लंबी बीमारी के चलते 73 साल की उम्र में हुआ निधन

मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार और कनाडाई लेखक तारिक फतेह जन्म से तो पाकिस्तानी थे लेकिन वे अपने बयानों में जमकर भारत की तरफदारी करते थे। बाबरी मस्जिद ढहाने का उन्होंने सीधा-सीधा समर्थन कर डाला था। यही नहीं, कई अन्य मुद्दों पर भी वह सीधे भारत के साथ खड़े नजर आते थे। उन्होंने कहा था कि ये भी हकीकत है कि बाबरी ढांचा भी बनाया गया था। उनके इन बयानों से पाकिस्तान तक को जमकर मिर्ची लगती थी।

 

तारिक फतेह  का सोमवार को निधन हो गया। वे 73 साल के थे। वे काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नताशा ने ट्वीट करके दी। तारिक फतेह का जन्म 1949 में कराची में हुआ था। हालांकि उनका लगाव भारत के साथ कुछ ज्यादा ही रहा।  तारिक फतेह की बेटी नताशा ने ट्वीट कर लिखा कि पंजाब के शेर, हिन्दुस्तान के बेटे, कनाडा के प्रेमी, सत्य के वक्ता और न्याय के योद्धा का निधन हो गया है। उनकी क्रांति उन लोगों के जरिए बनी रहेगी, जो उन्हें जानते थे और प्यार करते थे।

धार्मिक कट्टरता के खिलाफ तारिक फतेह

तारिक फतेह हमेशा अपनी बात मुखरता के साथ रखने के लिए जाने जाते थे। आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर दिए गए अपने बयानों को लेकर वे अक्सर चर्चा में रहते थे। धार्मिक कट्टरता के खिलाफ रहे तारिक फतेह खुद को हिन्दुस्तान का बेटा मानते थे। तारिक फतेह भारतीय संस्कृति के मुरीद थे, जिस बात से पाकिस्तान हमेशा बौखलाया रहता था। अपनी राय मुखरता से रखने के कारण उन्हें पाकिस्तान में खतरा लगने लगा, तब उन्होंने 1987 में कनाडा का रुख कर लिया था। कनाडा जाने के बाद वो वहीं के हो गए। तारिक फतेह ने धार्मिक कट्टरता पर बेहद बेबाकी से अपनी राय रखी।

सोशल मीडिया पर पॉपुलर थे तारिक फतेह

कनाडा जाने के बाद उन्होंने बतौर रिपोर्टर अपने करियर का आगाज किया था। हालांकि आगे चलकर वे रेडियो और टीवी में कॉमेंट्री करते भी नजर आए। उनकी सोशल मीडिया पर भी अच्छी खासी फॉलोइंग थी। तारिक फतेह का परिवार बंबई (अब मुंबई) का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद कराची चला गया था। उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में पत्रकारिता में आ गए। उन्हें अपने पत्रकारिता के दौरान पाकिस्तान में दो बार जेल भी जाना पड़ा था।

बाबरी पर डिफेंसिव होने की जरूरत नहीं

एक इंटरव्यू में तो उन्होंने भारत को दुनिया को रास्ता दिखाने वाला बताते हुए कहा था कि बाबरी मस्जिद पर भारत को डिफेंसिव होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दावा किया था कि बाहर से आया एक शख्स मंदिर पर मस्जिद बना दिया और पूरे मुल्क को बांट दिया। फतेह ने उस इंटरव्यू में कहा था, ‘ आप दुनिया की सबसे बड़ी सभ्यता हैं। 10 हजार साल से दुनिया को रास्ता दिखाया है। पहाड़ों को काटकर मंदिर बनाया। आप क्यों डिफेंसिव हो रहे हैं? किसने बोला था उन्हें मस्जिद (बाबरी) बनाने के लिए? तू यहां पैदा नहीं हुआ, मरा कहीं और जाकर। आकर एक मंदिर पर मस्जिद बना दिया और पूरे मुल्क को बांट दिया। डिफेंस ऑफ इंडिया इज इंड ऑफ सिविलाइजेशन। इंडिया है तो दुनिया है, अगर इंडिया खत्म हुआ तो दुनिया खत्म।’

खुद को बताते थे पाकिस्तान में जन्मा भारतीय

तारिक फतेह खुद को पाकिस्तान में जन्मा भारतीय बताते थे। उन्होंने एक बार कहा था, ‘मैं पाकिस्तान में जन्मा भारतीय हूं, इस्लाम में पैदा हुआ पंजाबी हूं; एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक प्रवासी और मार्क्सवाद से प्रेरित युवा हूं।’ वह खुलकर कहते थे कि उनके पूर्वज हिंदू थे। हिंदुस्तान का हर शख्स हिंदू है। आरएसएस से भी इस तरह के बयान अक्सर आते हैं कि हिंदुस्तान में जन्मा हर शख्स हिंदू है, चाहे उसका पंथ कुछ भी हो।

भारत को बताते थे मुस्लिमों के लिए सबसे सुरक्षित देश

तारिक फतेह अक्सर भारत की तारीफ और पाकिस्तान की आलोचना किया करते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘भारत इकलौता ऐसा देश है जहां मुस्लिम बिना किसी डर के अपना प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुकाबले भारत के मुस्लिम ज्यादा सक्षम हैं।’

भारत की सर्जिकल स्ट्राइक की तारीफ

2016 में एक भारतीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की तारफ की। उन्होंने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, उसने सिर्फ उस जगह पर आतंकी कैंपों पर हमला किया जहां पाकिस्तान पिछले 70 सालों से अवैध कब्जा किए हुए है।’ उसी इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान को जोक करार दिया। फतेह ने कहा था, ‘पाकिस्तान अपने आप में कोई देश नहीं है, ये सिर्फ एक माइडसेट है। अफगानिस्तान अफगानों का है, बांग्लादेश बंगालियों से है, कजाकिस्तान कजाक से है, पाकिस्तान का कौन है? पाकिस्तान हम सबसे किया गया एक मजाक था।’(एएमएपी)