पहली भारतीय फिल्म जिसकी प्रतिमा लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में लगेगी।

हार्ट ऑफ लंदन बिजनेस एलायंस ने आज घोषणा की कि एक नई मूर्ति लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में स्थित रोमांचक ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ मूवी ट्रेल में शामिल होने जा रही है, और यह सम्मान यशराज फिल्म्स की ऐतिहासिक ब्लॉकबस्टर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) को मिला है। बॉलीवुड हंगामा न्यूज़ नेटवर्क के अनुसार यह लीसेस्टर स्क्वायर, लंदन में स्थापित होने वाली पहली भारतीय फिल्म की मूर्ति होगी! यह घोषणा डीडीएलजे के 30 वर्ष पूरे होने के जश्न की शुरुआत का प्रतीक भी होगी- एक कालातीत और बहु-पुरस्कार विजेता रोमांटिक कॉमेडी, जिसने आदित्य चोपड़ा के निर्देशन की शुरुआत भी कराई थी।

यह कांस्य प्रतिमा बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स- शाहरुख खान और काजोल- को डीडीएलजे के एक प्रतिष्ठित पोज में प्रदर्शित करेगी। इस साल वसंत ऋतु में इसका अनावरण होना तय है। आज की यह घोषणा इस बात का प्रमाण है कि यह फिल्म ब्रिटेन के पांच मिलियन से अधिक दक्षिण एशियाई समुदाय द्वारा कितनी पसंद की जाती है। डीडीएलजे भारत और दुनिया भर के दक्षिण एशियाई लोगों के लिए पॉप संस्कृति का एक अहम हिस्सा है।

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे दो अप्रवासी भारतीयों, राज और सिमरन, और उनकी प्रेम कहानी का अनुसरण करती है, जो यूरोप और भारत में फैली हुई है, और जिसकी शुरुआत किंग्स क्रॉस स्टेशन से एक ट्रेन यात्रा से होती है। यह स्थान और भी उपयुक्त है क्योंकि लीसेस्टर स्क्वायर डीडीएलजे के उस दृश्य में दिखता है, जब राज और सिमरन पहली बार एक दूसरे से टकराते हैं- हालांकि वे एक-दूसरे को नहीं पहचानते- और फिर यूरोप की यात्रा शुरू होती है। उस दृश्य में लीसेस्टर स्क्वायर के दो प्रमुख सिनेमा घर प्रमुखता से दिखाए गए हैं- राज वुए (Vue) सिनेमा के सामने खड़ा होता है, और सिमरन ओडियन (Odeon) लीसेस्टर स्क्वायर के पास से गुजरती है।

Film Favorite of Bollywood, DDLJ: The Heart Stealer · Seema

नई प्रतिमा ओडियन सिनेमा के बाहर, पूर्वी टेरेस पर स्थापित की जाएगी, और उस दृश्य को श्रद्धांजलि देगी। फिल्म में लंदन के अन्य स्थान जैसे हॉर्सगार्ड्स एवेन्यू, हाइड पार्क, टॉवर ब्रिज और किंग्स क्रॉस स्टेशन भी शामिल हैं।

इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव डाला है, और यह एक ऐसा वैश्विक घटना बन गई कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान इसका उल्लेख किया था। यूके में, इस फिल्म का सांस्कृतिक महत्व आज भी बरकरार है, और इसी पर आधारित एक नया म्यूज़िकल कम फॉल इन लव – द डीडीएलजे म्यूजिकल 29 मई 2025 को मैनचेस्टर ओपेरा हाउस में शुरू होने जा रहा है। सोशल मीडिया पर 140 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स के साथ, फिल्म के प्रमुख अभिनेता शाहरुख खान हमारे समय के सबसे पसंदीदा कलाकारों में से एक हैं।

डीडीएलजे के सितारे शाहरुख खान और काजोल अब सीन्स इन द स्क्वायर में अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के दिग्गजों के साथ शामिल होंगे, जिसमें पिछले 100 वर्षों के दस अन्य फिल्म आइकन शामिल हैं। DDLJ की प्रतिमा अब हैरी पॉटर, लॉरेल और हार्डी, बग्स बनी, जीन केली (सिंगिंग इन रेन ), मैरी पॉपिंस, मिस्टर बीन, पैडिंग्टन और डीसी सुपरहीरोज़ बैटमैन और वंडर वुमन जैसे प्रतिष्ठित किरदारों के साथ स्थापित होगी।

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हार्ट ऑफ लंदन बिजनेस एलायंस के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क विलियम्स ने कहा, “शाहरुख खान और काजोल जैसे अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के दिग्गजों को हमारी मूवी ट्रेल में शामिल करना एक अद्भुत अवसर है। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे न केवल सबसे सफल, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बॉलीवुड फिल्मों में से एक है। यह पहली फिल्म है, जिसमें लीसेस्टर स्क्वायर एक लोकेशन के रूप में वास्तव में दिखाया गया है, और यह मूर्ति बॉलीवुड की वैश्विक लोकप्रियता का उचित सम्मान और लंदन की विविधता का उत्सव है। हमें पूरा विश्वास है कि यह मूर्ति दुनियाभर से प्रशंसकों को लीसेस्टर स्क्वायर, फिल्म और एंटरटेनमेंट की राजधानी, की ओर आकर्षित करेगी ।”

यशराज फिल्म्स के सीईओ अक्षय विधानी, ने कहा, “जब दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) 30 साल पहले रिलीज़ हुई थी, तब इसने भारतीय सिनेमा में एक निर्णायक मोड़ ला दिया और इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया। इस फिल्म ने वैश्विक स्तर पर लोगों के दिल जीत लिए। हमें गर्व है कि हमारी फिल्म ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ में शामिल होने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी है। यह प्रतिमा डीडीएलजे की 30वीं वर्षगांठ को और भी खास बनाएगी, और यह दिखाती है कि इस फिल्म ने यूके में कितना सांस्कृतिक प्रभाव डाला है। हमारे सुपरस्टार्स और फिल्म को जीन केली, लॉरेल एंड हार्डी, और हैरी पॉटर जैसे हॉलीवुड दिग्गजों के साथ वैश्विक मंच पर मान्यता मिलना हमारे लिए गर्व का विषय है। यह मूर्ति भारतीय फिल्मों की अंतरराष्ट्रीय अपील और सिनेमा के माध्यम से समुदायों के बीच पुल बनाने का प्रतीक है।”