सपा की प्राथमिक सदस्यता और विधान परिषद सदस्य के पद से दिया इस्तीफा
सपा से नाराज चल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब पार्टी से पूरी तरह से नाता तोड़ लिया है। मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही विधान परिषद सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से 13 फरवरी को ही इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों के साथ 22 फरवरी को नए राजनीतिक संगठन या पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। यह भी चर्चा है कि पुराने बहुजन चेहरों और खासकर दलित ओबीसी की राजनीति करने वाले नेताओं के साथ मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य एक नए राजनीतिक संगठन के साथ सामने आ सकते हैं। इसमें समाजवादी पार्टी के उनके समर्थक पूर्व विधायक पूर्व सांसद बिहार के कई नेता शामिल होंगे।
अखिलेश के बयान का स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया जवाब
अखिलेश यादव के सोमवार को दिए बयान को इंगित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि उनकी (अखिलेश की) सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं है। उन्होंने जो भी दिया है वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा। मेरे लिए पद नहीं विचार मायने रखता है… अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हें मुबारक । सोमवार को अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बागी तेवरों के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि किसी के मन क्या है यह कैसे जाना जा सकता है। कुछ लोग लाभ के लिए आते हैं और लाभ लेकर चले जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में पूर्व समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी बनाई। 22 फ़रवरी को दिल्ली में लॉंच करेंगे। पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है।
क्या कहेंगे आप? #SwamiPrasadMaurya | #AkhileshYadav pic.twitter.com/gadyZv74fl
— Changing India (@changing_india_) February 19, 2024
अलग पार्टी बनाने जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य
अखिलेश की इस टिप्पणी पर सोमवार को भी स्वामी प्रसाद मौर्य जमकर भड़के थे। सोमवार को पता चला था कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं। इस पार्टी का झंडा भी सामने आया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया था कि 22 फरवरी को वह दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इसी कार्यक्रम में उनके अगले कदम का खुलासा होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ के जरिए अपने इस्तीफे की जानकारी दी। साथ ही दोनों पदों से इस्तीफे की प्रतियां भी पोस्ट कर दीं।
समाजवादी विचारधारा के विपरीत जा रहे अखिलेश यादव : मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एएनआई से कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के विपरीत जा रहे हैं। मैं 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद पार्टी बनाने के अपने फैसले का उद्घोष भी करूंगा। विधानपरिषद सभापति को भेजे अपने इस्तीफे में स्वमाी प्रसाद मौर्य ने लिखा है, ‘मैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उत्तर प्रदेश निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य विधान परिषद निर्वाचित हुआ हूं। चूंकि मैंने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है अस्तु नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उत्तर प्रदेश की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं। कृप्या इसे स्वीकार करने की कृपा करें।’
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इसी तरह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में मौर्य ने लिखा है, ‘आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। किन्तु दिनांक 12 फरवरी 2024 को हुई वार्ता एवं दिनांक 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल न करने के फलस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं।’
ओपी राजभर ने कसा था तंज
इसके पहले जब 13 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र दिया था तब सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने उन पर तंज कसते हुए कहा था कि यह ड्रामा है। राजभर ने कहा था कि स्वामी को यदि इस्तीफा देना ही था तो एमएलसी पद से दे देते। संगठन में तो कभी भी वापसी हो सकती है। स्वामी ने तब तो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी लेकिन मंगलवार को आखिरकार सपा की प्राथमिक सदस्यता के साथ एमएलसी का पद भी छोड़ दिया। (एएमएपी)