछ समय से राय अलग जा रही थी। हालांकि, वह लगातार विपक्षी एकता की ही बात कह रहे थे। संसद में एक ओर जहां कांग्रेस समेत कई बड़े दल अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी जांच की मांग कर रहे थे। वहीं, पवार ने इसे अनुचित बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि विपक्षी एकता के लिए जेपीसी जांच की मांग का समर्थन करेंगे।
पहले ही संगठन में बदलाव का इशारा कर चुके हैं पवार
इससे पहले पिछले हफ्ते पवार ने मुंबई में आयोजित युवा मंथन कार्यक्रम में रोटी पलटने की बात कह डाली। पवार बोले, ‘किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।’ पवार का ये बयान ऐसे समय आया था, जब उनके भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के नए राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं हैं। दावा किया जा रहा है कि वह भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं। हालांकि, अजित पवार इन अटकलों को खारिज भी कर चुके हैं।
तो भतीजे या बेटी को पार्टी की कमान सौंप सकते हैं पवार
शरद पवार ने युवा मंथन कार्यक्रम में अपनी बात रखी है। ऐसे में हो सकता है कि अब पवार पार्टी की जिम्मेदारी किसी युवा हाथों में देना चाहते हों। इसमें दो बड़े नाम हैं। पहला उनकी बेटी सुप्रिया सुले और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार हैं। अजित पवार को लेकर हाल के दिनों में कई अटकलें लग चुकी हैं। संभव है कि पवार इन्हीं दोनों में से किसी एक को पार्टी की कमान सौंप दें। इसके जरिए वह युवाओं के बीच संदेश देना चाहते हों कि एनसीपी में युवाओं के लिए अवसर है और एनसीपी युवाओं को आगे बढ़ाती है।(एएमएपी)