पीएम मोदी ने दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बुधवार को दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दुबई वैश्विक अर्थव्यवस्था, कमर्शियल और टेक्नोलॉजी का केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा, “दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बन रहा है, वह बहुत बड़ी बात है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद दूरदर्शी और दृढ़संकल्प वाले नेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले।

आज हम 21वीं सदी में

उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहीं चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं। खाने की सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सुरक्षा हो, पानी की सुरक्षा हो, ऊर्जा की सुरक्षा हो चाहें शिक्षा हो। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद विभिन्न रूपों में मानवता के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है। जलवायु से संबंधित चुनौतियां बढ़ रही हैं। एक तरफ घरेलू चिंताएं हैं, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों और सबको साथ लेकर चलें, जो भ्रष्टाचार से मुक्त हों

सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए

पीएम ने कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है-‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। मैंने हमेशा एक ऐसा वातावरण बनाने पर जोर दिया है जिसमें नागरिकों में उद्यम और ऊर्जा की भावना विकसित हो। उन्होंने आगे कहा कि सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।

गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी

उन्होंने कहा कि हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील हैं। हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। भारत आज सौर, हवा, जल के साथ-साथ बायोफ्यूल्स, ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर रहा है। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है – मिशन लाइफ यानि वातावरण के लिए जीना। उन्होंने कहा कि हम ना केवल सरकारों के साथ उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि विश्व-बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। अपनी जी20 प्रेसिडेंसी के दौरान भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम वन अर्थ, वन फैमिली. वन फ्यूचर इसी भाव से चले।

विश्व-बंधु की सोच के साथ आगे बढ़ रहा भारत

पीएम मोदी ने कहा कि हम ना केवल सरकारों के साथ उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि विश्व-बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा कि एक दशक में हम दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए। इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 26 गुना बढ़ गई, हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई और हमने इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से पहले ही पार कर लिया।(एएमएपी)