
शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और आंध्रप्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दामोदर राज नरसिंह ने यह कहकर नया बवाल शुरू कर दिया था कि अगर दूसरे दलों से कांग्रेस में आने वालों को पार्टी में प्राथमिकता दी जाएगी, तो इससे मूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच क्या संदेश जाएगा। उनका संदर्भ टीडीपी नेताओं का कांग्रेस जॉइन करने से था। यही नहीं पार्टी के एक और नेता उत्तम कुमार की ओर से आरोप लगाया गया था कि पीसीसी के 50% से अधिक सदस्य ऐसे नेता हैं जो पहले टीडीपी से जुड़े थे। वहीं, सालों से कांग्रेस के लिए काम करने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के 13 सदस्यों ने कुछ वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणियों के विरोध में रविवार को इस्तीफा दे दिया। इन सदस्यों में कांग्रेस विधायक डी. अनसूया (सीतक्का) और पूर्व विधायक वी. नरेंद्र रेड्डी जैसे बड़े चेहरे भी शामिल हैं। राज नरसिंह ने जब यह टिप्पणी की तब कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, लोकसभा सदस्य एन. उत्तम कुमार रेड्डी, पूर्व सांसद मधु यशकी गौड़ और पार्टी विधायक टी. जयप्रकाश रेड्डी भी उनके साथ मौजूद थे।
हाईकमान के भरोसे पीसीसी चीफ रेड्डी
इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद ए. रेवंत रेड्डी कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। रेड्डी ने अंतर्कलह को लेकर पत्रकारों के सवालों का प्रत्यक्ष रूप से जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान इन सभी मुद्दों पर गौर करेगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्देशानुसार गांव से लेकर राज्य स्तर तक के नेता 26 जनवरी को तेलंगाना में पदयात्रा निकालकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की “नाकामियों” को उजागर करेंगे। (एएमएपी)



