ऊर्जा मंत्री सलमान ने अमेरिका को दी चेतावनी।

तेल उत्पादन घटाने के फैसले को लेकर अमेरिका और तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक प्लस के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। अब सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान ने अमेरिका को सीधे चेतावनी दे दी है। सलमान ने कहा कि अमेरिका द्वारा अपने सुरक्षित तेल भंडार से तेल बेचना खतरनाक होगा।अमेरिका व सऊदी अरब के रिश्ते दोस्ताना रहे हैं, लेकिन तेल की कीमतों व उत्पादन घटाने के ओपेक देशों के फैसले से वह नाराज है। अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब और अन्य तेल उत्पादक देश तेल उत्पादन बढ़ाएं और तेल के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी न करें। लेकिन, ओपेक अमेरिका के दबाव में नहीं आया, इस कारण अमेरिका को मजबूरन अपने रिजर्व तेल भंडार से तेल बाजार में बेचने का फैसला करना पड़ा।

बाइडन ने खोला आपात तेल भंडार

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले सप्ताह देश के आपात तेल भंडार से डेढ़ करोड़ बैरल तेल बेचने का एलान किया है। यह फैसला 8 नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले तेल की कीमत पर काबू पाना है।

आपात तेल भंडार खोलने से होगी मुश्किल : सलमान

अमेरिका का यह फैलस सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने राजधानी रियाद में आयोजित ‘फ्यूचर इनिशिएटिव इन्वेस्टमेंट सम्मेलन’ में अमेरिका को चेताया कि आपात तेल भंडार को खाली करना बहुत मुश्किल पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब अमेरिका के साथ साझेदारी में ज्यादा मजबूत भूमिका में है।

रूस की मदद नहीं, कीमतें स्थिर करने के लिए कटौती : सलमान

सलमान ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह आरोप बेबुनियाद है कि रूस की मदद के लिए तेल उत्पादन में कटौती की जा रही है। कटौती का फैसला पूरी तरह से आर्थिक है। इसका मकसद विश्व बाजार में तेल की कीमतें स्थिर करना है।

रोजाना 20 लाख बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला

बता दें, ओपेक प्लस देशों ने पांच अक्तूबर को रोजाना 20 लाख बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला किया था। ओपेक प्लस में 24 देश शामिल हैं। इन देशों के समूह में रूस भी शामिल है।उत्पादन घटाने से दाम बढ़ेंगे, इससे रूस को और फायदा होगा।  ओपेक प्लस संगठन में सऊदी अरब का दबदबा है। कटौती के फैसले पर अमेरिका ने सऊदी अरब को चेताया था कि सऊदी अरब को इस फैसले का अंजाम भोगना पड़ेगा।