आपका अखबार ब्यूरो ।
सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पंजाब सरकार को माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया है।
मुख्तार अंसारी की कस्टडी ट्रांसफर याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजें। सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के किस जेल में रहेगा यह प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट तय करेगी। जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश में चल रहे मुकदमों का सामना कर सके।
यूपी-पंजाब में रस्साकशी
मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किए जाने को लेकर काफी समय से रस्साकशी चल रही थी। पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इंकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार को अपने राज्य में चल रहे मुकदमों के लिए मुख्तार अंसारी की कस्टडी की दरकार थी। मुख्तार अंसारी को पंजाब में जबरन वसूली के मामले में नामजद किया गया था और वह जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद है।
अंसारी को डायबिटीज, डिप्रेशन, एलर्जी
रिट याचिका पर हलफनामा दायर कर पंजाब सरकार ने कहा था कि मुख्तार अंसारी का स्वाद खराब है इसलिए उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा जा सकता। हलफनामे में जेल अधीक्षक के माध्यम से कहा गया था कि मुख्तार अंसारी को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, डिप्रेशन, पीठ दर्द और स्किन एलर्जी जैसी बीमारियां हैं।
छोटे से अपराध में पंजाब में बंद
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गंभीर मुकदमा लंबित हैं लेकिन इसके बावजूद एक छोटे से अपराध को लेकर वह 2 वर्ष से पंजाब की जेल में बंद है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना था कि अदालत ने कई बार अंसारी को पेश करने का वारंट जारी किया लेकिन पंजाब की जेल अथॉरिटी उसके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने में लगातार टालमटोल करती आई है।