प्रमोद जोशी।
पनामा पेपर्स के बाद अब सम्पत्ति के घपलों-घोटालों और उसकी वैश्विक-मशीनरी से जुड़े दस्तावेजों की सबसे बड़ी लीक के बाद हैरतंगेज़ बातें सामने आई हैं। करोड़ों दस्तावेजों के इस लीक में 91 से ज्यादा देशों के 100 से ज्यादा खरबपतियों, 35 बड़े नेताओं, 300 अधिकारियों और हजारों-लाखों कारोबारियों के खुफिया-खातों और धंधों की जानकारी दी है। इनमें ऐसी कम्पनियाँ भी हैं, जो राजनीतिक दलों को बड़ा चंदा देती हैं। पैंडोरा पेपर्स (भानुमती का पिटारा) नाम से हुआ यह लीक पत्रकारों की वैश्विक संस्था इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की देन है।


तीन अक्तूबर से प्रकाशित हुए विवरण के अनुसार इसमें करीब एक करोड़ 19 लाख दस्तावेज (2.9 टैराबाइट डेटा) सामने आए हैं, जिनमें समझौते, तस्वीरें, ईमेल और 14 वित्तीय सेवा कम्पनियों की स्प्रैडशीट शामिल हैं। जिन देशों का विवरण इनमें है, उनमें पनामा, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। यह लीक 2016 के पनामा पेपर्स से भी बड़ा है। पनामा पेपर्स में 1.15 लाख गोपनीय दस्तावेज सामने आए थे।

32 ट्रिलियन डॉलर की टैक्स-चोरी

Pandora' box about to open: Bigger scam than Panama unfolds today

 

इन दस्तावेजों पर सरसरी निगाह से एक नजर डालने पर पता लगता है कि दुनिया में कम से कम 32 ट्रिलियन डॉलर सम्पदा पर टैक्स लगने से बचाया गया है। इस सम्पदा में रियल एस्टेट, कला-सम्पदा और जेवरात शामिल नहीं हैं। दुनिया के अमीरों ने पनामा, दुबई, मोनेको, स्विट्ज़रलैंड और केमैन द्वीप के टैक्स हेवनों में बनी ऐसी ऑफशोर कम्पनियों में पैसा रखा है, जो टैक्स चोरी करती हैं।

ऑफशोर कम्पनियां टैक्स बचाने तथा वित्तीय और कानूनी फायदे के लिए टैक्स हेवन देशों में गुप्त रूप से काम करती हैं। ये कम्पनियाँ कॉरपोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स जैसे कई प्रकार के टैक्स से बच जाती हैं। पनामा में 3,50,000 से ज्यादा गोपनीय अंतरराष्ट्रीय कम्पनियाँ रजिस्टर्ड बताई जाती हैं।

स्विट्ज़रलैंड, हांगकांग, मॉरिशस, मोनेको, पनामा, अंडोरा, बहामास, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बेलीज, कैमेन आइलैंड, चैनल आइलैंड, कुक आइलैंड, लाइशेंश्टाइन जैसे देश टैक्स हेवन देशों की सूची में आते हैं। इन टैक्स हेवन के खिलाफ बने प्रेशर ग्रुप ‘टैक्स जस्टिस नेटवर्क’ की सन 2012 की रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में 21 ट्रिलियन से 32 ट्रिलियन के बीच की राशि टैक्स बचाकर रखी गई है।

क्या फर्क है पनामा पेपर्स, पैराडाइज़ पेपर्स और अब सामने आए पैंडोरा पेपर्स में

Sachin Tendulkar and Anil Ambani among 300 Indians named in Pandora Papers - World - DAWN.COM

पैंडोरा पेपर्स के पहले पनामा पेपर्स और पैराडाइज़ पेपर्स भी सामने आए थे। उनमें और इन दस्तावेजों में कुछ फर्क है। पहले वाले दस्तावेजों से उन ऑफशोर कम्पनियों का विवरण मिलता था, जिन्हें इसी काम के लिए बनाया गया था। पैंडोरा पेपर्स में पता लगता है कि मनी लाउंडरिंग और आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे के इस्तेमाल की खबरें मिलने के बाद दुनिया की सरकारों ने जो सख्ती की है, उसे देखते हुए कम्पनियों ने किस तरह की नई व्यवस्थाएं कर ली हैं। इनसे पता लगता है कि ऑफशोर कम्पनियों के साथ मिलकर किस प्रकार ट्रस्ट बनाए गए हैं। ये ट्रस्ट समोआ, बेलीज़, पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड यहाँ तक कि अमेरिका के साउथ डकोटा में बनाए गए हैं। ये ट्रस्ट टैक्स बचाने के रास्ते तैयार करते हैं। ट्रस्ट का मतलब है कोई तीसरी पार्टी किसी व्यक्ति की सम्पत्ति के स्वामी की भूमिका निभाती है।

आईसीआईजे

वैश्विक संस्था इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) का मुख्यालय वॉशिंगटन में है। यह अपनी सामग्री दुनिया के चुनींदा मीडिया हाउसों से साझा करती है। इनमें भारत का इंडियन एक्सप्रेस, ब्रिटेन का गार्डियन, बीबीसी पैनोरमा, पेरिस का ल मोंद, वॉशिंगटन पोस्ट वगैरह शामिल हैं। यह जानकारी करीब 600 पत्रकारों के साथ शेयर की गई है।

Pandora Papers: Putin image-maker's role in billion-dollar cinema deal hidden offshore | World News,The Indian Express

आईसीआईजे के दावे के मुताबिक, गोपनीय दस्तावेज जॉर्डन के शाह; यूक्रेन, केन्या और इक्वेडोर के राष्ट्रपति; चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री; ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के विदेश में लेनदेन को उजागर करते हैं। इन फाइलों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘गैरसरकारी प्रचार मंत्री’ और रूस, अमेरिका, तुर्की और अन्य देशों के 130 से ज्यादा अरबपतियों की वित्तीय गतिविधियों को भी उजागर किया गया है। पाप स्टार शकीरा और सुपर मॉडल क्लॉडिया शिफर के नाम भी शामिल हैं। इनमें प्रधानमंत्री इमरान खान के बेहद करीबी लोगों और उनके कुछ मंत्रियों समेत 700 से ज्यादा पाकिस्तानियों के नाम भी हैं। इनमें वित्त मंत्री शौकत तारी, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सीनेटर फ़ैसल वावदा, उद्योग मंत्री खुसरो बख्तियार समेत कई अन्य शामिल हैं।

380 भारतीय

Pandora Papers: 'Financial Secrets' of 380 Indians Revealed, Says Report

 

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इन दस्तावेजों में कम से कम 380 भारतीयों से जुड़े विवरण इसमें शामिल हैं। इनमें अनिल अम्बानी से किरण मजूमदार शॉ तक के नाम हैं। एक्सप्रेस ने करीब 60 बड़े लोगों और कम्पनियों के दस्तावेजों की पुष्टि कर ली है। इनमें विदेशी ऑफशोर ट्रस्टों में रखी गई सम्पदा का विवरण है। इन दस्तावेजों से पता लगता है कि अमीर लोग अपनी सम्पत्ति की बाड़बंदी के लिए कितने प्रकार की व्यवस्थाएं करते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। आलेख जिज्ञासा से)