हाल ही में तेलंगाना विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने वाले सभी 8 भाजपा सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने तक विधानसभा की कार्यवाही संचालित करने के लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की नियुक्ति का विरोध करते हुए बीते शनिवार (9 दिसंबर) को शपथ लेने से इनकार कर दिया।
भाजपा द्वारा शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार को ‘संविधान का अपमान’ बताते
भाजपा द्वारा शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार को ‘संविधान का अपमान’ बताते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) दोनों ने ‘लोकतंत्र की भावना के खिलाफ’ कार्य करने के लिए भाजपा की आलोचना की है। बीते शनिवार को राजभवन में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई थी।
#WATCH | Telangana BJP chief G Kishan Reddy says, “BJP is against the appointment of Akbaruddin Owaisi as Pro-tem Speaker (of Telangana Assembly). This is against the tradition of appointing senior MLAs to the post. BJP MLAs will boycott taking oath before this Pro-tem Speaker.… pic.twitter.com/QSbLWmE6Nf
— ANI (@ANI) December 9, 2023
प्रोटेम स्पीकर बनाने का प्रोटोकॉल रहा है
राज्य में एक प्रोटोकॉल रहा है कि सदन में एक वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाए। ओवैसी सबसे वरिष्ठ विधायक हैं, जिन्होंने चंद्रायनगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से छह बार जीत हासिल की है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति तब तक के लिए होती है, जब तक स्थायी विधानसभा अध्यक्ष न चुन लिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा की चुनाव के बाद पहली बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों को पद की शपथ दिलाने के लिए एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। वह नए अध्यक्ष के मतदान और चुनाव की अध्यक्षता करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 14 दिसंबर को होने हैं। तेलंगाना में कांग्रेस ने गद्दाम प्रसाद कुमार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकित किया है।
हिंदुओं को धमकाता है, गाली देता है और हिंदू विरोधी टिप्पणियां करता: टी. राजा सिंह
ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने कहा, ‘कोई ऐसे व्यक्ति के सामने शपथ क्यों लेगा, जो हिंदुओं को धमकाता है, गाली देता है और हिंदू विरोधी टिप्पणियां करता है? जब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा तो हम उनके कक्ष में जाएंगे और शपथ लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘2018 में मैंने शपथ नहीं ली थी, क्योंकि एआईएमआईएम नेता को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था. बीआरएस और कांग्रेस एआईएमआईएम को इतना खुश क्यों करना चाहते हैं? ऐसे कई वरिष्ठ विधायक हैं, जिन्हें नियुक्त किया जा सकता था।
‘अगर वह स्पीकर की कुर्सी पर बैठे हैं तो मैं शपथ नहीं लेने जा रहा हूं।
बीते शुक्रवार (8 दिसंबर) को सबसे पहले सिंह ने ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा था, ‘अगर वह स्पीकर की कुर्सी पर बैठे हैं तो मैं शपथ नहीं लेने जा रहा हूं। ओवैसी, निज़ाम की रज़ाकार सेना के प्रमुख कासिम रज़वी के परिवार से हैं, जिसने तेलंगाना के लोगों का नरसंहार किया था। दो अन्य भाजपा विधायक निज़ामाबाद (शहरी) से डी. सूर्यनारायण और आर्मूर से पी. राकेश रेड्डी ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
तकनीकी रूप से, जो सदस्य पहले दिन शपथ नहीं ले सके, वे अध्यक्ष के निर्वाचित होने के बाद उनके कक्ष में ऐसा कर सकते हैं। बीआरएस के प्रवक्ता डॉ. डी. श्रवण ने कहा कि टी. राजा सिंह और अन्य भाजपा विधायक एक खराब मिसाल कायम कर रहे हैं।
सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के अलावा और कुछ नहीं
उन्होंने कहा, ‘एक बार जब आप निर्वाचित सदस्य बन जाते हैं और विधानसभा में प्रवेश करते हैं, तो आपको अपनी धार्मिक भावनाओं से निर्देशित नहीं होना चाहिए। भाजपा विधायक संविधान और सदन का अपमान कर रहे हैं। यह बेतुका और अनावश्यक है। यह सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया, ‘जब हामिद अंसारी राज्यसभा के सभापति थे तो क्या भाजपा सांसदों ने शपथ नहीं ली थी?’ कांग्रेस नेताओं ने संविधान का अपमान करने और सदन में धर्म को लाने के लिए भाजपा विधायकों की भी आलोचना की।तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता सी. किरण कुमार रेड्डी ने कहा, ‘स्पीकर या प्रोटेम स्पीकर एक संवैधानिक पद है। यह एआईएमआईएम पार्टी को नहीं दिया गया है, यह एक वरिष्ठ विधायक को दिया गया है। यह विरोध दर्शाता है कि वे (भाजपा विधायक) लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं। बीआरएस सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव और उनके बेटे कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव शनिवार को विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए और अब तक शपथ नहीं ली है।
टी. राजा सिंह गोशामहल से तीसरी बार जीत दर्ज की
बीते 30 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता टी. राजा सिंह गोशामहल से तीसरी बार जीत दर्ज की थी. उनके अलावा सिरपुर से डॉ. पी. हरीश बाबू, आदिलाबाद से पी. शंकर, निर्मल से ए. महेश्वर रेड्डी, मुधोले से रामराव पवार, आर्मूर से पी. राकेश रेड्डी, कामारेड्डी से के. वेंकटरमण और निज़ामाबाद शहरी से डी. सूर्यनारायण ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की है।
हैदराबाद में रहने वाले सिंह के अलावा अन्य सात विधायक शनिवार को हैदराबाद आए, लेकिन शपथ ग्रहण का बहिष्कार करने का फैसला किया। उन्होंने आपत्ति जताते हुए राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा।
प्रोटोकॉल और मिसालों का घोर उल्लंघन हो रहा
इसमें उन्होंने लिखा है, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नवनिर्वाचित विधानसभा की शुरुआत में ही प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल और मिसालों का घोर उल्लंघन हो रहा है। संविधान के अनुच्छेद 188 के अनुसार, विधानसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर के रूप में नामित किया जाना चाहिए। हालांकि ऐसे कई सदस्य हैं, जो अकबरुद्दीन ओवैसी से वरिष्ठ हैं, फिर भी सरकार ने उन्हें प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया, जो निर्धारित मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है। तेलंगाना विधानसभा में भाजपा की संख्या 2018 में केवल एक (पांच साल पहले टी. राजा सिंह एकमात्र विजेता थे) से बढ़कर अब आठ हो गई है और इसका वोट शेयर भी 6.90 प्रतिशत से दोगुना होकर 14 प्रतिशत हो गया है।
पीएम मोदी के फैसले महात्मा गांधी के विचारों को दर्शाते हैं : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
45 वर्षीय टी. राजा सिंह ने 2022 में 76 दिन जेल में बिताए थे, जब तेलंगाना पुलिस ने बार-बार किए गए अपराधों, विशेष रूप से शहर में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने के लिए उनके खिलाफ निवारक निरोध अधिनियम लागू किया था। पुलिस ने उनके खिलाफ 104 आपराधिक मामलों का हवाला दिया था, जिसमें 18 सांप्रदायिक मामले भी शामिल हैं।