मरीजों में बढ़ा बहरापन और आने लगे चक्कर।
कोरोना वायरस का प्रकोप भले ही न हो पर यह कई बीमारियों का दंश हमेशा के लिए दे गया। इसमें बहरापन और वर्टिगो (चक्कर) की दिक्कत भी शामिल हो गई है। डॉक्टरों के मुताबिक पोस्ट कोविड मरीजों में वायरस के न्यूरोट्रोपिज्म के कारण कॉक्लियर की संवेदी कोशिकाओं की परिधि प्रभावित हो गई है, इससे सुनने की क्षमता पर फर्क पड़ा है।जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ईएनटी बिभाग ने 100 ऐसे रोगियों पर अध्ययन किया गया, जिसके बाद यह स्थिति सामने आई। 22 महीने इलाज और फॉलोअप के बाद सामने आया कि कोरोना संक्रमण के कारण इनमें सुनने की क्षमता आधी रह गई। कई को कानों में अभी भी विचित्र ध्वनियां सुनाई देती हैं। रिसर्च में लिए गए मरीजों का प्योर टोन ऑडियोमेट्री के बाद ऑडियोलॉजिकल प्रोफाइल बनाया गया। इसमें पाया गया कि कई तंत्रों ने नुकसान पहुंचाया। वायरस ने आंतरिक कान की सूक्ष्मवाहिकीय संरचना और कार्यों को बदल दिया, परिणामस्वरूप एक थ्रोम्बस बन गया।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के हेड डॉ.एसके कनौजिया ने बताया कि पोस्ट कोविड मरीजों में हियरिंग लॉस के साथ वर्टिगो और विचित्र आवाजों की अनुभूति है। दवाओं से प्रभाव कम हुआ है। इंडियन जर्नल आफ ओटोलर्यनोलॉजी एंड हेड एंड नेक सर्जरी में प्रकाशन किया गया है।
यह भी रिजल्ट सामने आए
- जीएसवीएम के रिसर्च में 72 पुरुष व 28 महिलाओं को शामिल किया गया
- 18-20 में 1, 21-30 में 5, 31-40 में 28, 41-50 में 66 मरीज रहे
- 20 मरीजों में एक कान और दोनों में हियरिंग लॉस मिला। चक्कर की शिकायत भी मिली
- 57 में कान भरे होने पर व्यक्ति को रुकावट की अनुभूति हो रही है।
- सुनने की आवाज दबी हुई अनुभूति हो रही। कान में चटकने-चटकने की आवाज का अनुभव पाया गया।
- तीन मरीजों में टिनिटस मिला सुनने की क्षमता पर असर पाया गया।(एएमएपी)