टाटा ग्रुप की कंपनी-टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड जल्द ही बिसलेरी इंटरनेशनल का अधिग्रहण कर सकती है। जानकारी के मुताबिक यह डील 7000 करोड़ रुपये में फाइनल होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में पैकेज्ड वॉटर मेकर बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान का हवाला देते हुए यह जानकारी दी गई है।बाजार के जानकारों की मानें तो डील फाइनल होने के बाद टाटा ग्रुप की कंपनी पानी के मार्केट में सबसे बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभर सकती है। बता दें कि टाटा समूह का कंज्यूमर कारोबार टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के तहत आता है। यह हिमालयन ब्रांड के तहत और हाइड्रेशन सेगमेंट में टाटा कॉपर प्लस वाटर और टाटा ग्लूको जैसे ब्रांडों के साथ पैकेज्ड मिनरल वाटर भी बेचता है।

कितना बड़ा बाजार

मार्केट रिसर्च और एडवाइजरी TechSci रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में भारतीय बोतलबंद पानी का बाजार 2.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 19,315 करोड़ रुपये) से अधिक आंका गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बोतलबंद पानी उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इसे बाजार में खुले सामान्य पानी की तुलना में अधिक स्वच्छ माना जाता है। खुले पानी को स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है और यह पीने के लिए भी असुरक्षित है।

दूसरी कंपनियां भी मार्केट में

बोतलबंद पानी के मार्केट में कोका-कोला इंडिया सहित कई कंपनियां अपने ब्रांड के साथ टक्कर दे रही हैं। कोका-कोला की किनले, पेप्सिको की एक्वाफिना, पार्ले एग्रो की बेली और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) की रेल नीर की उपस्थिति है। हालांकि, ये सभी मार्केट लीडर बिसलेरी से पीछे हैं।

बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य

ईटी की रिपोर्ट की मानें तो रमेश चौहान की उम्र 82 साल हो गई है, बढ़ती उम्र के साथ-साथ खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने इस कंपनी को बेचने को फैसला किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिसलेरी को आगे बढ़ाने या विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए चेयरमैन के पास कोई उत्तराधिकारी नहीं है।

जयंती चौहान के बारे में

क्या सच में कंपनी को कोई चलाने वाला है नहीं है? सबसे पहले रमेश चौहान के परिवार के बारे में जानते हैं। उनके बारे में जितनी जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबिक उनकी एक बेटी है, जिनका नाम जयंती चौहान (Jayanti Chauhan) हैं। इनकी उम्र 37 साल है। और ये बिसलेरी कंपनी की वाइस चेयरपर्सन हैं।  कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जयंती के पिता और बिसलेरी के कर्ता-धर्ता रमेश चौहान ने अपनी बेटी को 24 की उम्र में ही कंपनी बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी थी। शुरुआत में जयंती को दिल्ली ऑफिस की जिम्मेदारी दी गई थी। उसके बाद 2011 में मुंबई बिसलेरी कार्यालय का भी जिम्मा उन्हें सौंप दिया गया। उसके बाद ग्लोबल लेवल पर भी ब्रांड को बढ़ाने में जयंती की बड़ी भूमिका रही है।

बेटी जयंती की कम दिलचस्पी भी वजह

अब रिपोर्ट की मानें तो रमेश चौहान ने बिसलेरी को बेचने के पीछे कई कारणों में से एक कंपनी में बेटी जयंती की कम दिलचस्पी को भी बताया है। उनकी बेटी और बिसलेरी की वाइस चेयरपर्सन जयंती इस कारोबार को लेकर बहुत उत्सुक नहीं हैं। जिसके चलते अब बिसलेरी को बेचने की तैयारी की जा रही है। यहां बता दें कि बिसलेरी के चेयरमैन और एमडी पद की जिम्मेदारी रमेश चौहान के कंधे पर है, वहीं उनकी पत्नी जैनब चौहान कंपनी की डायरेक्टर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक ‘बिसलेरी इंटरनेशनल’ के चेयरमैन रमेश चौहान ने बताया कि आगे चलकर किसी को तो इस कंपनी को संभालना ही होगा, इसलिए हम उचित रास्ता तलाश रहे हैं। उनकी बेटी को कारोबार संभालने में कम दिलचस्पी है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी केवल बातचीत चल रही है, डील पर मुहर नहीं लगी है। (एएमएपी)