सबके चेहरों पर मुस्कान लाने वाले दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं। 67 साल की उम्र में सतीश कौशिक ने अंतिम सांस ली और दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। उनकी मौत की खबर सुन बॉलीवुड शोक की लहर में डूबा नजर आ रहा है। वहीं कुछ लोगों को यह यकीन भी नहीं हो रहा कि वह अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। क्‍योंकि 7 मार्च को सतीश कौशिक ने जावेद अख्तर के होली बैश से अपनी शानदार तस्वीरें साझा की थी। उन्‍होंने कैप्शन में कलरफुल हैप्पी फन होली पार्टी लिखा था। लेकिन किसे पता था कि सतीश कौशिक की यह तस्वीरें आखिरी होली की तस्वीरें होने जा रही हैं।

बॉलीवुड में पसरा सन्नाटा

एक दिन पहले तक होली के जश्न में डूबे लोगों ने सोचा भी नहीं होगा कि अगली सुबह इतनी काली होगी। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। सतीश कौशिक के अचानक यूं चले जाने से उनका परिवार, फैंस और तमाम सेलेब्स को गहरा झटका लगा है। कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे। सतीश कौशिक केवल एक अच्छे कॉमेडियन ही नहीं बल्कि नामी डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उनकी फिल्माई गई सुपरहिट फिल्में आज भी लोगों को एंटरटेन कर रही हैं। जिनमें से एक नाम फिल्म ‘तेरे नाम’ भी है।

अपने दोस्त के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे अनुपम खेर

बॉलीवुड फिल्म स्टार अनुपम खेर भी यहां अपने दोस्त सतीश कौशिक को आखिरी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस मौके पर अनुपम खेर को देखते ही मीडिया कर्मी उनसे बात करने के लिए पहुंचे। जिसके बाद उन्‍होंने भीगी पलकों से अपने दोस्त के बारे में बात करते दिखे। अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि – “जानता हूँ “मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!” पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त #SatishKaushik के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम !! Life will NEVER be the same without you SATISH ! ओम् शांति!”

हरियाणा से निकलकर कैसे स्टार बने थे सतीश कौशिक?

सतीश कौशिक ने सपनों की महानगरी मुंबई आकर एक एक्टर और डायरेक्टर के तौर पर खास पहचान बनाई। लेकिन असल में वो हारियाणा के रहने वाले थे। सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई हरियाणा और दिल्ली से की थी। साल 1972 में उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उन्होंने फिर एफटीआईआई (Film and Television Institute of India) से एक्टिंग की पढ़ाई की थी।

‘मासूम’ फिल्म से की एक्टिंग की शुरुआत

कम ही लोग जानते हैं कि सतीश कौशिक ने अपने करियर की शुरुआत साल 1983 में फिल्म मासूम से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की थी। इसी फिल्म से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखा था। इसके बाद फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ से उन्होंने एक डायरेक्टर के तौर पर डेब्यू किया। फिल्मों में डायरेक्शन और एक्टिंग के साथ उन्होंने स्क्रीन पर कॉमेडी करके भी लोगों का दिल जीता। फिल्म  ‘राम-लखन’ और ‘साजन चले ससुराल’ के लिए उन्हें दो बार बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

2 साल के बेटे के निधन से टूट गए थे सतीश

सतीश कौशिक की शादी साल 1985 में शशि कौशिक से हुई थी। शादी के कई साल बाद उनके घर में बेटे का जन्म हुआ था। लेकिन अफसोस फिल्मी पर्दे पर लोगों को हंसाने वाले सतीश कौशिक की जिंदगी में एक हादसा हुआ, जिसने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया था। 1996 में उनके 2 साल के बेटे का निधन हो गया था। बेटे की मौत का उन्हें गहरा सदमा लगा था, जिससे निकलने में उन्हें काफी समय लगा।

बेटे की मौत के 16 साल बाद फिर से बने थे पिता

कहते हैं कि इंसान को कभी भी परेशानियों से ना उम्मीद नहीं होना चाहिए, क्योंकि खुशियां कभी भी दस्तक दे सकती हैं। सतीश कौशिक के जीवन में भी कुछ ऐसा ही चमत्कार हुआ। बेटे की मौत के 16 साल बाद साल 2012 में उनके घर में फिर से किलकारियां गूंजी। सरोगेसी की मदद से उनके घर बेटी ने जन्म लिया था। बेटी के जन्म से उनके घर में फिर से खुशियों ने दस्तक दी थी।

यादगार हैं सतीश कौशिक की ये फिल्में

सतीश कौशिक का फिल्मी करियर काफी शानदार रहा है। उन्होंने एक्टर और डायरेक्टर के अलावा एक कॉमेडियन और स्क्रीनराइटर के तौर पर भी काम किया। फिल्म दीवाना मस्ताना और मिस्टर इंडिया उनके किरदारों को आज तक फैंस भूल नहीं पाए हैं।  फिल्म जाने भी दो यारों, कागज, स्वर्ग, जमाई राजा, साजन चले ससुराल, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी समेत कई फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीता था। एक्टिंग के अलावा उन्होंने ‘हम आपके दिल में रहते हैं’, ‘तेरे नाम’, ‘शादी से पहले’ समेत कई फिल्मों का निर्देशन भी किया था। सतीश कौशिक के निधन से हर कोई दुखी है और नम आंखों से उन्हें याद कर रहा है।  (एएमएपी)