उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्टिंग मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को नोटिस जारी किया। रावत ने स्वयं अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा,’आज जौलीग्रांट हॉस्पिटल में मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एक बड़ी महत्वपूर्ण संस्था भी आई। सीबीआई के दोस्त आये और उन्होंने मुझे एक नोटिस सर्व किया, तो मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ।

मैंने कहा जिस दिन हॉस्पिटल में लोग स्वास्थ्य का हाल-चाल पूछने आ रहे हैं तो सीबीआई को लगा होगा फिर कहीं कि मुझसे, देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और लोकतंत्र को कुछ ज्यादा खतरा है, इसलिये हॉस्पिटल में ही उन्होंने मुझे नोटिस सर्वे किया है। वाह सीबीआई । उल्लेखनीय है कि हाल ही में कांग्रेस नेता का वाहन उधमसिंह नगर जिले में दुर्घटना ग्रस्त हो गया था जिसमें वह घायल हो गए। इस समय उनका उपचार हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट (देहरादून) में चल रहा है। जहां परीक्षण में उनके पसली और कमर में चोट की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों ने उन्हें कुछ दिन अस्पताल में रुकने की सलाह दी है। इसी दौरान, आज उन्हें सीबीआई की ओर से यह नोटिस रिसीव कराया गया।

करण माहरा ने उठाए सीबीआई पर सवाल

करण माहरा ने कहा, ‘कांग्रेस को भारतीय न्यायपालिका में विश्वास है और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान है, लेकिन केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल को उचित नहीं ठहराया जा सकता.’ एजेंसी ने 2016 में सामने आए एक स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में गुरुवार को रावत को एक नोटिस सौंपा है जिसमें उन्हें चार जुलाई को ब्यूरो के सामने उपस्थित होकर अपनी आवाज का नमूना देने को कहा गया है।

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दूसरी तरफ कांग्रेस नेता हरीश रावत का भी सीबीआई के नोटिस पर बयान सामने आया है. रावत ने कहा, ‘दोस्तो सीबीआई के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा. क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है. मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों। रावत ने आगे कहा कि ‘मगर CBI इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब में दोस्तों को ईद मुबारकबाद देने गया तो उस समय वो घर पर नोटिस लेकर पहुंच गए. मैं घर पर नहीं था. फिर मैने निश्चय किया कि मैं खुद उनको आमंत्रित करूं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें।

जानिए पूरा मामला

हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते 2016 में एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था। यह स्टिंग तब एक चैनल से जुड़े उमेश कुमार (मौजूदा निर्दलीय विधायक) ने जारी किया था। इसमें सीएम हरीश रावत पर सरकार बचाने के लिए विधायकों की सौदेबाजी करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसी दौरान एक और स्टिंग विधायक मदन सिंह बिष्ट का भी आया था। इस स्टिंग में डॉ. हरक सिंह रावत के शामिल होने का दावा करते हुए हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए खरीद-फरोख्त के आरोपों से जोड़ते हुए जारी किया गया था। यह स्टिंग भी उमेश कुमार की ओर से ही जारी किया गया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। अब मामले की जांच इन चारों नेताओं के वॉयस सैंपल लेने पर टिकी हुई है, ताकि इनकी आवाज का मिलान स्टिंग में रिकॉर्ड हुई आवाज से किया जा सके।

विधायकों के लिए तय प्रक्रिया अपनाएं

अदालत में सीबीआई की ओर से बताया गया कि जिन्हें नोटिस होने हैं, उनमें दो मौजूदा विधायक भी हैं। कोर्ट ने सीबीआई को मौजूदा विधायकों के मामले में तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश दिए। विधायकों के विशेषाधिकार को देखते हुए सभी नियमों का पालन करने के लिए कहा है।

चार जुलाई को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े इस मामले में वॉयस सैंपल लेने की अनुमति संबंधी प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई की तिथि चार जुलाई तय की है। स्टिंग से जुड़े इस मामले को सीबीआई की गाजियाबाद शाखा में दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के लिए अभियोजन अधिकारी और सीबीआई इंस्पेक्टर भी गाजियाबाद से ही दून पहुंचे थे।
(एएमएपी)