सेना का 28, नौसेना का 44 और वायु सेना का 48 फीसदी बजट खर्च नहीं हुआ।
पूंजीगत व्यय का भी 48 फीसदी हिस्सा खर्च न हो पाने से सशस्त्र बल दिक्कत में।
इसके विपरीत वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संसद में 01 फरवरी को पेश किये गए बजट के दिन तक रक्षा बजट में पूंजीगत व्यय का आधा हिस्सा अभी तक खर्च नहीं हो पाया है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित कुल 1,52,000 करोड़ के बजट में से 01 फरवरी तक केवल 52% यानी 80,500 करोड़ खर्च किए गए हैं। पूंजीगत व्यय का भी 48 फीसदी हिस्सा खर्च न हो पाने से सशस्त्र बलों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सेना का 28 फीसदी, नौसेना का 44 फीसदी और वायु सेना का 48 फीसदी बजट खर्च नहीं हुआ है। इस वजह से सशस्त्र बलों को पूंजीगत व्यय खर्च करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
नए बजट में गैर-वेतन राजस्व परिव्यय 62,431 करोड़ रुपये से 44 प्रतिशत बढ़ाकर 90 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। नए बजट के पूंजीगत परिव्यय में रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया है। वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में कुल 45,03,097 करोड़ रुपये के परिव्यय की परिकल्पना की गई है। इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5,93,537.64 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की तुलना में इस वर्ष के रक्षा बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि करके कुल 68,371.49 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। (एएमएपी)