आपका अखबार ब्यूरो। “अन्य सभी लोगों से ज्यादा सैनिक ही शांति के लिए प्रार्थना करता है, क्योंकि यह सैनिक ही है, जिसे युद्ध के सबसे गहरे घावों और आघातों से गुजरना और सहन करना होता है।” अमेरिकी सैन्य कमांडर डगलस मैकआर्थर की ये पंक्तियां वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने। यह बात उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में पत्रकार शिव अरूर और राहुल सिंह की पुस्तक “इंडियाज मोस्ट फियरलेस 3” के लोकार्पण के अवसर पर कही। “इंडियाज मोस्ट फियरलेस” सीरीज की तीसरी पुस्तक है, जिसे पेंग्विन ने प्रकाशित किया। लोकार्पण कार्यक्रम में तीनों सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे (थल सेना), एअर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी (वायु सेना), एडमिरल आर. हरि कुमार (नैसेना) मुख्य अतिथि थे। अतिथियों का स्वागत आईजीएनसीए के डीन डॉ. प्रतापानंद झा ने किया। पुस्तक का लोकार्पण जनरल मनोज पांडे, एअर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, एडमिरल आर. हरि कुमार, डॉ. प्रतापानंद झा, पुस्तक के लेखकद्य शिव अरूर और राहुल सिंह, पुस्तक की संपादक मिलि ऐश्वर्या, नीलिमा डालमिया ने किया। कार्यक्रम का आयोजन आईजीएनसीए और प्रभा खेतान फाउंडेशन ने किया था।
लोकार्पण कार्यक्रम में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “इस पुस्तक में पूर्वोत्तर भारत के जंगलों से लेकर नियंत्रण रेखा, वास्तविक नियंत्रण रेखा से लेकर अरब सागर तक की कहानियां शामिल हैं।” उन्होंने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुस्तक अद्भुत है। इस अवसर पर बोलते हुए एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा, “विचार आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कहानियां बनी रहती हैं।” उन्होंने बेंजामिन फ्रैंकलिन के कथन “या तो पढ़ने लायक कुछ लिखो या लिखने लायक कुछ करो” को उद्धृत करते हुए कहा कि दोनों लेखकों ने पढ़ने लायक किताब लिखी है। वहीं जनरल मनोज पांडे ने अपने संबोधन में कहा, “यह पुस्तक भारतीय सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान की कहानियों को पठनीय रूप में प्रस्तुत करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तक की खासियत है कि यह सैनिकों के प्रयासों का मार्मिक और जीवंत लेखा-जोखा पेश करती है।
“इंडियाज मोस्ट फीयरलेस 3” भारतीय सैनिकों के अकल्पनीय साहस और वीरता की कहानी है। यह पुस्तक पाठकों को युद्धभूमि में ले जाती है, जहां से हमारे कई वास्तविक नायक जीवित नहीं लौटते। रिपोर्ट और थोड़ी कहानी की शैली में लिखे गए इस पुस्तक के अध्याय प्रेरित और भावुक करते हैं और भारतीय सेना के प्रति मन में सम्मान और बढ़ाते हैं। दिल को छू लेने वाली ये कहानियां भारतीय सेना का वास्तविक गुणगाण करती हैं। इन्हें पढ़कर रोमांच और प्रेरणा मिलती है कि हमारे देश की पवित्र धरती ने कितने साहसी और लौह इरादों वाले वीर पैदा किए हैं। यह पुस्तक हमें सच्चे नायकों को पहचानने की दृष्टि देती है और बताती है कि हमारे सैनिक हमारी तरह साधारण मनुष्य हैं, उनमें भी भावनाएं हैं, लेकिन उनका साहस और संकल्प असाधारण है। (एएमएपी)