जो हुआ वह इस्‍लाम‍िक आतंक की शुरूआत तो नहीं!

डॉ. मयंक चतुर्वेदी।
जब बात मजहब की हो तो कहते हैं ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना’, पर वे भीड़ में आते हैं, आगजनी करते हैं, पत्‍थर फैंकते हैं, सामनेवालों को आर्थ‍िक रूप में कमजोर करते हैं, अपनी सामूहिक शक्‍ति का प्रदर्शन करते हैं और चले जाते हैं, फिर आग दधकती रहती है, दुकानों में, मकानों में, मंदिरों में, वाहनों में और इंसानों के दिलों में। बाद में रह जाती है पुलिस की कार्रवाई और आरोप साबित करने के लिए कोर्ट के चक्‍कर पर चक्‍कर। अब आप दोष सिद्ध करते रहो, साक्ष्‍य इकट्ठे करते रहो। किस्‍मत अच्‍छी रही तो न्‍याय मिल जाएगा, अन्‍यथा साक्ष्‍यों के अभाव में दोषियों का दोषमुक्‍त होना तय मानिए!

दरअसल, यह एक जैसा पैटर्न इस्‍लामवादियों द्वारा भीड़ की शक्‍ल में आकर उत्‍पात मचाने एवं गैर मुसलमानों को टार्गेट करते हुए देश भर में आए दिन दिखाई देता है। वर्तमान हालातों को देखते हुए अब कहना होगा कि देश में देश भक्‍ति का इजहार करना भी गुनाह है। मध्‍यप्रदेश के महू में जो घटना भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के बाद जश्‍न मना रहे लोगों के बीच आगजनी, पत्‍थरबाजी, तोड़फोड़ की घटी है। जिसमें कि दुकानों और वाहनों को आग लगा दी गई। जिनके सिर फोड़ना थे, उनके सिर भी फूटे। पेट्रोल बम भी फेंके गए। देखा जाए तो इस पूरी घटना ने आज कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हर बार की तरह इस्‍लामवादियों ने अपने ऊपर कोई आरोप नहीं लिया है, उनका कहना है कि भारत की जीत के बाद 100 से ज्यादा लोग 40 से ज्यादा बाइक पर सवार होकर जुलूस निकाल रहे थे। इसमें शामिल लोग जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। वे जामा मस्जिद के पास आतिशबाजी करने लगे, जिसके बाद विवाद हुआ।

12 arrested for violence in MP's Mhow after India's Champions Trophy win; over two dozen vehicles damaged

महू में भड़के दंगों को लेकर जामा मस्जिद के इमाम कह रहे हैं कि “तरावीह की नमाज चल रही थी, उसी समय एक जुलूस शोर मचाते हुए मस्जिद के पास से गुजर रहा था। नमाज समाप्त होने के बाद जैसे ही लोग बाहर निकले, किसी ने मस्जिद के अंदर सुतली बम फेंक दिया। इससे लोग घबरा गए और माहौल बिगड़ गया।” लेकिन इमाम साहब अपनी कह रही बात का कोई पुख्‍ता सबूत नहीं दिखा पाए! दूसरी ओर जिस तरह से पत्‍थर इकट्ठे किए गए थे और अचानक से जुलूस पर हमला हुआ, उससे नहीं लगता है कि यह पूर्व सुनियोजित योजना के वगैर किया जाना संभव था। जबकि इस वाइक रैली से जुड़ा जो सच सामने आया है वह है कि भारत की क्रिकेट टीम की जीत पूरा देश मना रहा था, महूवासी भी मना रहे थे, युवक उत्‍साहित थे, इसलिए उन्‍होंने भारत की जीत की खुशी में वाहन रैली निकालना आरंभ की, जोकि मैच जीतने की खुशी में एक सहज, सामूहिक प्रतिक्रिया था। स्‍वभाविक है कि रास्‍ते भर नारे लगाते एवं पटाखे फोड़ते यह वाहन रैली आगे बढ़ रही थी, लेकिन इन्‍हें क्‍या पता था कि कोई रास्‍ते में उन पर पत्‍थर चलाने के लिए इंतजार कर रहा है।  जैसे ही ये जुलूस जामामस्‍जिद के पास पहुंचा है, और अपने स्‍वभाव के अनुसार खुशी में युवा इंडिया, भारत, भारत माता की जय और जयश्रीराम के नारे लगा रहे होते हैं कि उन पर मस्‍जिद और उसके आस-पास भर से पत्‍थरों की बौछार आरंभ हो जाती है।

इस घटना के बाद जामा मस्जिद के आसपास के कई इलाकों में जहां ये जुलूस पहुंचा तक नहीं, वहां सभी ओर पथराव और आगजनी हुई। जिसमें इन इस्‍लामवादियों ने मार्केट चौक, जामा मस्जिद, बतख मोहल्ला, धान मंडी, पत्ती बाजार आदि क्षेत्र में कई वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए आग तक लगा दी। घटना में 15 से ज्यादा बाइक पर आग लगाई गई और कई कार भी क्षतिग्रस्त कर दी गईं। पत्ती बाजार क्षेत्र में प्रेस क्लब के अध्यक्ष राधेलाल के घर में आग लगाई गई। बतख मोहल्ले में एक दुकान को आग के हवाले किया। मार्केट चौक में दो दुकानों के बाहर आग लगाई गई। विचार करनेवाले जरूर सोचें कि आखिर हिन्‍दू घरों, दुकानों और उनके वाहनों को ही क्‍यों निशाना बनाया गया?

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े जो वीडियों अब तक सामने आए हैं, उनमें कहीं एक वीडियो ऐसा नहीं दिखता है कि किसी हिन्‍दू या गैर मुसलमान की इस पूरे प्रकरण में कोई गलती रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे वाहन रैली के दौरान पीछे चल रहे पांच-छह लोगों को दूसरे पक्ष इस्‍लामवादियों ने रोक लिया और बिना किसी कारण के मारपीट शुरू कर दी, फिर देखते ही देखते टोपी लगाए कई उपद्रवी सामने आ गए जैसे पहले से ही हमला करने की पूरी तैयारी कर रखी थी।

Four injured as communal violence erupts in MP's Indore during Champions Trophy victory procession

घटना को लेकर चश्मदीदों की कहानी रोंगटे खड़े कर देती है। इस उपद्रव के दौरान कई हिन्‍दू युवाओं को बुरी तरह से पीटा गया है, वे किसी तरह से अपनी गाड़‍ियां छोड़ जान बचाकर भाग पाए। जिस व्यक्ति का घर जलाया गया है, उसके परिवार जनों की बातें सुनकर काई भी क्रोध से भर जाएगा। ये इस्‍लामवादी उपद्रवी हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। कह रहे थे कि तुम लोग अपने राम को बुलाओ, तुम्हारी गाड़ी जल रही है। देखें कौन सामने आता है!

महू अकेला नहीं है जहां टीम इंडिया के जीत के जश्न पर आपत्‍त‍ि दर्ज की गई है। खबर तेलंगाना के करीमनगर से भी सामने आई है, जहां पुलिस ने जीत की खुशी मना रहे भारत भक्‍तों पर लाठीचार्ज कर दिया।  एडवोकेट आशुतोष दुबे ने अपने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि करीमनगर में पुलिस ने सांप्रदायिक कारणों का हवाला देते हुए भारत की जीत का जश्न मनाना बंद करा दिया। हमारे देश की जीत का जश्न मनाना कब से सांप्रदायिक मुद्दा बन गया? क्रिकेट हमारा गौरव है। भारत हमारा गौरव है। धर्म के आधार पर जश्न मनाना बंद करो।

भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे पुलिस लोगों को लाठिया से खदेड़ रही है। इन्‍होंने लिखा कि हैदराबाद पुलिस ने दिलसुखनगर में नागरिकों को भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीत का जश्न मनाने से रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। करीमनगर में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए।

इससे पहले अहमदाबाद के खोखरा इलाके में रविवार (23 फरवरी) को चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान पर भारतीय टीम की जीत की खुशी मना रहे हिंदुओं पर मुस्लिमों की भीड़ ने पथराव किया था। यहां 15-20 मुस्लिम लोगों की भीड़ आई और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हमले में 6-7 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे।

वास्‍तव में इन सभी दृष्‍यों को देखकर लग रहा है कि हर गैर मुस्‍लिम को विशेषकर हिन्‍दू जनों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। अभी होली इस साल खेली ही नहीं गई कि इसे लेकर अल्‍पसंख्‍यक भाईजानों को परेशानी हो उठी है।  उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के थाना बारादरी थाना क्षेत्र के हजियापुर मोहल्ले में 22 फरवरी को होली के कार्यक्रम की योजना बना रहे लोगों पर इस्‍लामवादियों ने हमला कर दिया था। जिन पर हमला हुआ उन सभी हिंदू समुदायों के लोगों ने बताया कि होली मनाने पर लाशें बिछाने की धमकी दी गई है। यह धमकी अयान, सलमान, अमन, रेहान, भूरा और आलम समेत उनके साथ पहुंचे अन्‍य युवकों ने दी, यहां सिर्फ धमकी ही नहीं थी, अचानक से उन पर हमला कर दिया गया।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को प्रॉक्टर द्वारा होली मिलन समारोह के आयोजन की पहले अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद यहां पढ़ रहे हिंदू छात्रों ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में एएमयू को मिनी इंडिया बताया था, बावजूद इसके एएमयू प्रशासन हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपनाता है। एएमयू परिसर के हाल में रोजा इफ्तार पार्टी करने के साथ चेहल्लुम का आयोजन करने के अलावा ताजिये निकाले जा रहे हैं। यहां होली मिलन की अनुमति के लिए अभी भी हिन्‍दू छात्र संघर्ष कर रहे हैं।

इसी तरह से पिछले साल होली पर देश भर से हिन्‍दू विरोधी इस्‍लामवादियों से जुड़ी खबरें सामने आई थीं। इनके निशाने पर पूरी तरह से हिन्‍दू त्‍यौहार रहा। मध्य प्रदेश के धार में होली के दिन एक मुस्लिम लड़के फैजान ने एक हिंदू लड़की पर खौलता पानी फेंक दिया था। उनके चेहरे, गर्दन और सीने पर चोटें आईं। चेहरा बुरी तरह जल गया। एक वायरल हो रहे वीडियो में लड़की ने बताया कि जब वह दोस्तों के साथ होली खेलकर घर लौटी तो उसने रंग धोने के लिए पानी मांगा, लेकिन उसके पड़ोसी ने उस पर गर्म खौलता पानी डाल दिया। घटना 25 मार्च की है। वायरल क्लिप में लड़की को अस्पताल के बिस्तर पर रोते हुए अपनी आपबीती सुनाते हुए देखा जा सकता है।

तेलंगाना के मेडचल-मलकजगिरी जिले के चेंगिचेरला इलाके में होली का त्योहार मनाते समय हिंदुओं पर मुस्लिमों की भीड़ ने धावा बोल दिया। होलिका दहन के बाद मस्जिद से सटे इलाके में लोगों ने हिंदुओं पर हमला किया, जिसमें महिलाओं समेत कई लोग घायल हो गए। ये घटनाक्रम रविवार (24 मार्च 2024) की शाम की है, जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। इसी तरह से आगरा में रकाबगंज के कुतलपुर ईदगाह में होली के दौरान पथराव की घटना में दो युवक बुरी तरह से घायल हो गए थे। विश्चजीत पात्रा की तहरीर पर पुलिस ने जमील, सलीम, रहीस, शौकत, राहुल, बंटी, चांद, चमन, शाहिद समेत 34 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के विरुद्ध बलवा, पथराव और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में पिछले साल होली खेलने के दौरान इस्‍लामवादियों ने होली खेलने वाले छात्रों को भयंकर रूप से पीटा। घटना की एक वीडियो भी सामने आई। जिसमें लड़कों को दौड़ाकर पीटते देखा जा सकता है। घटना 21 मार्च को दोपहर ढाई बजे की है। सभी हिंदू छात्र जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नॉलिजी के पार्क में मौजूद थे। तभी वहाँ मुस्लिम छात्र मिसवा, जाकीउर्ररहमान, जैद शेरबानी, शाहरुख सबरी, शोएब कुरैशी, अहमद मुस्तफा, अफ्फान शेरबानी, सहवान खान, फैसल त्यागी, अरसान सिद्दकी अपने हाथों में अवैध पिस्टल, तमंचा व लाठी डंडे के साथ पार्क में आ गए। इन लोगों ने हिंदुओं को और उनके देवी-देवताओं को गंदी-गंदी गाली बकी। एफआईआऱ के अनुसार इन लोगों ने कहा- “वे$या सीता की औलादों को आज सबक सिखा देते हैं।” हिंदुओं ने विरोध किया तो उनकी कनपटी पर पिस्टल रख दी और कहा कि तुम हिंदुओं को अगर होली खेलनी है तो हमें 1000 रुपए प्रति माह दिया करो। इसके बाद उन्हें निकालकर 750 रुपए दिए गए लेकिन तब भी नामजदों द्वारा उन्हें बुरी तरह पीटा गया। इसी तरह से देश भर से होली के दौरान इस्‍लामवादियों द्वारा हिन्‍दुओं पर किए गए अत्‍याचारों की एक लम्‍बी सूची है, ये सूची इससे पहले साल दर साल भी देखी जा सकती है। ऐसे में कहना यही है कि मध्‍य प्रदेश के महू में जो हुआ, वह अचानक से नहीं हुआ लगता है, इसके पीछे गहरी साजिश है, जिसकी तह तक जांच एजेंसियों को जाना चाहिए और जो भी अपराधी हैं उन्‍हें ठीक से सबक सिखाया जाना चाहिए, ताकि मध्‍य प्रदेश और देश को विकास के रास्‍ते पर सुचारु रूप से चलाया जा सके।

(लेखक हिन्दुस्थान समाचार के मध्य प्रदेश ब्यूरो चीफ हैं)