आपका अख़बार ब्यूरो।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान दिए जा रहे हैं। लाखों की संख्या में मकान दिए जा चुके हैं और यह सिलसिला जारी है। 29 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर कहा की गरीबों को मकान देना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। लेकिन इस योजना के अंतर्गत मकान दिए जाने के बाद की गई मॉनिटरिंग में यह देखने में आया की कुछ आवंटियों ने पीएम आवास योजना के अंतर्गत मिले मकान किराए पर चढ़ा रखे हैं। इन्हीं बातों को देखते हुए धांधली रोकने के लिए सरकार को नए नियम बनाने पड़े हैं। नए नियमों के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले मकानों को अगर किराए पर उठाया गया तो एग्रीमेंट ऐड हो जाएगा। इसके अलावा सरकार आवंटी द्वारा दिया गया पैसा भी जब्त कर लेगी। नए नियमों में कहा गया है की जिसे पीएम आवास योजना में मकान दिए जाएंगे उसे उस मकान में पांच साल रहना जरूरी होगा।

केंद्र सरकार पीएम आवास योजना के तहत होने वाली धांधली को रोकने के लिए गंभीर है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। अगर आपने भी इस योजना के तहत घर लिया है तो पांच वर्ष तक उस घर में रहना अब जरूरी कर दिया गया है। अगर आप उस घर में नहीं रह रहे हैं या उसे किराये पर लगा रखा है तो वह घर आपसे वापस ले लिया जाएगा। साथ ही जो पैसे आपने जमा किए हैं वह भी वापस नहीं किए जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि पीएम आवास योजना के तहत मिले घर में 5 साल रहने के बाद ही एग्रीमेंट लीज डीड में बदलाव किया जाएगा।

नियमों में बदलाव

अभी तक पीएम आवास योजना में मिले घरों का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज कराकर दिया जाता रहा है। लेकिन मकान किराए पर उठाए जाने की ख़बरों और घटनाओं का संज्ञान लेते हुए अब केंद्र सरकार पांच साल तक यह देखेगी कि इन घरों में आप रह रहे हैं या नहीं। अब आपका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज, डीड में तभी तब्दील होगा जब आप उस घर में रह रहे होंगे। ऐसा नहीं होने पर विकास प्राधिकरण आपके साथ किए गए करार को खत्म कर देगा। इसके साथ ही आपने जो धनराशि जमा कराई है वह भी लौटाई नहीं जाएगी।

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अब फ्री होल्ड नहीं होगा फ्लैट

सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में बनाए गए फ्लैट अब फ्री होल्ड नहीं होंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इस योजना का लाभ अब जरूरतमंद लोगों को ही मिलेगा। जो लोग इस योजना के अंतर्गत घर लेकर किराये पर लगा देते हैं- वह धांधली अब बंद हो जाएगी। नए नियमों में यह भी प्रावधान है की अगर अलॉटी (आवंटी) की मृत्यु हो जाती है तो परिवार के सदस्य को ही लीज ट्रांसफर की जाएगी। किसी अन्य को लीज ट्रांसफर नहीं की जाएगी।