फूल एसी और तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत ट्रेन अब आम लोगों के लिए भी सुगम होने जा रही है। भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। अब लंबा सफर करने वालों को स्लीपर का आराम भी मिल सकेगा। इसकी खूबी ये है कि यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में अधिक रफ्तार से चलेगी। रेलवे के अधिकारियों की मानें तो वंदे भारत स्लीपर कोच का पहला प्रोटोटाइप मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि इसका ट्रायल अप्रैल में किया जाएगा और ट्रेन को 2025 के अंत तक चालू किया जाएगा।खबर है कि मार्च में शुरुआत मिलने और जरूरी ट्रायल्स के बाद स्लीपर वर्जन के नए सेट अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह से दौड़ना शुरू कर देंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों का सीरियल प्रोडक्शन इस साल अगस्त या सितंबर से शुरू हो सकता है। रिपोर्ट में रेलवे अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है कि स्लीपर कोच निर्माण की प्रक्रिया पूरी रफ्तार के साथ जारी है।  बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट के दौरान वंदे भारत को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बजट पेश करते हुए कहा कि 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।

ट्रेन की यात्रा को आरामदायक बनाने की योजना

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “हम लोगों को उनके ऑफिस में समय बिताने के बाद ट्रेन की यात्रा को आरामदायक बनाने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”इस ट्रेन में 16 कोच होंगे। इसमें 3 टियर, 2 टियर और 1एसी के कोच शामिल होंगे। आईसीएफ और बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड फैक्ट्री नए स्लीपर कोच‌ का निर्माण कर रही है।” उन्होंने आगे कहा, “बर्थ, एयर डक्ट, केबल डक्ट, वॉशरूम के डिजाइन पर काम किया जा रहा है। वर्तमान में बीईएमएल आईसीएफ के लिए ऐसी दस ट्रेनों का निर्माण कर रहा है।”

किस रूट पर दौड़ेंगी स्लीपर ट्रेन

फिलहाल, वंदे भारत एक्सप्रेस देश के 39 रेल मार्गों पर सेवाएं दे रही हैं। ये सभी चेयर कार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती तौर पर नए स्लीपर कोच दिल्ली से मुंबई, दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से पटना जैसे रास्तों पर ओवरनाइट यात्राएं करेंगे। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से  बताया गया है कि स्लीपर कोच में यात्रियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिलने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, टिकाऊ और किफायत होने के मामले में स्लीपर वर्जन अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। उन्होंने जानकारी दी है कि स्लीपर वर्जन के सभी सेट्स में कवच सिस्टम होगा और ये 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे।

40 हजार बोगियां वंदे भारत की बोगियों में तब्दील होंगी

केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी अंतरिम बजट में रेलवे को बड़ी सौगात दी गई है। इस दौरान 40 हजार बोगियों को वंदे भारत के स्तर की बोगियों में बदलने की बात कही है। साथ ही तीन ने रेल कॉरिडोर के निर्माण की भी योजना है। तीन मुख्य कॉरिडोर में एनर्जी, मिनरल एंड सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेन्सिटी कॉरिडोर शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि इन नए कॉरिडोर की पहचान पीएम गति शक्ति पहल के तहत हुई है। इसके अलावा तेज और सुरक्षित रेल यात्रा को सुनिश्चित करने में हाई ट्रैफिक डेन्सिटी कॉरिडोर मदद करेंगे।

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क्या है वंदे भारत की खूबियां

आपको बता दें कि वंदे भारत के कोच स्टेनलेस स्टील के बने हैं। इसलिए ये हल्के और मजबूत हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 160 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जा सकती है। कोच में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं, जो मेट्रो के दरवाजे की तरह खुलते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेन के रुकने पर ही दरवाजे खुलते हैं। फिलहाल वंदे भारत के कोच वतानुकुलित हैं। इनमें ऑनबोर्ड वाईफाई, प्रत्येक सीट के पास मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट्स दिए गए हैं। इसमें जीपीएस प्रणाली लगी है, जिससे आने वाले स्टेशन और अन्य सूचनाओं की जानकारी यात्रियों को मिलती है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही कहा है कि वंदे भारत स्लीपर, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेनें यात्रियों के अनुभव को बदल रही हैं।(एएमएपी)