नेपाल के आम चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलता देख सभी प्रमुख दल नई सरकार के लिए गठबंधन साधने में जुटे हैं। कम से कम 6 बड़े नेताओं की निगाहें प्रधानमंत्री पद पर गड़ी हैं और साथ-साथ सियासी बातचीत व मुलाकातें हो रही हैं। 138 सीटों का बहुमत का आंकड़ा कौन पार करेगा, यह अनिश्चितता बनी हुई है।20 नवंबर को हुए आम व प्रांतीय चुनावों के अधिकतर परिणाम आ चुके हैं, कुछ सीटों के परिणाम बाकी हैं। पांच पार्टियों के मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली नेपाली कांग्रेस फिर सरकार बनाने के दावे कर रही है। लेकिन तीन जिलों में चुनावी गड़बड़ी और धांधली के आरोप के बाद फिर से चुनाव हो सकते हैं। वोटों की धांधली के भी आरोप लगे हैं। यही वजह है कि स्पष्ट परिणाम आने में समय लग सकता है। सभी प्रमुख दल अपने गठबंधन को मजबूत बताने और 138 के आंकड़े के पार पहुंचता दिखाने में जुटे हैं।

पीएम से मिले नेता

पीएम शेर बहादुर देउबा ने गठबंधन के सहयोगियों माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल व यूनीफाइड सोशलिस्ट के प्रमुख माधव कुमार नेपाल से अलग-अलग मुलाकात की। उनका गठबंधन 138 का आंकड़ा नहीं पा सका, तो अन्य विकल्पों पर बात हुई। उन्हें नागरिक उन्मुक्ति पार्टी व कुछ निर्दलीयों का समर्थन मिल सकता है। नेपाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामचन्द्र पौडल से सोमवार को ही माधव कुमार नेपाल ने बातचीत की। पौडल ने प्रधानमंत्री बनने के लिए नेपाल से खुलकर समर्थन मांगा है।

किस पार्टी की कितनी सीटें

कांग्रेस : 53 जीते, तीन पर आगे
सीपीएन-यूएमएल : 42 जीते, 1 पर आगे
सीपीएन (माओवादी सेंटर) : 17 जीते
सीपीएन (यूनीफाइड सोशलिस्ट) : 10 जीते (एएमएपी)