भारत समर्थकों के हाथ में तख्तियां थी जिसपर लिखा था कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख नहीं हैं। भारतीय समुदाय के लोगों की नारेबाजी और एकता के आगे खालिस्तान समर्थकों की रैली कमजोर नजर आई। ज्ञात रहे कि खालिस्तान समर्थकों के भारत विरोधी रैली की घोषणा के बाद भारतीय समुदाय के लोगों ने भी उनके विरोध की तैयारी शुरू कर दी थी।
उधर, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावासों के बाहर भीड़ इकट्ठा ही नहीं हो पाई। लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर करीब 30-40 ही खालिस्तानी समर्थक झंडे लिए नजर आए। इनका नेतृत्व आतंकवादी परमजीत पम्मा ने किया था। यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, कुछ देर ठहरने के बाद वह वहां से चले गए।
हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे दो खालिस्तान समर्थक गिरफ्तार
कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे दो खालिस्तान समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। खालिस्तान समर्थकों ने भारत के समर्थन में जुटे भारतीय समुदाय पर हमले का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इसे विफल कर दिया। एक खालिस्तान समर्थक ने पुलिस पर भी हमले का प्रयास किया। बाद में दोनों को बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया।
भारतीय समुदाय बोला, कनाडा खालिस्तानियों का समर्थन बंद करे
कनाडा में भारतीय प्रवासियों में से एक सुनील अरोड़ा ने कहा कि हम यहां खालिस्तान समर्थकों को जवाब देने और भारत और कनाडा की एकजुटता के लिए हैं। वे गलत जानकारी दे रहे हैं और हमारे राजनयिकों को धमकी दे रहे हैं, हम पूरी तरह इसके खिलाफ हैं। भारतीय प्रवासियों के दल के एक अन्य सदस्य अनिल शिरिंगी ने कहा कि हम खालिस्तान समर्थकों की धमकी के खिलाफ खड़े हैं। हम शांतिपूर्ण रहना चाहते थे और हमें रहना चाहिए। हम सरकार को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कनाडा को इसका संज्ञान लेना चाहिए कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है।(एएमएपी)