कर्नाटक में विधानसभा चुनाव परिणाम और कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद को लेकर काफी उलझन देखने को मिल रही थी। हालांकि अब इसपर विराम लग गया है। कांग्रेस ने अपना फैसला पेश कर दिया है। इसके मुताबिक सिद्धारमैया मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार अकेले उनके डिप्टी के तौर पर काम करेंगे।

कर्नाटक के लिए कांग्रेस ने सीएम और डिप्टी सीएम का फैसला ले लिया है। राज्य के पार्टी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ऐलान किया कि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। वह अकेले उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में रहेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि हम अपनी तरफ से वादा पूरा करने के लिए पांचों गारंटियों को पहली कैबिनेट में ही लागू करेंगे। 20 तारीख को दोपहर 12:30 बजे सीएम पद की और कैबिनेट के लोगों की शपथ होगी। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए खरगे ने विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।

क्यों झुके डीके शिवकुमार?

बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस 136 सीटों के साथ जबरदस्त बहुमत लेकर आई है। हालांकि इसके बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही पहले मुख्यमंत्री बनने पर अड़े थे। दोनों के ही समर्थक खुलकर आमने-सामने आ गए थे। हालांकि इस मामले में कांग्रेस आलाकमान ने दखल दिया और इस मसले का हल निकाल लिया। इसके मुताबिक सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। शिवकुमार ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता कर्नाटक के लोगों के प्रति है। उन्होंने स्वीकार किया कि आम चुनाव को देखते हुए उन्हें कांग्रेस आलाकमान के आगे झुकना होगा।

वहीं डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश इससे असहमत दिखे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भविष्य में हम और भी देखेंगे, अभी लंबा रास्ता बचा है। 13 मई को चुनाव के परिणाम आ गए थे। इसके बाद से अब तक कर्नाटक और दिल्ली में मुलाकातों का दौर चला। अब 20 मई को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेंगे। इसके अलावा कुछ मंत्रियों की भी शपथ हो सकती है।

शपथ ग्रहण समारोह की चल रही तैयारियां

सिद्धारमैया के गृह जिले मैसुरू और पैतृक गांव सिद्दारमनाहुंडी में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। उनके समर्थकों व शुभचिंतकों ने पटाखे छोड़े, नृत्य किया, मिठाइयां बांटी और सड़क पर लगाई गई तस्वीर पर दूध चढ़ाया। समर्थक खुश है कि उनके नेता राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बीच बेंगलुरु में श्री कांतीरावा स्टेडियम में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है। अधिकारियों ने इस स्थान का मुआयना किया।

नहीं मान रहे थे डीके, सोनिया ने संभाला मोर्चा

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से चर्चा के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के लिए और डीके शिवकुमार का नाम डिप्टी सीएम के तय किया था। कांग्रेस में इस डील पर सहमति बन चुकी थी लेकिन डीके शिवकुमार के अड़ जाने के बाद मामला लटकता चला गया। कांग्रेस ने बार-बार डीके शिवकुमार को इस डील के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह तैयार नहीं हो रहे थे। उधर फैसले में हो रही देरी को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधना शुरू कर दिया और इसे कमजोर बता डाला। आखिरकार सोनिया गांधी को बीच में उतरना पड़ा और उन्होंने बुधवार की शाम में डीके शिवकुमार से बात की। सोनिया गांधी से बात करने के बाद डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री का पद लेने को तैयार हो गए।

सिद्धारमैया का ये फैक्टर भी काम कर गया

चुनाव से पहले ही सिद्धारमैया ने एलान कर दिया था कि ये उनका आखिरी चुनाव है। इसके बाद वह राजनीति में तो रहेंगे, लेकिन कोई पद नहीं सभालेंगे। चुनाव के बाद भी हाईकमान के सामने उन्होंने यही दांव खेला। उन्होंने कहा कि वह इसके बाद कोई पद नहीं लेंगे। ऐसे में आखिरी बार उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। पार्टी को भी ये बात ठीक लगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कर्नाटक में अब बीएस येदियुरप्पा के बाद सिद्धारमैया ही सबसे वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में पार्टी को उनके अनुभव का फायदा मिल सकता है।

पिछड़े वर्ग में सिद्धारमैया की मजबूत पैठ

ये सबसे बड़ा कारण है। सिद्धारमैया की पकड़ हर तबके में काफी अच्छी है। खासतौर पर दलित, पिछड़े और मुसलमानों के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में अगर सिद्धारमैया को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तो संभव है कि वह पार्टी के खिलाफ जा सकते थे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के हाथों से दलित, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक भी खिसक सकता था। (एएमएपी)