तमिलनाडु में दो वरिष्ठ मंत्रियों के इस्तीफे के बाद स्टालिन के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल के तहत पद्मनाभपुरम के विधायक टी मनो थंगराज ने सोमवार को मंत्री पद की शपथ ली।
चेन्नई में राज्यपाल आर एन रवि ने थंगराज को पद की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल के पिछले फेरबदल में थंगराज को दूध और डेयरी विकास मंत्री के पद से हटा दिया गया था। थंगराज को सोमवार को फिर से वही विभाग आवंटित किया गया। थंगराज कन्याकुमारी जिले में पद्मनाभपुरम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब 2021 में द्रमुक ने सत्ता संभाली तो मनो थंगराज को शुरुआत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री नियुक्त किया गया था। वह दो वर्षों तक आईटी मंत्री रहे। मई 2023 में कैबिनेट फेरबदल में उन्हें आईटी विभाग के बजाय डेयरी विभाग सौंपा गया। डेयरी मंत्री के रूप में उनके लगभग डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान कई विवाद उत्पन्न हुए। इसके बाद पिछले सितंबर में कैबिनेट फेरबदल के दौरान उनको मंत्री पद हटा दिया गया था। फिलहाल मंत्रिमंडल में कन्याकुमारी से कोई भी व्यक्ति नहीं है। राजनीतिक हलकों का कहना है कि मनो थंगराज को अगले साल होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
राज्य विधानसभा में पारित विभिन्न विधेयकों को मंजूरी देने में देरी के संबंध में उच्चतम न्यायालय से द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और राज्यपाल रवि के बीच पहली बार मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया। उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन, वरिष्ठ मंत्री दुरईमुरुगन समेत अन्य शपथ ग्रहण में मौजूद थे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में राज भवन ने कहा कि थंगराज को दूध और डेयरी विकास विभाग आवंटित किया गया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश पर विभाग आवंटन को मंजूरी दी।
रविवार को तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी और के पोनमुडी ने अपने खिलाफ अदालती मामलों के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे सेंथिल बालाजी को पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने ‘‘पद और स्वतंत्रता के बीच’’ चुनाव करने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि अगर वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। बालाजी के खिलाफ ईडी का मामला पूर्ववर्ती ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में ‘नौकरी के बदल धन’ से संबंधित है। वहीं, पोनमुडी ने हाल में अपनी शैव-वैष्णव टिप्पणी से बड़ा विवाद पैदा कर दिया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी। पोनमुडी की टिप्पणी से जुडे मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने कार्यवाही शुरू की थी।
मंत्री एस एस शिवशंकर को बिजली विभाग दिया गया है, जो सेंथिल बालाजी के पास था। मंत्री एस मुथुसामी को आबकारी और निषेध विभाग दिया गया है, जो बालाजी के पास था। मंत्री आर एस राजकन्नप्पन को पोनमुडी का वन और खादी विभाग दिया गया है। राज्यपाल ने थंगराज को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मुख्यमंत्री की सिफारिश स्वीकार कर ली थी।