बख्तरबंद गाड़ियों के साथ लाहौर पहुंची इस्लामाबाद पुलिस।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास के बाहर पुलिस के बख्तरबंद गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है। इस्लामबाद पुलिस ने खुद कहा है कि वे इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए आए हैं।  लेकिन पाक के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले ही सड़कों पर संग्राम शुरू हो गया है। लाहौर स्थित उनके घर पहुंची पुलिस को समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। लाहौर की सड़कों पर पीटीआई समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी हुई हैं। समर्थकों की तरफ से पुलिस पर पत्थरबाजी की गई, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठी चार्ज किया है और पानी की बौछार कर भीड़ को खदेड़ा है। हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस बख्तरबंद गाड़ियों के साथ इमरान खान के घर पहुंची है।

बख्तरबंद गाड़ियों के साथ पहुंची पुलिस

इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास के बाहर पुलिस के बख्तरबंद गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है। खुद इस्लामबाद पुलिस ने कहा है कि वे इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए आए हैं। इमरान के घर की ओर जाने वाले मॉल रोड को पुलिस ने ब्लॉक कर दिया है। जिसके बाद पीटीआई कार्यकर्ता जमान पार्क के बाहर इकट्ठा हो गए हैं। पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से जमान पार्क के बाहर इकट्ठा होने और शांतिपूर्ण रहने का आह्वान किया गया है।

इससे पहले इस्लामाबाद की एक कोर्ट ने पिछले साल यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक महिला मजिस्ट्रेट को धमकी देने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पर मंगलवार को 16 मार्च तक रोक लगा दी। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी और इस्लामाबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए सोमवार को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।

इमरान खान को क्यों किया जा रहा है गिरफ्तार

इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद कोर्ट ने दो मामलों में गैर जमानती वारंट जारी किया है। पहला मामला तोशाखाना केस से जुड़ा हुआ है। वहीं, दूसरा मामला जज को धमकाने का है। दोनों की केस से जुड़ी तारीखों पर इमरान खान कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। इमरान खान ने कोर्ट में पेशी से छूट की अपील भी की है, जिस पर सुनवाई होना बाकी है। इमरान खान के वकील का दावा है कि कोर्ट में पेशी से उनकी जान को खतरा है। ऐसे में उन्हें वर्चुअली पेश होने की छूट दी जाए।

आत्मसमर्पण नहीं करेंगे इमरान

पीटीआई के वरिष्ठ नेता फारुख हबीब ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, इमरान खान फर्जी मामलों में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। हबीब ने कहा कि महिला न्यायाधीश को धमकाने से संबंधित मामले में गिरफ्तारी वारंट को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने आज निलंबित कर दिया। देखते हैं कि पुलिस अब क्या नया वारंट लेकर आई है।

इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम की अगुवाई कर रहे इस्लामाबाद के डीआईजी ऑपरेशन शहजाद बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख को हिरासत में लेने के लिए एक बड़ी टीम को बुलाया गया है। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसकर्मी दंगा रोधी उपकरणों से लैस हैं। पुलिस ने यह बताने से इनकार किया है कि इमरान खान को किस मामले में गिरफ्तार किया जा रहा है, क्योंकि उनके नाम से दो अलग-अलग मामलों में गैर जमानती वारंट जारी हैं।

यह पूछे जाने पर कि गिरफ्तारी के बाद इमरान को कहां ले जाया जाएगा। इस पर डीआईजी बुखारी ने कहा, “पहले इसे होने दीजिए, फिर अल्लाह ने चाहा तो हम आपको सूचित करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य लोग इस संबंध में अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लोग कानून अपने हाथ में नहीं लेंगे और इमरान के आवास के बाहर जमा जनता के सामने इसकी घोषणा भी करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि अगर स्थिति अराजकता में बदल गई तो क्या पुलिस कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा कि हां बिल्कुल, अगर कोई कानून हाथ में लेता है तो हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे। बुखारी से यह भी पूछा गया कि क्या राजधानी की पुलिस पिछले एक हफ्ते से लाहौर में डेरा डाले हुए थी, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि ये उनके अपने ऑपरेशन टेस्टिक्स हैं, जिसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है।

क्या है तोशाखाना मामला?

दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं। (एएमएपी)