दो साल में दी जाएंगी ये नौकरियां
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कोरोना पाबंदियों के चलते एप्पल के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है। इसके कारण आईफोन निर्माता भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है। यही कारण है कि घरेलू कंपनियां भी विस्तार का हिस्सा बनने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि टाटा समूह ने एप्पल से ज्यादा से ज्यादा ऑर्डर हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। रतन टाटा के टाटा ग्रुप की तैयारियों की बात करें तो आने वाले 18 से 24 महीनों में करीब 45,000 नौकरियां दी जाने वाली हैं। खास बात ये है कि ये नौकरियां ज्यादातर महिलाओं के लिए होंगी।
टाटा के प्लांट में ज्यादातर महिला कर्मी
फिलहाल, टाटा के 500 एकड़ में फैले इस प्लांट में करीब 10,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से भी ज्यादातर महिला कर्मचारी हैं। बीते सितंबर महीने में ही इस प्लांट में 5,000 महिला कर्मचारियों को नौकरी पर रखा गया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि होसुर संयंत्र में काम करने वाली महिला श्रमिकों को 16,000 रुपये से अधिक का सकल वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों को फैक्टरी में भोजन और आवास जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है। इसके अलावा टाटा की योजना श्रमिकों को प्रशिक्षण और शिक्षा देने की भी है।
Wistron के साथ भी बातचीत जारी
टाटा समूह भारत में आईफोन को असेंबल करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ज्वाइंट वेंचर स्थापित करने के लिए Wistron के साथ भी बातचीत के दौर में है। एप्पल से ज्यादा ऑर्डर हासिल करने के प्रयास के बीच रतन टाटा के समूह ने हर बिंदु पर तैयारियां तेज कर दी हैं। हालांकि, टाटा ग्रुप की ओर से अभी तक होसुर में अपने हायरिंग प्लान के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है और न ही या एप्पल इंक की तरफ से कोई टिप्पणी सामने आई है।
कंपनियों के लिए चीन का विकल्प भारत
भारत में आईफोन के कुल कारोबार का अभी बेहद छोटा हिस्सा मौजूद है, जिसे बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं। भारत सरकार भी प्रयास कर रही है कि बड़ी कंपनियों के भारत चीन का विकल्प बन कर उभरे। आईफोन का बड़ा कारोबार हासिल करने करने की योजना भी इसमें शामिल है। एक रिपोर्ट की मानें तो टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर में स्थित अपने प्लांट में नई प्रोडक्शन लाइन शुरू करने का मन बना रहा है। फिलहाल फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जो आईफोन के लिए पार्ट्स का निर्माण करते हैं, भारत में उत्पादन बढ़ा रहे हैं। (एएमएपी)