कांग्रेस की पुनगर्ठित कार्य समिति (सीडब्‍ल्‍यूसी) की शनिवार को हैदराबाद में पहली बैठक हुई, जिसमें इस वर्ष होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर मंथन किया गया। इस दौरान कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने राय दी कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस के घटक दलों के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर नवंबर के बाद ही चर्चा शुरू की जाए। कांग्रेस के इन नेताओं का तर्क है कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और मजबूत होगी, जिससे वह सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों पर दबाव बना सकेगी।

मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे अंतिम फैसला

दरअसल इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल जल्द से जल्द लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा चाहते हैं ताकि कांग्रेस से आज के हालात के मद्देनजर ज्यादा सीट हासिल कर सकें। वहीं कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के बाद उसकी ताकत बढ़ेगी और उसके बाद वह सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर मजबूती से मोलभाव कर सकेगी। ये नेता चाहते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर बातचीत भले चले, लेकिन आखिरी फैसला विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद हो। हालांकि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल इन नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अंतिम फैसला छोड़ा दिया है।

“आप” से गठबंधन पर उठे सवाल

वहीं कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी नेता अजय माकन ने दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस कार्यसमिति के घटनाक्रम से वाकिफ सूत्र ने यह जानकारी दी है। इस सूत्र के मुताबिक अजय माकन ने बैठक में सवाल उठाया, ‘अगर AAP को कांग्रेस से गठजोड़ करना है तो वह उन राज्यों में क्यों प्रचार कर रही है, जहां कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला है?’ अजय माकन ने इसके साथ ही कहा कि ‘अगर आप अपनी रणनीति बदलती है तभी दिल्ली कांग्रेस को रणनीति बदलने पर सोचना चाहिए, वरना इस गठबंधन का पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा।’

बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित

बता दें कि हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल में सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की कई घंटे तक चली बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद सहित कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि 18 सितंबर से आरंभ हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए। कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाए। (एएमएपी)