जापान दूसरे नंबर पर आता है। यहां 86 फीसदी लोग किसी धर्म को नहीं मानते और खुद को नास्तिक बताते हैं। 29 फीसदी लोगों का कहना है कि ईश्वर, गॉड या भगवान जैसी कोई चीज नहीं होती। यहां के लोग शिंतो धर्म का अनुसरण करते हैं। शिंतोइज्म को मानने वाले लोग ईश्वर जैसे दिव्य शक्ति में यकीन नहीं करते। स्वीडन नास्तिक देशों में तीसरे नंबर पर आता है। यहां के 78 फीसदी लोगों का किसी धर्म और किसी भगवान में कोई भरोसा नहीं। यहां बीते कुछ वर्षों में सेकुलरिज्म तेजी से बढ़ा है। सिर्फ 8 फीसदी लोग ही किसी धार्मिक संस्था से जुड़े हुए हैं।
मद्रास हाई कोर्ट के गैर हिन्दू मंदिर प्रवेश मामले की गंभीरता को समझें, संकट बड़ा है !
इनके अलावा चौथे नंबर पर चेक गणराज्य है। यहां नास्तिकता 19वीं सदी से चली आ रही है, जब कम्युनिस्ट शासन के दौरान स्वतंत्र विचार में ज्यादा विकास देखा गया। सूची में पांचवें नबर पर ब्रिटेन है। यहां के 72 फीसदी लोगों ने खुद को अधार्मिक बताया। 13 फीसदी लोग हैं, जो खुद को नास्तिक मानते हैं। यहां नास्तिकता यूरोप के अन्य देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है।(एएमएपी)