प्रमोद जोशी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को ओमीक्रोन (Omicron) नाम दिया है। यह एक ग्रीक शब्द है। डब्लूएचओ ने इस नए वेरिएंट को तकनीकी शब्दावली में ‘चिंतनीय वेरिएंट’ (वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न/वीओसी) बताया है। डब्लूएचओ ने कहा कि यह काफी तेज़ी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरिएंट है। इस वेरिएंट के कई म्यूटेशन चिंता पैदा करने वाले हैं, जिसके कारण संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है।
कई देशों में मिले मरीज
विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसके पहले मामले की जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली थी। इसके अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इसराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है। इस वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला किया है। दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, जिम्बाब्वे, बोत्सवाना, लेसोथो और इस्वातिनी से आने वाले लोग ब्रिटेन में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, बशर्ते वे ब्रिटेन या आयरलैंड के नागरिक या ब्रिटेन के निवासी न हों।
अमेरिकी अधिकारियों ने भी दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, मोज़ाम्बीक और मलावी से आने वाली उड़ानों को रोकने का फ़ैसला किया है। यह प्रतिबंध सोमवार से लागू हो जाएगा। यूरोपीय संघ के देशों और स्विट्ज़रलैंड ने भी कई दक्षिणी अफ्रीकी देशों से आने-जाने वाले विमानों पर अस्थायी रोक लगा दी है।
शेयर बाजार गिरे
कोरोना के नए वेरिएंट मिलने की ख़बर से दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में शुक्रवार को तेज़ गिरावट दर्ज की गई. ब्रिटेन के प्रमुख शेयरों के सूचकांक ‘एफ़टीएसई 100’ में क़रीब चार फ़ीसदी की गिरावट हुई। मुम्बई शेयर बाजार 1688 अंक गिर गया। जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका के बाज़ार भी टूटने की खबरें हैं।
प्रभाव समझने में कुछ सप्ताह लगेंगे
वायरस का कोई वेरिएंट तब चिंता वाला वेरिएंट (वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न/वीओसी) बन जाता है, जब वह तेज़ी से फैलने या नुक़सान पहुंचाने की क्षमता के साथ वैक्सीन की प्रभावशीलता जैसी बातों को प्रभावित कर सकता हो। इस वेरिएंट के मामलों की संख्या दक्षिणी अफ्रीका के सभी प्रांतों में बढ़ रही है। इस वेरिएंट को बी.1.1.529 नाम दिया गया है। इस म्यूटेशन का पहला ज्ञात संक्रमण 9 नवंबर को जमा किए गए नमूने से मिला था। हालांकि डब्लूएचओ ने कहा है कि नए वेरिएंट का प्रभाव समझने में अभी कुछ सप्ताह लगेंगे। ब्रिटेन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस नए वेरिएंट के ख़िलाफ़ वैक्सीन के प्रभावी होने की संभावना क़रीब-क़रीब नहीं है। उधर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के स्ट्रक्चरल बायोलॉजिस्ट प्रोफेसर जेम्स नाइस्मिथ ने कहा है कि यह बुरी ख़बर तो है, लेकिन क़यामत जैसी बात नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि यह वेरिएंट अधिक तेज़ी से फैलता है तो यह ब्रिटेन तक पहुंच जाएगा।
ख़तरे का संकेत
अमेरिका के संक्रामक रोग प्रमुख डॉ. एंटनी फाउची ने कहा है कि नए वेरिएंट मिलने की ख़बर ने ख़तरे का संकेत दे दिया है, पर कोविड वैक्सीन अब भी इस बीमारी की गंभीरता को रोक सकती है। फाउची ने सीएनएन को बताया, “जब तक ठीक से जांच नहीं हो जाती तब तक हमें नहीं पता कि यह वायरस से बचाने वाली एंटीबॉडी को मात देगा या नहीं।”
इससे पहले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी ‘बेहद तेजी से फैलने वाले चिंताजनक वेरिएंट’ की कैटेगरी में रखा गया था, जिसका प्रसार दुनियाभर में हुआ था और बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार हुए थे। यह पहले वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता था और तेजी से ही लोगों को बीमार बनाता था। ऐसा ही नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बारे में कहा जा रहा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। आलेख ‘जिज्ञासा’ से)