पूर्व राष्ट्रपति ने कहा-‘2020 का चुनाव सबसे बड़ा धोखा था’।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिन्होंने हाल ही में 2024 के चुनाव में उतरने की घोषणा की थी अब एक बार फिर से 2020 के चुनाव का मामला उठा दिया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में 2020 के चुनाव को “बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी” करार देते हुए अमेरिकी संविधान को समाप्त करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि बड़ी टेक कंपनियां डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ हो गई हैं।

क्या हैं ट्रंप के आरोप?

ट्रंप ने अपने  सोशल नेटवर्क एप ट्रुथ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 2020 के चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई थी जो कि  संविधान में पाए गए सभी नियमों, विनियमों और लेखों को समाप्त करने की अनुमति देती है। ट्रंप ने बड़ी टेक कंपनियों पर डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। हमारे महान ‘संस्थापक’ झूठे और कपटपूर्ण चुनावों को नहीं चाहते थे और न ही माफ करेंगे।

व्हाइट हाउस ने ट्रंप के बयान की निंदा की

व्हाइट हाउस ने ट्रंप के बयान की निंदा करते हुए कहा कि संविधान और इसके सभी सिद्धांतों पर हमला करना हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए अभिशाप है और इसकी सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए। व्हाइट हाउस  के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने कहा कि जब आप जीतते हैं तो आप केवल अमेरिका से प्यार नहीं कर सकते। उन्होंने  संविधान को पवित्र दस्तावेज बताया।

ट्रंप संविधान का सबसे बड़ा दुश्मन : लिज चेनी

ट्रंप की विरोधी माने जाने वाली लिज चेनी ने भी डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  का मानना है कि हमें 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने के लिए संविधान के सभी नियमों, विनियमों और लेखों तक को भी समाप्त कर देना चाहिए। पहले भी उनका यही विचार था और आज भी उनका विचार बना हुआ है। कोई भी ईमानदार व्यक्ति अब इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि ट्रंप संविधान के दुश्मन हैं।  (एएमएपी)