आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर।
हर महीने की पहली तारीख की तरह ही 1 नवंबरको भी पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से एलपीजी (LPG) गैस सिलेंडर की कीमतों को संशोधित किया जाएगा और नए रेट जारी होंगे। कंपनियां हर महीने की शुरुआत में 14 किलो वाले घरेलू और 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस की कीमतों में बदलाव करती है। एक अक्टूबर कंपनियों ने राहत देते हुए कॉमर्शियल गैंस सिलेंडर के दाम में 25।5 रुपये की कमी की थी। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतों में उछाल के मद्देनजर LPG के दाम बढ़ाए जा सकते हैं।
OTP बताने पर सिलेंडर की डिलीवरी
दूसरा बदलाव भी घरेलू LPG गैस सिलेंडर से ही जुड़ा हुआ है। दरअसल, नवंबर की पहली तारीख से रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। इसे वन टाइम पासवर्ड प्रोसेस के तहत डिलवर्ड किया जाएगा। इसके तहत गैस सिलेंडर की बुकिंग कराने के बाद ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। इसे डिलीवरी बॉय के साथ शेयर करना होगा और ओटीपी के सिस्टम से मिलान के बाद सिलेंडर की डिलीवरी मिलेगी।
इंश्योरेंस क्लेम से जुड़ा नियम बदलेगा
बीमा नियामक IRDAI की ओर से भी नवंबर की पहली तारीख से एक बड़ा चेंज देखने को मिल सकता है। इसके तहत 1 नवंबर 2022 से बीमाकर्ताओं के लिए KYC डिटेल देना अनिवार्य किया जा सकता है। अभी तक नॉन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय केवाईसी विवरण देना स्वैच्छिक है, लेकिन कल से ये अनिवार्य किया जा सकता है। इसका सीधा मतलब है कि अगर इंश्योरेंस क्लेम के वक्त केवाईसी डॉक्यूमेंट पेश नहीं किए गए तो क्लेम रद्द किया जा सकता है।
बिजली सब्सिडी का नया नियम
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और बिजली सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं, तो फिर ये बदलाव आप पर असर डालने वाला है। दरअसल, एक नवंबर से दिल्ली में बिजली सब्सिडी का नया नियम लागू होने वाला है। इसके तहत जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें बिजली पर सब्सिडी के लिए नहीं मिलेगी। इस जरूरी काम को करने के लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2022 निर्धारित की गई थी। गौरतलब है कि दिल्ली के निवासियों को हर महीने 200 यूनिट फ्री बिजली लेने के लिए रजिस्ट्रशन कराना पड़ता है।
GST रिटर्न में कोड देना होगा
जीएसटी रिटर्न (GST Return) के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। अब 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को जीएसटी रिटर्न में चार अंकों का एचएसएन कोड लिखना अनिवार्य होगा। इससे पहले दो अंकों का एचएसएन कोड डालना होता था। इससे पहले पांच करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए एक अप्रैल 2022 से चार अंकों का कोड और उसके बाद एक अगस्त 2022 से 6 अंकों का कोड डालना अनिवार्य किया गया है। (एएमएपी)