पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म की घटनाओं के सामने आने के बाद से बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी टीएमसी पर हमलावर हैं। वे यहां प्रताड़ितों से मिलने पहुंचे और उन्‍होंने इस बात का दावा किया है कि फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां यदि बांग्‍लादेश भी भाग गया होगा तो वहां से उसे खींचकर भारत वापिस लाएंगे। इसी के साथ वे मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशना साधते हैं । उन्होंने पीड़िताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि आप लोग एकजुट रहिए और हमारा साथ दीजिए। शाहजहां जैसे तत्वों को ख़त्म करने के लिए यह पर्याप्त होगा। भाजपा का कहना है कि शाहजहां को राज्य सरकार ने ही छुपा रखा है।

ईडी के वकील ने शेख शाहजहां को बताया ओसामा बिन लादेन

उल्‍लेखनीय है कि शेख शाहजहां को ईडी के वकील ने ओसामा बिन लादेन जैसा बताया है। संदेशखाली में शाहजहां का ही कानून चलता है। कभी मजदूरी करने वाला 42 साल का शाहजहां आज संदेशखाली का ‘मालिक’ है। इससे पहले शाहजहां 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में चर्चा में आया था। तृणमूल कांग्रेस में आने के बाद उसका कारोबार बढ़ता गया। हमेशा हथियारबंद लोगों से घिरे रहने वाले शाहजहां ने 2023 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में बताया था कि उसके पास में 1.92 करोड़ रुपए और 17 वाहन हैं। उसने 2.39 करोड़ रु के गहने और 43 बीघा जमीन की भी जानकारी दी थी। सबसे पहले शाहजहां 2006 में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हुआ था। 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस का सदस्य बना और जल्दी ही ज्योतिप्रिय मल्लिक का खास आदमी बन गया।

शेख शाहजहां को बचा रही राज्य पुलिस

दूसरी ओर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेह व्यक्त किया कि शेख शाहजहां को राज्य पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। ये टिप्पणियां हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार को संदेशखाली से जुड़े एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान की है । उन्होंने कहा, ””हमें नहीं पता कि ऐसे व्यक्ति की सुरक्षा की जा रही है या नहीं, लेकिन ऐसा लगता है कि या तो राज्य पुलिस उसे बचा रही है। यदि नहीं, तो वह पुलिस के दायरे से बाहर चला गया है।” कलकत्ता हाई कोर्ट के जज अपूर्व सिंह रॉय ने एक हफ्ते पहले संदेशखाली घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर मामला किया था, लेकिन मंगलवार को उन्होंने मामले को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के पास भेज दिया। वहां मामले की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”पूरी समस्या के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार है। लेकिन वह कोई जन प्रतिनिधि नहीं हैं! जनता ने उसे वोट देकर नहीं चुना है। आखिर वह पुलिस के दायरे से बाहर कैसे हैं।  कलकत्ता हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पुलिस ग्रामीण महिलाओं के विरोध को कुचलने के बदले अपराध में शामिल कथित दो प्रमुख आरोपियों की तलाश करे।

संदेशखाली में महिलाओं से मिले सुवेंदु, दिए माइक्रोफोन

कलकत्ता उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी अपने साथी भाजपा विधायक शंकर घोष के साथ संदेशखाली में दाखिल हुए और महिलाओं मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आपको माइक्रोफोन उपलब्ध कराऊंगा। अगर बदमाश आपके घर तक आपका पीछा करें तो आप तुरंत चिल्लाना शुरू कर दें कि डाकू आ गए हैं। ऐसी चीखें सुनकर आप सभी को अपने घरों से बाहर आना चाहिए। संदेशखाली से निकलते समय उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि आखिरकार अदालत के कारण ही वह संदेशखाली के पीड़ित लोगों तक पहुंच सके।

अधिकारी ने कहा, “यहां के स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं ने शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के हाथों उत्पीड़न का अनुभव किया है। यहां की आदिवासी आबादी की जमीन जबरदस्ती हड़प ली गई है। मैंने आम लोगों से अनुरोध किया है कि वे कानून न तोड़ें। हालांकि, शेख शाहजहां यहीं कहीं है। अगर वह बांग्लादेश भाग जाता है तो उसे बालों से खींचकर वापस लाया जाना चाहिए। बीएसएफ को बेहद सावधान रहना होगा।

शेख शाहजहां का ये है सच, और इसलिए उसे बचा रही ममता सरकार

बारह फरवरी को राज्यपाल आनंद बोस जब संदेशखाली दौरे पर थे, तो रोती-कलपती कुछ महिलाओं ने उन्हें राखी बांधकर रक्षा की गुहार लगाई। देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री और वाम राज में महिला उत्पीडऩ को लेकर सडक़ पर संग्राम करने वाली ममता के राज में ऐसा भी होता है, किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। बंगाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सुंदरवन के मुहाने पर बसे संदेशखाली की महिलाओं को आधी रात में टीएमसी पार्टी के ऑफिस में बुलाने, जमीन और जलागार हड़पने, दुकानदारों से अवैध वसूली करने, इलाके को विपक्ष शून्य करने के लिए हमले करने जैसी दर्जनों शिकायतों का निपटारा करने वाला कोई नहीं था। संवेदनहीन पुलिस अब प्रभावित इलाकों में घूम- घूमकर लोगों, खासकर महिलाओं को मीडिया के सामने मुंह नहीं खोलने की हिदायत दे रही है। यहां की सांसद नुसरत जहां को इलाके की महिलाओं के आंसू पोंछने चाहिए थे, पर वह 14 फरवरी को, इंस्टाग्राम पर वेलेंटाइन डे मना रही थीं।

भ्रष्टाचार के मामलों में जिस सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्री, उनके बेटे-बेटी व अफसर जेल की हवा खा रहे हों, उस पर संदेशखाली कांड ने जले पर नमक छिडक़ा है, पर सरकार के चेहरे पर शिकन तक नहीं है। सरकार पूरी ताकत से इस इलाके में विपक्षी नेताओं का प्रवेश रोकने में लग गई है। राज्य भाजपा अध्यक्ष और बालुरघाट से लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार संदेशखाली जाते समय सुरक्षाकर्मियों से झड़प में घायल हो गए और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की। उनकी शिकायत पर लोकसभा की विशेषाधिकार रक्षा समिति ने मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के डीएम शरद कुमार द्विवेदी, बशीरहाट के एसपी और एएसपी को 19 फरवरी को दिल्ली में हाजिरी लगाने को कहा है।

14 फरवरी को संदेशखाली मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर पूरे इलाके में जारी निषेधाज्ञा खारिज कर दी। उसी दिन सुकांत को रोककर पुलिस प्रशासन ने उनका विशेषाधिकार हनन किया। याद करें, राजीव कुमार वही आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई की संभावित गिरफ्तारी से बचाने के लिए ममता धरने पर बैठी थीं। मालूम हो कि कई सौ करोड़ रुपये के राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर शाहजहां के गुर्गों ने हमला किया था और तभी से वह फरार है।

बंगाल में कानून का शासन नहीं, बल्कि शासक का कानून : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक कह चुका है कि बंगाल में कानून का शासन नहीं, बल्कि शासक का कानून चलता है। विधानसभा में ममता ने शाहजहां का बचाव किया और भाजपा व आरएसएस पर दोष मढ़ा। जून, 2019 में भी तीन राजनीतिक हत्याओं के मामले में शेख शाहजहां का नाम आया था, पर तब भी ममता ने उसका बचाव किया था। वाम जमाने में शेख शाहजहां की औकात एक स्थानीय रंगबाज की थी, पर ममता की शरण में आने के बाद रसूख के साथ उसकी संपत्ति भी तेजी से बढ़ी। बताया जाता है कि आज वह कई सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है। शिक्षा घोटाले में पार्थ चटर्जी, पशु तस्करी घोटाले में अणुव्रत मंडल, राशन घोटाले में जेल में बंद मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक सहित काले कारनामे करने वाले दर्जनों अभियुक्तों का ममता ने हर बार बचाव किया।

महिला आयोग की अध्‍यक्ष ने की पं. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

लोकसभा चुनाव करीब है और सरकार को लगता है कि लक्ष्मी भंडार के पांच सौ रुपये (जिसे बजट में बढ़ाकर एक हजार किया गया है) और अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए एक हजार रुपये का भत्ता देकर राज्य की दुर्गा शक्ति को खुश कर देगी। और हां, बाहरी का ढोल पीटकर बंगालियों की भावना को भी भुनाना है। विपक्ष का आरोप है कि संदेशखाली के कुछ इलाकों में रोहिंग्या शरणार्थी बस गए हैं। इस आरोप में दम है, क्योंकि ईडी अफसरों पर हमले की हिमाकत कोई कट्टरपंथी जमात ही कर सकती है। आज भी बांग्लादेश में म्यांमार से आए चार लाख से ज्यादा शरणार्थी हैं। वहां आज जिस तरह भारत विरोधी हवा बहाई जा रही है, उसे देखकर यही लगता है कि सुंदरवन के दुर्गम इलाकों से भारत में संगठित तरीके से घुसपैठ तो नहीं कराई जा रही है? (एएमएपी)