नये साल 2024 में ग्रहण की चार घटनाएं होंगी। इनमें दो चंद्रग्रहण होंगे और दो सूर्यग्रहण, लेकिन पूर्वी एवं मध्य भारत के लिए ग्रहण की खगोलीय घटना पर ग्रहण लगेगा। इसका मतलब हुआ कि इस कैलेंडर वर्ष में भारत के इस भूभाग पर न तो सूर्यग्रहण दिखाई देगा और न ही चंद्रग्रहण दिखेगा।

नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि इस साल 2024 में वैसे तो विश्व में दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना होगी, लकिन इनमें से तीन ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दिखाई नहीं देंगे। केवल 18 सितंबर को सुबह सबेरे पश्चिमी भारत के कुछ नगरों में कुछ मिनिट के लिए उपछाया चंद्रग्रहण होगा। उपछाया ग्रहण को देखकर महसूस नहीं किया जा सकता है तथा इसकी धार्मिक मान्यता भी नहीं बताई गई है। इसीलिए 2024 भारत के लिए ग्रहणविहीन साल होगा।

सारिका घारू ने बताया कि सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और पृथ्वी की परिक्रमा करते चंद्रमा के एक कतार में आ जाने से दिखने वाली खगोलीय घटना का कोण इस प्रकार होगा कि भारतीय भू भाग से इसे देखा नहीं जा सकेगा। सूर्यग्रहण की घटना तब हो रही होगी, जबकि भारत में रात होगी तो वहीं चंद्रग्रहण की घटना के समय भारत में दिन निकल चुका होगा।

भारत के लिए क्यों खास है 2024

उन्होंने बताया कि बताया कि एक साल में चार से लेकर सात तक ग्रहण हो सकते हैं, जिनमें एक साल में दो से लेकर पांच तक सूर्यग्रहण हो सकते हैं। चंद्रग्रहण भी एक साल मे दो से लेकर पांच तक हो सकते हैं। आमतौर पर एक साल में दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होते हैं, लेकिन पृथ्वी के किसी एक भूभाग या देश से कितने ग्रहण दिखेंगे, यह हर बार बदलता रहता है।

अगर आप चंद्रग्रहण भारत में देखना चाहते हैं तो इसके अगले साल 7 सितंबर 2025 का करना होगा इंतजार और आंशिक सूर्यग्रहण को 2 अगस्त 2027 को देख पाएंगे।

इस साल के विश्व में घटित होने वाले ग्रहण (ये भारत में नही दिखेगे)

25 मार्च             – चंद्रग्रहण
8 अप्रैल             – सूर्यग्रहण
17 -18 सितंबर – चंद्रग्रहण
2 अक्टूबर           – सूर्यग्रहण

(एएमएपी)