तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन इसके लिए मिशन-40 में जुट गए हैं। इस अभियान के तहत वह कई ऐसी लोक लुभावन योजनाओं का लागू कर रहे हैं, जिससे जनता को खुश किया जा सके। इनमें सितंबर से गरीब महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने और 50 हजार निशुल्क बिजली कनेक्शन देने की योजना प्रमुख हैं। राज्य में सरकार जब से सत्ता में आई है, दो लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस तरह की कई और योजनाएं स्थानीय स्तर पर भी लागू की जा रही हैं।
करुणानिधि की विरासत को भुनाने का प्रयास
पिछले लोकसभा और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु की जनता ने स्टालिन के नेतृत्व में भरोसा जताया है। लोगों ने उन्हें एम.करुणानिधि के स्वभाविक उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार किया है। इस साल करुणानिधि की जन्म शताब्दी मनाई जा रही है, जिसके तहत राज्य में न सिर्फ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, बल्कि मदुरै-पुदुनान्थम सड़क मार्ग पर एक बडे पुस्तकालय की स्थापना भी की जा रही है। इसमें करुणानिधि की कृतियों एवं उनके बारे में लिखी गई पुस्तकों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही एक स्मारक का निर्माण भी हो रहा है। उनके जन्मशती समारोह को बड़े कार्यक्रम के रूप में पेश करने की तैयारी है, ताकि आगामी चुनावों में भी द्रमुक को इसका फायदा मिल सके।
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भाजपा-अन्नाद्रमुक के समक्ष चुनौतियां कम नहीं
दूसरी तरफ भाजपा और अन्नाद्रमुक के गठबंधन के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हैं। जयललिता के निधन के बाद से लेकर अब तक करीब सात वर्षों में हालांकि अन्नाद्रमुक की कमान पलानीस्वामी के हाथ में रही है, लेकिन वह पार्टी को स्थापित कर पाने में विफल रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। जानकार मानते हैं कि आगे भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं, इसके बावजूद भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन लोकसभा की कुछ सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। भाजपा वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों में राज्य में तीन फीसदी मत हासिल कर चार सीटें जीतने में सफल रही थी। इसलिए इन संभावनाओं को बल मिला है कि अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनावों में भी भाजपा का खाता खुलेगा।
एनडीए के पास अभी सिर्फ एक सीट
दरअसल, लोकसभा में एनडीए के पास तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक की महज एक सीट है। अगले चुनावों में इसमें जो भी बढ़ोतरी होगी, उससे एनडीए का संख्याबल मजबूत होगा। अन्नाद्रमुक की स्थिति पहले से बेहतर तो नहीं कही जा सकती है, लेकिन कुछ सीटों पर गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।(एएमएपी)



