अमेरिकी खुफिया विभाग ने अमेरिकी संसद में रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों का भी जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार में पाकिस्तानी उकसावे का सैन्य ताकत के साथ जवाब देने की संभावना पहले से अधिक है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे।अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो परमाणु संपन्न देश भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव चिंता का विषय है। भारत और पाकिस्तान की ओर से 2021 में सीमा पर सीजफायर का ऐलान किया गया था। यानी दोनों देश अपने संबंधों में मौजूदा शांति को मजबूत करने के लिए इच्छुक हैं।

रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान को लेकर क्या कहा गया?

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, भारत विरोधी उग्रवादी समूहों को समर्थन देने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तानी उकसावों का सैन्य बल के साथ जवाब देने की संभावना पहले से अधिक है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव और कश्मीर में अशांति या भारत में एक और आतंकवादी हमला होने की सूरत में लड़ाई की अत्याधिक संभावना है।

भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्ते

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सीमा वार्ता हुई और कई सीमा बिंदुओं पर तनाव को सुलझाया गया। लेकिन 2020 में हुई हिंसक झड़प के चलते दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहेंगे। दोनों देशों द्वारा विवादित स्थल पर सेनाओं की तैनाती बार्डर विवाद को लेकर दो परमाणु शक्तियों में सशस्त्र जोखिम को बढ़ाती हैं। पिछले गतिरोधों से पता चलता है कि LAC पर लगातार छोटे टकराव के तेजी से बड़ा रूप लेने की क्षमता है।

गलवान में हुई थी हिंसक झड़प

भारत और चीनी सेना के बीच गलवान में जून 2020 को हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी भारी नुकसान हुआ था। लेकिन चीन पर आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगता रहा है। इसके बाद दोनों देशों ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को अपनी अपनी सीमा मे तैनात किया था। हालांकि, इसके बाद भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हुई और कई विवादित क्षेत्रों से दोनों देशों ने अपनी सेनाएं वापस ले ली थीं। (एएमएपी)