जैसलमेर आने वाले भारतीय पर्यटकों को केवल पर्यटन के उद्देश्य से तनोट सीमा चौकी एवं बबलियान पोस्ट पर घूमने का मौका मिलता था मगर अब एक नया बॉर्डर टूरिज्म पॉइंट सम क्षेत्र में खुलना पर्यटकों व पर्यटन व्यवसाय के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। सम स्थित रेतीले धोरों का आनंद लेने के लिए हर वर्ष लाखों देशी पर्यटक आते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीमा सुरक्षा बल द्वारा अब सम क्षेत्र में बॉर्डर का नजारा दिखाने वाला केंद्र बनाया गया है। हर किसी के मन में अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ के जवान कैसे निगरानी करते हैं और भारत-पाकिस्तान सीमा कैसी दिखती है, यह उत्सुकता रहती है। हालांकि हर कोई वहां पहुंच नहीं पाता है, क्योंकि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं जहां परिंदा भी सेंध नहीं मार सकता। तेज आंखों से सीमा की निगेहबानी करते जवान इसे पलक झपकते ही पकड़ लेते हैं। यह सब अक्सर टेलीविजन और समाचार पत्रों में देखा और पढ़ा जाता है।
यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बीएसएफ के वीरों की शौर्य गाथा को बताने के लिए एक म्यूजियम पॉइंट भी बनाया जा रहा है, जिसमें एक प्रोजेक्टर पर वीरों की शौर्य गाथा को लेकर फिल्म बनाई जाएगी। सीमा सुरक्षा में उपयोग किए जाने वाले हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है। जैसलमेर के लजीज खाने के लिए बल द्वारा एक रेस्टोरेंट की व्यवस्था का प्लान है। जो यहां आने वाले यात्री मेहमानों को एक अलग ही अनुभव देगा। बच्चों के लिए एक खेल मैदान बनाया गया है।
सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों के अनुसार जैसलमेर के सम स्थित रेतीले धोरों पर उन्हें जानने की कवायद नए साल के आगमन से पूर्व शुरू हो जाएगी। इस संबंध में हाल ही में बल के राजस्थान फ्रंटियर के आईजी ने भी दौरा कर बीएसएफ जवानों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े और दुर्गम सीमावर्ती जिले जैसलमेर आने वाले हर सैलानी के मन में बीएसएफ जवानों की शौर्य गाथा व अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर जीरो लाइन बॉर्डर को देखने के लिए उत्साह बना रहता है वह उत्साह अब सीमा सुरक्षा बल पूरा करेगा।
सम स्थित डेजर्ट स्प्रिंग रिसोर्ट के मयंक भाटिया ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के सीमा दर्शन के तहत पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना से निश्चित रूप से पर्यटन व्यवसाय को लाभ मिलने के साथ ही स्थानीय जनता को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। (एएमएपी)