सोचो- जब न कुर्सी बचेगी, न पार्टी।
डॉ. सईद रिज़वान अहमद।
अरविन्द केजरीवाल जी, हाई कोर्ट से जो फैसला आना था, आ चुका… गिरफ़्तारी कस्टडी एकदम दुरुस्त है। अब आप उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं। सुप्रीम कोर्ट से किसी तरह का रिलीफ मिलेगा, नहीं मिलेगा- इसका आपके बहुत सारे छोटे, बड़े नेता और मंत्री इंतजार कर रहे होंगे। अगर आपको सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ नहीं मिलता है तो आम आदमी पार्टी टूट सकती है। आपके लिए यह सलाह है कि तत्काल भाभी जी (सुनीता केजरीवाल) को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा दो। संजय सिंह को शपथ दिलवाना खतरनाक हो जाएगा। उनकी बॉडी लैंग्वेज पर मत जाओ, जैसा कि लग रहा है यह आदमी अभी भी कितना मोदी जी के खिलाफ दहाड़ रहा है। राजनीति में अंदर-अंदर क्या ड्रामे, क्या नाटक हो जाते हैं, पता नहीं चलेगा। देखिए, कितनी अच्छी एडवाइस दे रहा हूं मैं आपको।
साथियों, आपका पहला विकेट गिर गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री और ‘आप’ के विधायक राजकुमार आनंद पहला विकेट है जो आपका गिरा है। आप लोगों को ये बताया जा रहा होगा कि सुप्रीम कोर्ट से भी आपको यानी केजरीवाल को झटका लग गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग करने से मना कर दिया है। हालाँकि यह झटका नहीं रूटीन है। ऐसे मामलों की अर्जेंट सुनवाई की उम्मीद कम ही होती है। पता चला है सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकता है।
अब सुनिए, जो राजकुमार साहब इनको छोड़ के गए हैं उन्होंने क्या बोला, “यह आम आदमी पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। मैं इस पार्टी, इस सरकार और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरण में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता।” हां, तो उन्होंने बोला कि “भैया ये तो राजनीति बदलने आए थे, यह तो खुद बदल गए।”
अगर केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट रिलीफ, राहत देता है और कह देता है कि अरेस्ट करने के लायक साक्ष्य नहीं थे, तो इससे ईडी को बहुत नुकसान होगा और इनडायरेक्टली कम से कम पंजाब और दिल्ली की रेंज में भाजपा को भी नुकसान होगा। उनके प्रवक्ताओं को जवाब देने में मुश्किल होगी और तमाम उंगलियां उनकी तरफ उठेंगी। वहीं दूसरी तरफ अगर सुप्रीम कोर्ट इनको रिलीफ नहीं देता है तो…? जब हाई कोर्ट इनके अरेस्ट को लेजिटिमेसी डिक्लेयर कर सकते हैं, तो वह क्यों नहीं ऐसा सोच सकता?
अगर केजरीवाल इसी जिद पर अटके रहे कि भैया ऐसा है कि मैं तो जेल के अंदर से ही सरकार चलाऊंगा। अगर सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को रिलीफ नहीं मिलता है तो आपके लिए सलाह है कि तत्काल भाभी जी को (मुख्यमंत्री की) शपथ दिलवा दो। अगर आप को सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ नहीं मिलता। लेफ्टिनेंट गवर्नर तत्काल राष्ट्रपति शासन घोषित कर देता है। भाभीजी शपथ नहीं ले पातीं। तो आपका बहुत बड़ा नुकसान होगा लोकसभा में, दिल्ली में और पंजाब में। तीन हफ्ते का वक्त बीत गया है, तो आपको सिंपैथी के नाम पर एक फ्लोटिंग वोट भी इधर से उधर नहीं मिलेगा।
मैं बोला था कि सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए था इतनी जल्दी। इतनी जल्दी भाग के गए। दुनिया भर के चैनलों पर चल रहा है कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका। भले वो नहीं है, है वो रूटीन। लेकिन जब आप जल्दी बाजी करेंगे, ओवर स्मार्ट बनेंगे तो लोग उसको झटका ही बोलेंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को रिलीफ दे देता है और जेल के बाहर कर देता है तो मोरल विक्ट्री यानी नैतिक विजय केजरीवाल की मानी जाएगी। दिल्ली और पंजाब का फ्लोटिंग वोट आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट करेगा और इंडिया एलायंस को सिर्फ इस बेल्ट में फायदा होगा। सवाल वही, अगर सुप्रीम कोर्ट इनको रिलीफ नहीं देता है तो…? मुझे लग रहा था कि हाई कोर्ट से कोई राहत, रिलीफ ना मिलने के बाद कोई हरकत होगी। हरकत शुरू हो गई है। पहला मंत्री छोड़कर भाग गया जिसके पास सात विभाग थे। वो ऐंवेई नहीं था। वरिष्ठ आदमी था। वो अलग बात कि अब लोग कह रहे कि उस पर ईडी की रेड थी। अरे ईडी की रेड हुई थी तो पहले छोड़ के भाग जाता ना। उसने भी इंतजार किया ये देखने के लिए कि हाईकोर्ट से रिलीफ मिलेगा या नहीं मिलेगा। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ मिलेगा या नहीं मिलेगा- इसका आपके बहुत सारे छोटे बड़े नेता और मंत्री इंतजार कर रहे होंगे। अगर केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ नहीं मिलता तो आम आदमी पार्टी टूट सकती है।
‘आप’ के टूटने पर और सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ ना मिलने पर केजरीवाल का क्या होगा? अगर आप को सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ नहीं मिली और आप इस जिद पर अटके रहे कि जेल के अंदर से सरकार चलाऊंगा तो आपके पॉलिटिकली छिन्न भिन्न होने का वक्त आ गया है। फ्लोटिंग वोट यानी सिंपैथी वोट के नाम पर आप को एक वोट भी नहीं मिलने जा रहा है बल्कि आपका नुकसान होने जा रहा है। तो तुरंत अपना डिसीजन लो। भाभी जी को शपथ कराओ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार न करो क्योंकि वहां से अगर तुम फ्री होकर बाहर आ जाते हो तो भाभी जी तुम्हारे लिए फिर से कुर्सी छोड़ देंगी। लेकिन अगर तुम वहां (जेल) से नहीं आ पाते और दिल्ली में शपथ नहीं करवाते, तो रातों रात राष्ट्रपति शासन लग जाएगा… और आधी ‘आप’ तुम्हें छोड़कर भाग जाएगी।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)