‘रात में बहुत बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं’

 

#pradepsinghप्रदीप सिंह।

तस्वीर में मौजूद तीसरे व्यक्ति को देखिए- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाथ जोड़ कर जिस मुद्रा में खड़े हैं, उनके चेहरे का भाव देखिए।उनका जो मनोभाव मुझे सुनाई पड़ रहा है वह मैं आपको सुनाने की कोशिश कर रहा हूं।

‘वशीकरण मंत्र का असर’

शिवराज सिंह चौहान बोल रहे हैं, “मोदी जी, मैं तो आडवाणी जी के चक्कर में फंस गया था। उन्होंने मुझ पर वशीकरण मंत्र कर दिया था। मुझे पता ही नहीं था- मैं आपको चुनौती दूं यह तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकता। वशीकरण मंत्र का असर जब खत्म हुआ तब मुझे समझ में आया कि कुछ गड़बड़ हो गया है। मेरी याददाश्त चली गई, मुझे याद ही नहीं है कि मैंने उस समय किया क्या था। तो जो याद नहीं है उसकी सजा तो नहीं मिलनी चाहिए। वैसे मुझे सजा तो मध्य प्रदेश की जनता ने दे दिया। मैंने आप को चुनौती देकर गलत काम किया। मैं उस समय अपने होशो-हवास में नहीं था इसलिए ऐसा हो गया। मैं तो सब भूल गया हूं। वो कहते हैं न कि बुरे सपने को याद नहीं रखना चाहिए, अच्छी बात नहीं होती है। मैंने उन सबको भुला दिया है। मैंने अपने राजनीतिक जीवन के उस हिस्से को स्लेट से मिटा दिया है, आप विश्वास कीजिए। मध्य प्रदेश की जनता ने तो अपनी नाराजगी दिखाते हुए हनुमान जी की गदा चला दी लेकिन आपने भगवान राम से सिफारिश करके बचा लिया, मुझे मुख्यमंत्री बना दिया। मगर मोदी जी, एक और समस्या है। आजकल रात में मुझे बहुत बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं। मुझे सपने में दिखाई देता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरी कुर्सी छीन रहे हैं, ऐसा मत होने दीजिएगा। चुनाव में अब एक साल ही बचा है। मैं अपना पूरा ध्यान चुनाव पर लगाना चाहता हूं लेकिन बार-बार ध्यान वहीं चला जाता है। मैं बार-बार कुर्सी से उठते हुए पीछे देखता हूं कि कुर्सी वहीं पर है या नहीं। इसलिए प्रार्थी की मनोदशा को समझते हुए सविनय निवेदन है कि पिछले आठ साल की मेरी वफादारी का भी ध्यान रखें और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बुरे सपने से मुझे बचाएं, मेरी रक्षा करें। अच्छा होगा आप उन्हें दिल्ली में ही अपने पास रखें। बड़े योग्य व्यक्ति हैं। दिल्ली में आपके लिए ज्यादा कारगर होंगे। मध्य प्रदेश मेरे ऊपर छोड़ दीजिए। आप भरोसा रखिए, आपको शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।”

शिवराज सिंह चौहान जिस मुद्रा में खड़े हैं उससे समझ में आ रहा है कि वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अपने भविष्य को लेकर उनके मन में आशंकाएं हैं। इन तीन लोगों की जो मैंने बात की, मुझे लगता है कि जो वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति है, इन लोगों के साथ जो घटनाक्रम हो रहे हैं और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जिस तरह से फैसले लेता है, उसमें ऐसी बातें मन में आना अस्वाभाविक नहीं है। इसलिए आपसे ये बातें कही। हो सकता है कि बहुत से लोगों को ये बातें पसंद न आएं, कुछ लोगों को पसंद आ सकती है। यह प्रयोग मैंने पहली बार किया है। बताइएगा, आपको कैसा लगा। (समाप्त)