आपका अखबार ब्यूरो।
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह ने हमेशा ऐसे उदाहरण पेश किए हैं, जो उन्हें एक महान नेतृत्वकर्ता साबित करते हैं। मैदान के अंदर भी, और मैदान के बाहर भी। जब वह पहली बार कप्तान बने थे और उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 2007 का टी-20 विश्व कप जीता था, तो उन्होंने फोटो सेशन में खुद को सबसे किनारे रखा। दूसरे युवा खिलाड़ियों को कप के साथ सेंटर में आने का मौका दिया। हालांकि वह खुद भी उस समय बहुत युवा थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें कदम रखे करीब तीन साल ही हुए थे।
गांगुली से कप्तानी कराई
याद कीजिए महान कप्तान सौरव गांगुली का आखिरी टेस्ट मैच। धोनी उस टेस्ट में टीम इंडिया के कप्तान थे। उन्होंने अचानक मैच के आखिरी कुछ ओवरों में गांगुली को कप्तानी दे दी। उनके इस कदम से सौरव भी हैरान रह गए थे। यह एक महान खिलाड़ी द्वारा दूसरे महान खिलाड़ी का सम्मान था। वह दृश्य आज भी क्रिकेटप्रेमियों के जेहन में कैद है।
कुंबले को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाया
उसी सीरीज का एक और वाकया है। अनिल कुंबले कप्तान थे। उन्होंने टेस्ट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। धोनी को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया था। जैसे ही कुंबले का अखिरी टेस्ट समाप्त हुआ, धोनी ने उन्हें कंधे पर बिठाकर टीम के साथ पूरे मैदान का चक्कर लगाया और यह संदेश दे दिया कि वह भारतीय टीम की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर उठाने को तैयार हैं और समर्थ हैं।
दूसरे खिलाड़ियों को विश्वकप उठाने का मौका दिया
2 अप्रैल, 2011 को भारतीय टीम ने 28 वर्षों बाद एक बार फिर से क्रिकेट विश्व कप जीता। यह टीम में शामिल खिलाड़ियों के साथ-साथ सभी भारतीयों के लिए जश्न का दिन था। सचिन तेंदुलकर के लिए तो यह मौका और भी खास था। उनके चमकदार करियर में बस एक ही कमी थी, विश्व कप की। करियर के आखिरी वर्षों में जाकर यह कमी पूरी हुई। हर खिलाड़ी कप को हाथ में लेने के लिए उत्सुक था। कप्तान के लिए भी यह मौका बेहद खास होता है। लेकिन यहां भी धोनी ने खुद को किनारे रखा और दूसरे खिलाड़ियों को कप को हाथ में लेने और फोटो खिंचाने का मौका दिया। उस दिन आपको विश्व कप के साथ धोनी की कोई फोटो देखने को नहीं मिलेगी। हां, अगले दिन जब कप के साथ औपचारिक फोटो सेशन हुआ, तब धोनी की फोटो कप के साथ सामने आई।
अपने साथियों को आगे बढ़ाने वाले लीडर
ये तो बस कुछ उदाहरण भर हैं। महेंद्र सिंह धोनी का करियर इस तरह के कई वाकयों से भरा पड़ा है। वह खुद को पीछे रखते हैं और अपने साथियों की क्षमता को निखरने का मौका देते हैं। दूसरों कप्तानों ने उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें उच्च क्रम में बल्लेबाजी का मौका दिया, लेकिन धोनी ने अपनी कप्तानी में यह मौका दूसरे खिलाड़ियों को दिया और टीम के हित को आगे रखते हुए खुद छह या सात नंबर पर बल्लेबाजी करने लगे। बड़े लोग वही होते हैं, जो अपने साथ के लोगों को आगे बढ़ने और बड़े होने का मौका देते हैं। धोनी इसका बेहतरीन उदाहरण हैं।
सबको घर पहुंचाने के बाद जाएंगे घर
एक बार फिर उन्होंने एक शानदार लीडर होने का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने घोषणा की है कि जब तक उनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स का एक-एक खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ अपने घर नहीं पहुंच जाता, वह खुद घर नहीं जाएंगे। यानी वह सबसे अंत में होटल छोड़ेंगे। चेन्नई सुपर किंग्स के एक एक सदस्य ने अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि धोनी होटल छोड़ने वाले आखिरी शख्स होंगे। वह विदेशी खिलाड़ियों को पहले घर पहुंचाना चाहते हैं। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों को। वह कल आखिरी फ्लाइट लेंगे, जब सभी अपने घर पर सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे।
चेन्नई सुपर किंग्स में भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज के खिलाड़ी शामिल हैं। इंग्लैंड के 8 खिलाड़ी अपने देश पहुंच चुके हैं। ये सभी खिलाड़ी 10 दिन तक क्वारंटीन रहेंगे, उसके बाद अपने परिवार से मिल सकेंगे।
बीच में रोकना पड़ा आईपीएल
गौरतलब है कि आईपीएल की कई टीमों के खिलाड़ियों और स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 4 मई को आईपीएल को स्थगित कर दिया गया। उससे पहले सोमवार, 3 मई को कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बीच मैच स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि कोलकाता नाइट राइडर्स के दो खिलाड़ी वरुण चक्रवर्ती और संदीप वारियर पॉजिटिव पाए गए थे। आईपीएल में 29 मैच हो चुके हैं और 31 मैच होने बाकी थे। ये मैच कब होंगे, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने इसकी घोषणा नहीं की है।