आपका अखबार ब्यूरो ।

देश में धीरे धीरे काबू में आ रहे कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी ने चिंता बढ़ा दी है। नये संक्रमित होने वाले रोगियों के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों के बढ़ते आंकड़ों पर पिछले तीन दिनों में ब्रेक लगा है।


 

उधर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी करोना संक्रमित पाए गए हैं। रविवार को वडोदरा में चुनावी सभा में भाषण देते वक्त वे बेहोश होकर गिर पड़े थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात को उनका आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ था। सोमवार को आई रिपोर्ट में उन्हें कोरोना पाजिटिव बताया गया।

महाराष्ट्र में पांच गुना मरीज बढ़े

उधर महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों के मिलने की रफ्तार में अचानक तेजी आई है। दो दिनों के भीतर ही 5 गुना तेजी से मरीज बढ़े हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 11 फरवरी को राज्य में 652 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 13 फरवरी को यह संख्या बढ़कर 3670 पहुंच गई। रविवार 14 फरवरी को कोरोना से संक्रमित होने वाले नये मरीजों का आंकड़ा 4092 पहुंच गया। इसके अलावा 40 मरीजों की मृत्यु हो गई।

केरल में दस लाख लोग संक्रमित हो चुके

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केरल में कोरोना के मरीजों की संख्या 10 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। महाराष्ट्र के बाद केरल दूसरा राज्य है जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या दस लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। पिछले 24 घंटे में यहां 4,612 नए कोरोना के मरीज मिले हैं और इलाज करा रहे 15 मरीजों की मृत्यु हो गई। केरल में कुल मरने वालों की संख्या 3,985 पहुंच गई है।

भारत में कोरोना संक्रमण

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महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या का असर देशव्यापी आंकड़ों पर भी पड़ा है। देश में रविवार को लगातार तीसरे दिन ठीक होने वालों से नए संक्रमितों का आंकड़ा अधिक रहा। इस दिन 11,431 नये मरीज मिले जबकि 9,267 मरीज ठीक हुए। चौबीस घंटों में 87 कोरोना पीड़ितों की मृत्यु हुई। इस प्रकार एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 2,073 की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 26 नवंबर 2020 को 2927 एक्टिव केस बढ़े थे। इस तरह कोरोना से नये संक्रमित मरीजों की संख्या में यह सबसे बड़ी वृद्धि है।

अब तक देश में एक करोड़ नौ लाख लोग वैश्विस महामारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 1.06 करोड़ इलाज के बाद स्वस्थ हो गए जबकि 1.55 लाख मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। एक लाख 36 हजार मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना संक्रमण के कारण रोगियों की मृत्यु दर में लगातार गिरावट हो रही है। इस समय यह डेढ़ फीसदी से भी नीचे आ चुकी है और भारत विश्व के सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है।

नई एसओपी

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यालयों और कार्यस्थलों के बारे में नई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर) जारी की है। एसओपी के अनुसार किसी ऑफिस में कोरोना का मामला मिलने पर उस क्षेत्र को कीटाणुरहित करने के बाद दोबारा कामकाज शुरू किया जा सकता है। इसके लिए पूरे भवन परिसर को बंद या सील करने की आवश्यकता नहीं है।

मंत्रालय के अनुसार अगर किसी कार्यालय में एक या दो कोरोना से संक्रमित मरीज मिलते हैं तो कीटाणुरहित करने की प्रक्रिया केवल उसी स्थान पर होगी जहां कोरोना रोगी पिछले 48 घंटों में मौजूद रहा हो। लेकिन अगर किसी कार्यस्थल पर बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले मिलते हैं तो पूरे भवन या परिसर को कीटाणुरहित करने के बाद ही सामान्य कामकाज शुरू किया जा सकता है।


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