पारंपरिक चिकित्सा पर 20 जुलाई को भारत और आसियान देशों के बीच नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंथन होगा। विदेश मंत्रालय और आसियान सचिवालय के सहयोग से आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर सम्मेलन का आयोजन करेगा।दक्षिण-पूर्वी देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और कंबोडिया समेत 10 देश शामिल हैं। भारत आसियान रीजनल फोरम का सदस्य है। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत और आसियान सदस्य देशों के बीच बहुआयामी संबंध साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की मजबूत नींव पर खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2014 में म्यांमार में 12वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन में ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की घोषणा की, जिससे रणनीतिक साझेदारी को एक नई गति मिली। लगभग एक दशक के बाद पारंपरिक चिकित्सा पर आयोजित होने वाला भारत-आसियान सम्मेलन, आसियान के साथ भारत के सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से पिछले 9 वर्षों में आयुष क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत तत्कालीन आयुष विभाग को आयुष मंत्रालय का स्वरूप दिया। गठन के बाद आयुष मंत्रालय ने यूके, अमेरिका, जापान, ब्राजील, जर्मनी आदि के कई शीर्ष श्रेणी के अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ सीएसआईआर, डीएसटी, डीबीटी, आईआईटी जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थाओं के पारस्परिक सहयोग से मधुमेह , कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य, कोविड सहित विभिन्न संचारी और गैर-संचारी रोग स्थितियों में आयुष प्रणालियों के तहत उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के नये आयाम स्थापित किये।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक यह सम्मेलन आसियान देशों के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के अनुसंधान परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसी तरह आसियान के सदस्य देश भी अपने अनुभव साझा करेंगे। यह सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आसियान सदस्य देशों के नियामक ढांचे में हाल के विकास को साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। इस एक दिवसीय सम्मेलन में 75 प्रतिभागी हैं। इंडोनेशिया, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रूनेई, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम प्रतिनिधि प्रत्यक्ष और कंबोडिया एवं सिंगापुर के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से सम्मेलन में शामिल होंगे।(एएमएपी)