प्रमोद जोशी ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पराजय को हिंसक मोड़ देकर लोकतांत्रिक इतिहास में अपना नाम सिरफिरे व्यक्ति के रूप में दर्ज करा लिया है। उन्होंने बुधवार 6 जनवरी को अपने समर्थकों को भड़काकर जिस तरह से उन्हें अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग में प्रवेश करने को प्रेरित किया, उस तरह के उदाहरण अमेरिकी इतिहास में बहुत कम मिलते हैं। भीड़ को रोकने के प्रयास में हुई हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत होने का समाचार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के हालात पर चिंता जताई है।
अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग के चारों तरफ़ सड़कों पर पुलिस दंगे की आशंका को लेकर तैनात है। वॉशिंगटन की मेयर ने पूरी रात के लिए कर्फ़्यू लगा दिया है। वॉशिंगटन पुलिस के प्रमुख का कहना है कि स्थानीय समय के हिसाब से रात साढ़े नौ बजे तक 52 लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। चार लोगों को बिना लाइसेंस पिस्तौल रखने के लिए, एक को प्रतिबंधित हथियार रखने के लिए और 47 को कर्फ़्यू उल्लंघन और ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से घुसने के लिए। दो पाइप बम भी मिले हैं। एक कैपिटल बिल्डिंग के पास डेमोक्रेटिक नेशनल कमिटी दफ़्तर से और एक रिपब्लिकन नेशनल कमिटी के मुख्य दफ़्तर से।
संसद भवन परिसर युद्ध का मैदान
ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद भवन परिसर को युद्ध के मैदान में तब्दील कर दिया। वहां सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। संसद परिसर में गोलियां भी चलाई गईं। सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर बंदूकें तान दीं, दूसरी तरफ सांसदों को गैस मास्क पहनाए गए।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 6, 2021
संसद हॉल में घुसने की कोशिश
उपद्रवी प्रदर्शनकारियों को संसद भवन पर चढ़ते देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल बिल्डिंग की खिड़कियों के शीशे भी तोड़े हैं। इस तरह ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी चुनाव को पलटने की दिशा में जबर्दस्त तरीके से हिंसक कार्रवाई की और माहौल अराजक बना दिया। ट्रम्प का नीला झंडा लहराते और उनके अभियान का लाल टोपी पहने एक भीड़ ने वहां उपद्रव फैलाने की कोशिश की और संसद हॉल में घुसने की कोशिश की। थोड़ी ही देर में दंगाई अपने मूल मकसद में कामयाब होते दिखे, जब डेमोक्रेट जो बाइडेन की जीत पर संसद की मुहर लगाने के लिए बुलाई गई बैठक को रोक दिया गया।
ओबामा ने कहा हिंसा ट्रंप ने भड़काई
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यूएस कांग्रेस पर हुए हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन सांसदों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इस घटना को ‘देश के लिए अपमान और शर्मिंदगी का क्षण’ बताया। उन्होंने कहा कि ‘लेकिन अगर हम कहेंगे कि यह बिल्कुल अचानक हुई घटना है, तो हम खुद से मजाक कर रहे होंगे।’ उन्होंने कहा कि यह हिंसा ट्रंप ने ‘भड़काई’ है, ‘जो लगातार कानूनी चुनाव को लेकर आधारहीन झूठ फैला रहे हैं।’
Here’s my statement on today’s violence at the Capitol. pic.twitter.com/jLCKo2D1Ya
— Barack Obama (@BarackObama) January 7, 2021
20 जनवरी को सत्ता सौंप दूंगा : ट्रम्प
इस दौरान एक तरफ संसद में जो बाइडेन की जीत की घोषणा हो रही है वहीं दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी ने जॉर्जिया में सीनेट की दो सीटें जीतकर रिपब्लिकन पार्टी को गहरा धक्का पहुँचाया है। अब डेमोक्रेटिक पार्टी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के साथ 50-50 की बराबरी पर आ गई है, जिसकी जो बाइडेन के प्रशासन को शिद्दत से तलाश थी। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के शपथ लेते ही पार्टी के पास सीनेट का नियंत्रण भी आ जाएगा। उपराष्ट्रपति के पास किसी विधेयक पर बराबर वोट मिलने की स्थिति में फ़ैसला लेने का अधिकार होगा। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- 20 जनवरी को कानून के मुताबिक जो बाइडेन को पॉवर ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
I am asking for everyone at the U.S. Capitol to remain peaceful. No violence! Remember, WE are the Party of Law & Order – respect the Law and our great men and women in Blue. Thank you!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 6, 2021
नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई
अमेरिका में पैदा हुए हालात पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- वॉशिंगटन डीसी में हुई हिंसा और दंगा-फसाद से चिंतित हूं। सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण और तय प्रक्रिया के मुताबिक होना चाहिए। लोकतांत्रिक तरीकों पर गैरकानूनी प्रदर्शनों का असर नहीं पड़ना चाहिए।
Distressed to see news about rioting and violence in Washington DC. Orderly and peaceful transfer of power must continue. The democratic process cannot be allowed to be subverted through unlawful protests.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2021
अमेरिका की संसद में ख़ूनी संग्राम इसलिए हुआ कि ट्रम्प ने अपने समर्थकों को भड़काया. जब नेता चुनाव के नतीजों को नहीं मानते, हार जाने पर चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं तो यही होता है. अपने यहाँ भी ऐसे लोग हैं. सावधान रहिये. #WashingtonDC
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 7, 2021
ट्रम्प ज़िम्मेदार
इस बीच इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और चेयरमैन रजत शर्मा ने भी इस खूनी संग्राम के लिए ट्रम्प को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होने ट्वीट किया- ‘अमेरिका की संसद में ख़ूनी संग्राम इसलिए हुआ कि ट्रम्प ने अपने समर्थकों को भड़काया। जब नेता चुनाव के नतीजों को नहीं मानते, हार जाने पर चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं तो यही होता है। अपने यहाँ भी ऐसे लोग हैं। सावधान रहिये।’
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
अमेरिका में चुनाव का रोमांच अभी बाकी, सीनेट की दो सीटें तय करेंगी राजनीति की दिशा