आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप
मंगलवार को ही उच्च न्यायालय ने के. पोनमुडी को करप्शन के केस में दोषी पाया था। उनके अलावा पत्नी को भी दोषी ठहराया गया था और गुरुवार के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है। के. पोनमुडी पर यह केस 2006 से 2011 तक मंत्री रहने के दौरान कमाई गई दौलत को लेकर चल रहा था। अदालत का कहना था कि 72 साल के के. पोनमुडी के ज्ञात स्रोतों से 1.75 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति पाई गई है। यह संपत्ति कैसे अर्जित की गई है, इसके बारे में मंत्री जानकारी नहीं दे सके हैं।
गूगल ने स्वीकारा इजराइली सेना का अनुरोध, बंद किया ‘लाइव ट्रैफिक’ फीचर
निचली अदालत ने 2016 में किया था बरी
दरअसल मंत्री को विल्लुपरम की निचली अदालत ने 2016 में बरी कर दिया था। फिर यह मामला जब हाई कोर्ट पहुंचा तो उसने निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत यह केस साबित होता है। यही नहीं उच्च न्यायालय के जस्टिस जयचंद्रन ने कहा था कि निचली अदालत में सबूतों को दरकिनार कर दिया गया था और यह न्याय की धारणा के विपरीत था। अदालत में सबूतों को सही से पेश नहीं किया गया था।(एएमएपी)