#WATCH via ANI Multimedia | Israel-Hamas war | After 52 days of war, PM Netanyahu enters Gaza; meets with on-ground soldiers#IsraelHamasWar #Netanyahu #Gaza https://t.co/UZEkHkQgHC
— ANI (@ANI) November 27, 2023
इन दोनों को हथियार और समर्थन ईरान से मिल रहा है. ईरान की अमेरिका और इजराइल, दोनों से दुश्मनी है. ये तय माना जा रहा है कि अगर हमास और इजराइल की लड़ाई से ईरान पूरी तरह दूर नहीं हुआ, तो ये जंग अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु युद्ध में बदल जाएगी. इसके लिए अमेरिका को तैयारी करने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि उसकी 400 परमाणु मिसाइलें अंडरग्राउंड लॉन्च पैड सिलोस पर पहुंच गई हैं।
इजराइली सेना गाजा पट्टी को तहस-नहस कर चुकी है. गाजा पट्टी में 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कंफर्म है और 3 हजार से ज्यादा लोग लापता हैं, लेकिन अभी इस जंग का अंत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा क्योंकि हमास को खत्म करने की लड़ाई अब गाजा के साथ-साथ वेस्ट बैंक इलाके में भी शुरू हो गई है।
इजराइल हमास युद्ध पर तमाम अपडेट यहां देखें
मिडिल ईस्ट में जंग ये सिर्फ झांकी है. हर बीतते दिन के साथ गाजा की जंग एक महाविनशाक परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रही है, जो इजराइल और हमास या हिज्बुल्लाह के बीच नहीं, बल्कि अमेरिका और ईरान के बीच हो सकता है. इसके लिए अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को अपने लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, परमाणु पनडुब्बियों और जमीन में बनाए गए साइलोस में तैनात करना शुरू कर दिया है।
अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार
अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार में लगभग 5500 वॉरहेड हैं, जिनमें एक तिहाई यानी लगभग 1800 न्यूक्लियर वॉरहेड को किसी भी वक्त लॉन्च किया जा सकता है, यानी 1800 परमाणु बम और मिसाइलें रेडी टू फायर मोड में हैं. अमेरिका के इन परमाणु हथियारों का एक बड़ा हिस्सा पनडुब्बियों पर तैनात है और अमेरिका की परमाणु पनडुब्बियां इस वक्त दुनिया में कहां-कहां घूम रही हैं, ये अमेरिका के अलावा कोई नहीं जानता।
#BREAKING: Elon Musk visits Israel in midst of Israel-Hamas war. Israel Prime Minister Benjamin Netanyahu and Elon Musk visit the Jewish Communities in Southern Israel which were massacred by Hamas terrorists on October 7th. pic.twitter.com/rO3WICpYqr
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 27, 2023
अमेरिका के परमाणु हथियारों में सबसे घातक है मिनटमैन-थ्री मिसाइल. 55 से 60 फीट लंबी मिनटमैन थ्री मिसाइलों की रेंज 15 हजार किलोमीटर तक है, जो अपने टारगेट पर 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रहार करती हैं. टाइम मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना के रणनीतिक ठिकानों पर ऐसी 400 मिसाइलें साइलोस यानी विशेष चैंबर में तैनात हैं. एक बटन दबाते ही परमाणु मिसाइलों के साइलोस का ढक्कन खुला, तो मिनटमैन थ्री को अमेरिका से चीन और रूस पहुंचने में आधे घंटे से भी कम समय लगेगा. इस परमाणु मिसाइल को अगर ईरान के खिलाफ इस्तेमाल करना हो, तो 20 मिनट का वक्त काफी है।
अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद तैनात करना शुरू किया था. रूस के परमाणु हमले की धमकियों से निपटने के लिए पेंटागन ने अपने न्यूक्लियर भंडार को 100 अरब यानी लगभग आठ लाख करोड़ रुपये के बजट से अपग्रेड करना शुरू किया इसमें बड़ी रकम न्यूक्लियर सिलोस की देख-रेख में खर्च होती है. टाइम मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, परमाणु मिसाइलों को लॉन्च से पहले जिन साइलोस में रखा जाता है, उसके ढक्कन का वजन लगभग एक हजार किलो होता है. इन साइलोस का तापमान हर वक्त 70 डिग्री फॉरेनहाइट पर मेंटेन रखना जरूरी है. मामूली गड्ढे जैसे दिखने वाले परमाणु साइलोस के एक सेंटर की देख-रेख पर हर घंटे 55 हजार डॉलर खर्च होते हैं. इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये परमाणु साइलोस कितने खास और महत्वपूर्ण हैं।
At the end of the day, we should not expect #Hamas to release all the hostages in #Gaza. They are Hamas’ last resort – their “get out of Gaza” free card.@CBC @CBCNews #CBC #Ceasefire #Israel #News #War pic.twitter.com/RaVzzieXMc
— Michael Oren (@DrMichaelOren) November 27, 2023
अभी तक यही माना जा रहा था कि अमेरिका के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल रूस या चीन के खिलाफ ही होगा, लेकिन गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में हमास और इजराइल की जंग ने भी अब परमाणु हमले की आशंका बढ़ा दी है. इस आशंका की जड़ है ईरान, जिसके समर्थन से हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने दक्षिण लेबनान से इजराइल पर हमले तेज कर दिए हैं।
परमाणु हथियारों का खतरा इजराइल और US को
हिज्बुल्लाह से निपटने के लिए इजराइली सेना ही काफी है और उसके लिए परमाणु बम की जरूरत नहीं है. फिर परमाणु युद्ध की आशंका क्यों? इसकी वजह है ईरान, जो परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है. ईरान के परमाणु हथियारों का खतरा इजराइल के साथ-साथ अमेरिका को भी है. चीन के रक्षा विशेषज्ञ और फुदान इंस्टिट्यूट फॉर बेल्ट एंड रोड एंड ग्लोबल गवर्नेंस के कार्यकारी महानिदेशक ह्वांग रेनवेइ ने आगाह किया है कि अगर हमास के खिलाफ जंग में ईरान की एंट्री हुई, तो अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु युद्ध हो सकता है।
ये चेतावनी हवा-हवाई नहीं है क्योंकि ईरान की सरकार गाजा पट्टी की लड़ाई के लिए इजराइल और अमेरिका, दोनों के खिलाफ आग उगल रही है. ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का नया बयान भी यही इशारा कर रहा है कि गाजा की जंग बहुत जल्द ईरान बनाम अमेरिका-इजराइल युद्ध में तब्दील हो सकती है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि पिछले 40 दिनों से अमेरिका ने तेहरान में स्विट्जरलैंड के दूतावास के जरिए पैगाम भेजे हैं. उनके जवाब में मैं यही कहना चाहता हूं कि ईरान इस जंग का विस्तार नहीं चाहता, लेकिन मिडिल-ईस्ट क्षेत्र में अमेरिका और इजराइल का जो रवैया है, वो खतरनाक है. अगर गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में इजराइल का युद्ध अपराध नहीं रुका, तो उसका अंजाम कुछ भी हो सकता है. ऐसी सूरत में इस जंग का दायरा बढ़ना निश्चित है।
परमाणु हमले के लिए तुर्किए भी उकसा रहा
ईरान के अलावा इजराइल को परमाणु हमले के लिए तुर्किए भी लगातार उकसा रहा है, जिससे मामला उलझ गया है. इजराइल को मान्यता देने वाला पहला इस्लामिक देश तुर्किए ही था. तुर्किए नाटो का भी सदस्य है और तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने तीन दिन पहले ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को धमकी दी कि अगर दम है, तो इजराइल अपने परमाणु हथियार निकाल कर दिखाए।
इजराइल ने कभी ये कबूल नहीं किया कि उसके पास परमाणु बम हैं, लेकिन परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी एजेंसियों का दावा है कि इजराइल के पास 90 से 200 के बीच न्यूक्लियर वॉरहेड हैं. माना जाता है कि ईरान ने फ्रांस की मदद से परमाणु हथियार बनाए हैं, जिसका खुलासा पहली बार 1986 में इजराइल के एक न्यूक्लियर टेक्निशियन ने किया था. उस टेक्निशियन को मोसाद ने इटली से पकड़ा. उसे गद्दार घोषित करके 18 साल कैद की सजा सुनाई गई और रिहाई के बाद भी उस टेक्निशियन के कहीं आने-जाने पर रोक लगा दी गई।
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ईरान को सबक सिखाने के लिए मौके के इंतजार
जानकार मानते हैं कि चूंकि इजराइल के परमाणु कार्यक्रम को गोपनीय रखा गया है और अगर इजराइल अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो अमेरिका और फ्रांस पर आरोप लगेगा कि उन्होंने इजराइल को चोरी से परमाणु हथियार बनाने में मदद की, लिहाजा ईरान के इस जंग में कूदने के बाद मोर्चा अमेरिका ही संभालेगा, जो कई साल से ईरान को सबक सिखाने के लिए मौके के इंतजार में है।
गाजा पट्टी के साथ ही यूक्रेन के वॉर फ्रंट पर भी एक बार परमाणु विनाश का खतरा मंडराने लगा है. अमेरिका ने यूक्रेन को ATACMS जैसा एडवांस मिसाइल सिस्टम और एफ-16 फाइटर प्लेन देकर रूस के गुस्से की आग भड़का दी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी के बाद न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी से खुद को अलग कर लिया और अब रूस की हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइल भी अंडरग्राउंड लॉन्च सेंटर पर तैनात हो गई है. पुतिन ने अमेरिका और नाटो को दो टूक चेतावनी दी है कि अगर कोई भी देश रूस के लिए खतरा बना, तो एक साथ सैकड़ों परमाणु मिसाइलें उसे पल भर में मिटाने के लिए तैयार हैं। (एएमएपी)