प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार तड़के महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना को ‘अत्यंत दुखद’ करार दिया और लोगों की मौत पर संवेदना जताते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और वह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 29, 2025
उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।
मोदी ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है और वह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महाकुंभ का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयोजन होता है और इसमें करीब दस करोड़ लोगों के गंगा में डुबकी लगाने की संभावना है।
सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुओं, प्रदेश एवं देश वासियों से मेरी अपील है कि अफवाह पर कोई ध्यान न दें, संयम से काम लें, प्रशासन आप सभी की सेवा के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है… pic.twitter.com/r3qAkveJoz
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ हादसे को लेकर मीडिया से बात की थी। सीएम योगी ने कहा, “महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चार बार फोन पर बात हुई है। प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है और जो घटना घटी है, वह बैरिकेड को फांदने के कारण हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। प्रशासन सबके सहयोग के लिए तत्पर है। “
उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की। बोले, “मैं लोगों से अपील करूंगा कि वह प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। आज करीब 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। मैं सभी से कहूंगा कि वह जिस भी घाट पर हैं, वहीं स्नान करें। संगम नोज पर स्नान जरूरी नहीं हैं, सभी श्रद्धालु वहां जाने से बचें। सकुशल स्नान कराना हमारी प्राथमिकता है। प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है, इसलिए पहले श्रद्धालु स्नान करेंगे और उसके बाद ही संत स्नान करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ” विभिन्न अखाड़ों के संतों ने विनम्रतापूर्वक कहा है कि श्रद्धालु पहले पवित्र स्नान करें और भीड़ कम होने पर अखाड़े पवित्र स्नान के लिए आगे बढ़ेंगे। संगम नोज, नाग वासुकी मार्ग और संगम मार्ग पर काफी भीड़ है। मेरी श्रद्धालुओं से अपील है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पूरे कुंभ क्षेत्र में घाट बनाए गए हैं, श्रद्धालुओं को सिर्फ संगम नोज की ओर जाने की जरूरत नहीं है। श्रद्धालुओं को अपने नजदीकी घाटों पर पवित्र स्नान करना चाहिए। हम घायल व्यक्तियों का उचित उपचार सुनिश्चित कर रहे हैं। रेलवे ने प्रयागराज क्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक वापस ले जाने के लिए विशेष रेलगाड़ियों का आयोजन किया है।”
बताया जाता है कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई।
इस वर्ष, 144 वर्षों के बाद ‘त्रिवेणी योग’ नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है।
आधी रात के बाद लगभग दो बजे कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकर से गूंजते मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच, भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाजें गूंज उठीं।
घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में ले जाया गया। कई घायलों के रिश्तेदार भी वहां पहुंचे, साथ ही कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे।
त्रिवेणी संगम – गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम – हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है।