जिनके योगदान को इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला।
आपका अख़बार ब्यूरो।
भारत में महिलाओं की सत्ता और प्रशासन में भागीदारी हजारों वर्षों से रही है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके योगदान को इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संस्कृति मंत्रालय और पद्मविभूषण, राज्यसभा सांसद व प्रख्यात नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका “स्त्री देश” कश्मीर की ऐसी ही 13 महिला शासकों का गान है, जिन्हें भुला दिया गया। नई दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित कमानी ऑडिटोरियम में मंचित इस नृत्य नाटिका की संकल्पना डॉ. सोनल मानसिंह ने की है। कश्मीर को भारत का ताज माना जाता है और इसे ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। डॉक्यू-ड्रामा “स्त्री देश” डॉ. आशीष कौल द्वारा लिखे गए शोध मोनोग्राफ पर आधारित है, जो आईजीएनसीए की शोध परियोजना के तहत कश्मीर की 13 महान महिलाओं के जीवन और समय पर आधारित है। इस अवसर पर पुस्तक “स्त्री देश” के अंग्रेजी संस्करण का लोकार्पण केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय कानून और न्याय राज्यमंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल, डॉ. सोनल मानसिंह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और डॉ. आशीष कौल ने किया।
जनता के जीवन को बेहतर बनाया
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वास्तव में लोगों को पता नहीं है कि कश्मीर में एक, दो या तीन नहीं, बल्कि 13 महिलाओं ने शासन किया। न सिर्फ शासन किया, बल्कि अपनी जनता के जीवन को बेहतर बनाया। उन्होंने राज्य की रक्षा के लिए युद्ध लड़े और जीते। लोगों को अन्न मिल सके, इसके लिए दुनिया में पहली बार जन वितरण प्रणाली की शुरुआत भी एक महिला शासक ने ही कश्मीर में की। इनकी कहानियां कही जानी चाहिए। मीनाक्षी लेखी ने कहा, “नैरेटिव को जनता के बीच ले जाने का सबसे अच्छा माध्यम है कहानियां और आज का कार्यक्रम वास्तव में कहानी कहने के बारे में ही है।” उन्होंने यह भी कहा कि नृत्य रूपों और ‘नाट्यशास्त्र’ का संहिताकरण ईसा से बहुत पहले हुआ था। भरत मुनि ने ‘नाट्यशास्त्र’ लिखा। नाट्यशास्त्र को पांचवां वेद कहा जाता है। बाद में आचार्य अभिनवगुप्त ने भी नाट्यशास्त्र पर लिखा, जो कश्मीर के ही थे। उन्होंने यह कहा कि “स्त्री देश” लैंगिक न्याय का उत्सव है, जिसके लिए भारत जाना जाता है।
डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि “स्त्री देश” कश्मीर की महिला शासकों पर याद रखा जाने वाला शानदार कार्य है, जो 1000 वर्षों की अवधि में फैला हुआ है। डॉ. जोशी ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय और कई देशों के राजदूत तथा उच्चायुक्त भी उपस्थित थे।