पूरी दुनिया के देखा ‘विकसित भारत’ की स्वदेशी सैन्य ताकत, दुश्मन देश आंख उठाकर भी देख नही पाएंगा
योगेश कुमार गोयल।
26 जनवरी को भारत ने ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ थीम के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मनाया और इस अवसर पर पहली बार 100 महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ परेड का शुभारंभ किया गया, जिसकी शुरुआत महिला कलाकारों द्वारा बजाए जाने वाले शंख, नादस्वरम, नगाड़ा इत्यादि के संगीत के साथ हुई। राष्ट्रीय गौरव के इस अवसर पर कर्त्तव्य पथ पर हुई गणतंत्र दिवस परेड में पूरी दुनिया ने भारत की लगातार बढ़ती स्वदेशी सैन्य ताकत को भी देखा। परेड के दौरान देश की संस्कृति और परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों और संगठनों की आकर्षक झांकियां निकाली गई, साथ ही तीनों सेनाओं के जवानों ने भी पूरे विश्व को भारत की ताकत दिखाने के लिए अनोखे करतब प्रदर्शित किए।
भारत के लड़ाकू विमानों का शौर्य भी देखने को मिला
कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सेना की मार्चिंग टुकड़ियों से लेकर टैंक, तोप और बैंड ने भी हिस्सा लिया तथा वायुसेना का फ्लाईपास्ट भी हुआ। कई विमानों के फ्लाईपास्ट के दौरान भारत के लड़ाकू विमानों का शौर्य भी देखने को मिला। फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के विमानों के साथ-साथ फ्रांसीसी वायुसेना के एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान तथा दो राफेल विमानों ने भी भारतीय विमानों के साथ अपने करतब दिखाए। हथियार प्रणालियों में टैंक, बीएमपी-2 पैदल सेना, लड़ाकू वाहन, ड्रोन जैमर, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचर और मल्टी-फंक्शन रडार भी शामिल हुए। फ्लाईपास्ट में 29 लड़ाकू जेट सहित कुल 56 सैन्य विमान शामिल थे, जिनमें से कुछ को महिला पायलटों ने ऑपरेट किया। 6 लड़ाकू पायलटों सहित 15 महिला पायलटों ने फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया। परेड में फ्रांसीसी सेना के 95 सदस्यीय मार्चिंग दस्ते और 33 सदस्यीय बैंड ने भी भाग लिया।
#WATCH | For the first time in the history, women’s contingent of the Delhi Police will be marching down the Kartavya Path during the Republic Day parade on January 26. pic.twitter.com/kUk1BGSz8T
गणतंत्र दिवस परेड में आमतौर पर विदेशी हथियार ही शामिल होते थे लेकिन इस बार दुनिया ने बड़ी संख्या में भारत निर्मित टैंक, मिसाइलों, अटैक हेलीकॉप्टर जैसे स्वदेशी हथियारों का जलवा देखा। आसमान में एलसीएच (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर) प्रचंड हेलीकॉप्टर, जमीन पर टी-90 भीष्म टैंक, मिसाइल लांचिंग के लिए पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर, नाग एंटी-टैंक मिसाइल जैसे तमाम हथियार परेड का हिस्सा बने। एलसीएच प्रचंड शक्तिशाली जमीनी हमले और हवाई युद्ध क्षमता से लैस एचएएल द्वारा डिजाइन और निर्मित पहला स्वदेशी मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है, जिसमें आधुनिक स्टील्थ विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात में जबरदस्त हमला करने की क्षमता है।
एलसीएच श्रेणी का दुनिया का एकमात्र सर्वश्रेष्ठ हेलीकॉप्टर
एलसीएच प्रचंड पर उन्नत नेविगेशन प्रणाली, नजदीकी लड़ाई के लिए तैयार बंदूकें और हवा से हवा में मार करने वाली शक्तिशाली मिसाइलें इसे आधुनिक युद्धक्षेत्र के लिए विशेष रूप से अनुकूल बनाती हैं। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल वहां किया जाता है, जहां पर फाइटर जेट की जरूरत नहीं होती। भारत में बना एलसीएच अपनी श्रेणी का दुनिया का एकमात्र सर्वश्रेष्ठ हेलीकॉप्टर है, जो अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों से लैंडिंग और टेकऑफ कर सकता है। दुनिया में अभी तक इस तरह का कोई हेलीकॉप्टर नहीं है, जो इतनी ऊंचाई पर उड़ सके। एलसीएच के साथ भारतीय सेना ने एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर के हथियारयुक्त संस्करण का भी प्रदर्शन किया, जिसे रुद्र के नाम से भी जाना जाता है।
विदेशी ग्राहकों को भी निर्यात किए स्वेदशी हथियार
परेड में प्रदर्शित की गई हथियार प्रणालियों में डीआरडीओ द्वारा विकसित पिनाका और स्वाति रडार भी शामिल थी, जिन्हें भारतीय संस्थाओं द्वारा विदेशी ग्राहकों को भी निर्यात किया गया है। पिनाका रॉकेट सिस्टम का उन्नत रेंज संस्करण 45 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। इस रॉकेट प्रणाली को पुणे स्थित आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। पिनाका रॉकेट की गति इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है, जो 5757.7 किलामीटर प्रतिघंटा है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर रखा गया है।
पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सैकेंड में 12 रॉकेट दागता है। इसके अभी दो प्रमुख वैरिएंट मौजूद हैं और तीसरा निर्माणधीन है। पहले वैरिएंट की रेंज 45 किलोमीटर और दूसरे की 90 किलोमीटर है जबकि तीसरे निर्माणाधीन वैरिएंट की रेंज 120 किलोमीटर होगी। ‘स्वाति’ वेपन लोकेटिंग रडार स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया एक डब्ल्यूएलआर है, जो अपने सैनिकों पर फायरिंग करने वाली बंदूकों, मोर्टारों और रॉकेटों का पता लगाने में सक्षम है। यह सैनिकों को दुश्मन के हस्तक्षेप के बिना अपने परिचालन कार्यों को पूरा करने में सक्षम बनाता है और उन्हें दुश्मन की गोलीबारी से सुरक्षा भी प्रदान करता है।
टी-90 टैंक रूस का मुख्य युद्धक टैंक
परेड का अहम हिस्सा बनी ‘नाग’ मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा दिन और रात की स्थितियों में अत्यधिक मजबूत दुश्मन टैंकों से निपटने के लिए विकसित किया गया है। भारत में निर्मित ‘ध्रुवास्त्र’ एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को ‘हेलिना’ भी कहा जाता है, जिसका नाम इससे पहले ‘नाग’ मिसाइल था। यह तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल है, जिसे हेलीकॉप्टर, टैंक, बीएमपी या किसी भी आर्म्ड व्हीकल पर तैनात किया जा सकता है और इसमें 8 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है। टी-90 टैंक रूस का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे भारत ने अपनी जरूरत के हिसाब से बदलकर उसका नाम ‘भीष्म’ रखा है। 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने में सक्षम इस टैंक में 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन है और टैंक पर 43 गोले स्टोर किए जा सकते हैं। इसकी ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है।
रूस 2025 तक 1657 भीष्म को ड्यूटी पर तैनात करेंगा
कई देशों में इस टैंक के रूसी वर्जन का उपयोग किया जा रहा है। फिलहाल 2078 टी-90 टैंक सेवा में हैं और भारत की रूस के साथ डील के तहत रूस 2025 तक 1657 भीष्म को ड्यूटी पर तैनात कर देगा। गणतंत्र दिवस परेड में क्विक फाइटिंग रिएक्शन व्हीकल, ऑल टेरेन व्हीकल और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल भी शामिल हुए, जिनका इस्तेमाल रेगिस्तानी, पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्रों में सैनिकों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से एयरलिफ्ट भी किया जा सकता है। इनका सस्पेंशन इनकी विशेषता है, जो इन्हें 60 डिग्री एलिवेशन और 45 डिग्री डिप्रैशन पर काम करने के योग्य बनाती है।
परेड में महिलाओं की रक्षा बलों में बढ़ती भूमिका
20 साल बाद गणतंत्र दिवस परेड में कर्त्तव्य पथ पर दुश्मन के लिए बारूदी सुरंग बिछाने और अपने सैनिकों के लिए इसे हटाकर सुरक्षित मार्ग प्रशस्त करने के काम में माहिर ‘बम्बई सैपर्स’ की 149 सदस्यीय टुकड़ी ने भी हिस्सा लिया। परेड में महिलाओं की रक्षा बलों में बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित किया गया। 60 महिला सैनिक ट्राई सर्विस की सभी महिला मार्चिंग टुकड़ी का हिस्सा बनी, जिसमें वायुसेना और नौसेना की महिलाएं भी शामिल रही। दो महीने पहले ही कर्नाटक के एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल बेलगावी से उत्तीर्ण हुई वायु अग्निवीर भी परेड का हिस्सा बनी। अग्निवीरों की त्रि-सेवा मार्चिंग टुकड़ी में 144 महिलाएं शामिल थी। कुल मिलाकर, गणतंत्र दिवस समारोह में परेड के दौरान कर्त्तव्य पथ पर भारत की सैन्य ताकत के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक झलक भी दिखाई दी।(एएमएपी)