आईपीएल 2025 में सोमवार के मुक़ाबले में सूर्यवंशी ने ऐसा वैभव दिखाया कि जिनके फ़ोन, टीवी उनसे दूरी बना चुके थे उन्होंने उनको वापसी की राह दिखा दी। एईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट में कहा गया कि राजस्थान रॉयल्स के लिए जयपुर में गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ का यह मुक़ाबला करो या मरो वाला मैच था। टॉस भी राजस्थान रॉयल्स ने जीता और बादशाहत भी इस मुक़ाबले में अपनी क़ायम की। 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने ऐसा ताबड़तोड़ 35 गेंद में शतक लगाया कि पूरा गुजरात टाइटंस का महक़मा ही नहीं, दूसरे छोर पर खड़े उनके साथी यशस्वी जायसवाल भी सोचने पर मजबूर हो गए, जिन्होंने 40 गेंद पर नाबाद 70 रन बनाए। राजस्थान रॉयल्स 25 गेंद रहते यह मुक़ाबला आसानी से आठ विकेट से जीत गई और अंक तालिका में आठवें स्थान पर पहुंच गई।
210 रनों का पीछा करने उतरी राजस्थान रॉयल्स के लिए यह करो या मरो का मुक़ाबला था। कप्तान साथ में थे नहीं और सामने बड़ा लक्ष्य था। लेकिन जिस तरह की बल्लेबाज़ी सूर्यवंशी और जायसवाल ने दिखाई ऐसा लगा कि लक्ष्य भूल जाइए बस यही पल हैं जिसका आप लुत्फ़ ले सकते हैं, रन तो खु़द ही बन जाएंगे। सूर्यवंशी के आगे जायसवाल भी स्ट्राइक ही बदलते दिखे, उससे लगता है कि यह युवा बल्लेबाज़ किस क़दर की बल्लेबाज़ी कर रहा था। देखते ही देखते सूर्यवंशी ने 35 गेंद में शतक लगा दिया था और वह पूरी तरह से सनसनी बन चुके थे। वह शतक लगाते ही आउट जरूर हुए लेकिन सबसे कम उम्र में इस टूर्नामेंट में शतकवीर बनने का ख़िताब भी अपने संग लेकर गए। नीतीश राणा जैसे बल्लेबाज़ों को सूर्यवंशी जैसे शॉट खेलने थे ना कि रिवर्स स्वीप जैसे शॉट। कुछ ही देर में जायसवाल ने अपना अर्धशतक पूरा किया था तो लग चुका था कि बारी इनकी है।
इससे पहले, जब गुजरात टाइटंस के ओपनर टॉस हारने पर पहले बल्लेबाज़ी करने आए तो उनके क्लासिकल शॉट्स ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। साई सुदर्शन हों या शुभमन गिल उनके गैपों में निकलते शॉट्स ने राजस्थान रॉयल्स की मुकिश्लें बढ़ा दी थी। इन दोनों ही बल्लेबाज़ों के गैप ढूंढने के पराक्रम के बीच शतकीय साझेदारी नज़दीक थी। लेकिन महीश तीक्षणा ने उनका यह प्रयास क्षीण-क्षीण कर दिया। ऐसा लग रहा था कि कोई कैसे इतनी आसानी से 10 रन प्रति ओवर बना सकता है, जहां पर पहला छक्का भी नौवें ओवर के बाद आया हो। लेकिन यह दोनों ओपनर थे जिन्होंने इसको मुमकिन करके दिखाया। बाद में जॉस बटलर के पास इस बार अलग रोल था और उन्होंने उसी के मुताबिक बल्लेबाज़ी की। 26 गेंद में 50 रनों की उनकी पारी बताती है कि वह किस आक्रमकता के खेले, जिससे गुजरात टाइटंस 200 रनों के पार पहुंच सकी।