देश में लागू हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव का देशभर में जमकर विरोध हो रहा है। जिसका खासा असर नए साल पर मध्‍यप्रदेश में दिखाई दिया। इस कानून के विरोध में पूरे मध्यप्रदेश में बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। नए साल के मौके पर जहां लोग घूमने निकलते हैं, वहीं आज अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। मध्यप्रदेश में चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य आम रास्तों पर सोमवार को चक्काजाम किया। इससे कई वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा और आम जरूरत की चीजों के परिवहन पर असर पड़ा।

जानकारी के अनुसार हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव के विरोध में देशभर में चल रही ड्राइवर्स की हड़ताल ने बड़ा रूप ले लिया है। हरियाणा, दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार समेत कई राज्यों में ट्रक चालकों ने चक्का जाम किया है। गृह मंत्री अमित शाह से मांग हो रही है कि वे इस कानून के प्रावधानों को नरम करें। ट्रक ड्राइवर ही नहीं बल्कि टैक्सी, ऑटो चालक भी इस नियम से परेशान हैं। बता दें कि यह कानून निजी वाहन वालों पर भी समान रूप से लागू होगा।

नए साल पर जनता बेहाल

मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रक ऑपरेटर और बस ड्राइवर की हड़ताल का सीधा असर देखने मिल रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सुबह से ही ट्रक ऑपरेटर और बस ड्राइवर का विरोध-प्रदर्शन जारी है, जहां अलग-अलग क्षेत्र से चक्का जाम की खबर भी सामने आते रही। बताया गया कि ड्राइवर एक से तीन जनवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान बस और टैंकर के पहिए थामे रहेंगे। वहीं, पेट्रोल पंप पर टैंकर्स न पहुंच पाने के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

प्रावधानों को वापस लिया जाए : सीएल मुकाती

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने को बताया, ‘हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश कर दिए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘हिट एंड रन’ के मामलों में विदेशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

सरकार नया हिट एंड रन कानून वापस ले : मप्र ड्राइवर महासंघ

हिट एंड रन की नई पालिसी के विरोध में मप्र ड्राइवर महासंघ ने सोमवार को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष राजकुमार रैदास ने कहा कि हादसे घटित होने पर चालकों के विरूद्ध 10 साल की सजा और मोटी रकम की वसूली काले कानून जैसा है। हम इसका विरोध करते हैं, जब तक ऐसा काला कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

मप्र के इन जिलों पर पड़ा असर

मध्यप्रदेश में बस ऑपरेटर और ट्रक चालकों की हड़ताल का सीधा असर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, नीमच, गुना, झाबुआ, धार, शिवपुरी, शहडोल और मंडला जिले में देखा जा रहा है। इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारी अलग-अलग स्थान पर पहुंचकर बस ऑपरेटर और ट्रक संचालकों को समझाइए देते नजर आ रहे हैं। अलग-अलग स्थान पर हुए चक्का जाम के चलते ट्रैफिक व्यवस्था भी बाधित हुई, जहां अधिकारियों की समझाइश के बाद ट्रक और बस ड्राइवर ने चक्का जाम खोल दिया। बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब तक देश में बस ऑपरेटर और ट्रक चालकों की हड़ताल जारी रहती है।

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जानिए कानून में क्‍या हुआ बदलाव

अब नए नियम के अनुसार यदि गाड़ी से कोई टकराता है और ड्राइवर पुलिस प्रशासन को सूचना दिए बिना मौके से भाग निकलता है तो उसे 10 साल तक की सजा होगी और फाइन भी लगेगा। इसी कानून को गलत बताते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दरअसल, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 50 हजार लोगों की सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मौत हो जाती है। होम मिनिस्टर अमित शाह ने संसद में बताया था कि नए कानून में सरकार हिट एंड रन के मामलों में सख्त प्रावधान ला रही है। (एएमएपी)