छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि कांग्रेस राज्य में सत्ता बरकरार रखेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान जिसे भी मुख्यमंत्री बनाएगा वह सभी को स्वीकार होगा. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंहदेव ने कहा कि सभी को तीन दिसंबर तक का इंतजार करना चाहिए. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस महीने चुनाव हुए हैं तथा सभी राज्यों में मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था. विधानसभा चुनाव परिणाम की भविष्यवाणियों के बारे में पूछे जाने पर सिंहदेव ने नयी दिल्ली में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जहां तक अनुमानों का सवाल है, मैं हमेशा उन्हें गंभीरता से लेता हूं. ये विभिन्न समाचार चैनलों और एजेंसियों द्वारा यह अनुमान लगाने का प्रयास है कि चुनाव में क्या हुआ होगा. हमें तीन तारीख का इंतजार करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आनी चाहिए. राजस्थान में हम बेहतर हैं लेकिन वहां पांच साल एक पार्टी, अगले पांच साल दूसरी पार्टी की सरकार बनती है, इसलिए यही एकमात्र झिझक है.” सिंहदेव ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और वहां सरकार बनने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हम सरकार बना रहे हैं।

सिंहदेव ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की पूरी संभावना है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हम सरकार बना रहे हैं। राजस्थान मुश्किल नजर आ रहा है। तेलंगाना को लेकर मैं कुछ चैनलों पर देख रहा हूं कि मतदान केंद्र से निकल रहे मतदाता खुलेआम कह रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया है। यदि यह हैदराबाद में हो रहा है तो वहां कांग्रेस की सरकार निश्चित रूप से आएगी। ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस मजबूत है।

यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा, सिंहदेव ने कहा- आलाकमान जो भी तय करेगा। कोई भी खुद को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करना चाहता। आलाकमान जिसे भी नामित करेगा हम मिलकर काम करेंगे। विधानसभा चुनाव नतीजों का अगले साल के लोकसभा चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा- इससे माहौल बनेगा। इन चुनावों में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन निश्चित रूप से ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए माहौल तैयार करेगा।

सीएम बघेल ने कही ये बात

इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एग्जिट पोल को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी का आंकड़ा एक जैसा नहीं है. हमारी सरकार बनेगी, भारी बहुमत से बनेगी. उन्होंने कहा कि हमको हमारी मेहनत पर भरोसा है और जनता पर विश्वास है. उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी कांग्रेस को बहुमत मिलने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कांग्रेस के खाते में 60 से ज्यादा सीट आए सकती है. इस चुनाव में धर्मांतरण और शराब बंदी कोई मुद्दा नहीं था।सर्व आदिवासी समाज से कितना नुकसान हुआ, यह देखना होगा. कांग्रेस ने 2018 में शराब बंदी की घोषणा की थी. उस दौरान एक माहौल बना हुआ था. दवाब के कारण कांग्रेस ने इसे घोषणा पत्र में रखा था. सीएम भूपेश बघेल के दिल्ली दौरे को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा कि दिल्ली में भूपेश बघेल और सोनिया गांधी की मलाकात नहीं हुई है. छत्तीसगढ़ में सीएम फेस को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान का होगा।

ईडी और छापों पर बोले सीएम बघेल

सीएम बघेल ने क़रीबी लोगों पर ईडी और इनकम टैक्स के छापों को लेकर कहा है कि उन्हें लगता है कि ये सिलसिला लोकसभा चुनावों तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोगों को मन से ईडी का डर समाप्त हो गया है. चुनाव प्रचार के बीच ही ईडी ने प्रेस रिलीज़ जारी करके कहा था कि एजेंसी ने दो लोगों को पकड़ा है, जिनसे पूछताछ और एक के ईमेल की जाँच के बाद बड़े पैमाने पर पैसों के लेन-देन की बात सामने आई है।

ईडी ने ये बात सट्टे से जुड़े ऐप महादेव को लेकर कही. ये भी आरोप लगाया गया कि लगता है कि ऐप चलाने वाली कंपनी ने मुख्यमंत्री बघेल को 502 करोड़ दिए हैं। भूपेश बघेल ने सवाल किया कि केंद्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही है?

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि कंपनी और उन लोगों के बीच किसी तरह की साँठ-गाँठ है.17 नवंबर को राज्य में दूसरे चरण के मतदान की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री ने क्या-क्या किया, इस सवाल पर भूपेश बघेल का कहना था कि पहले तो उन्होंने महीनों की बची हुई नींद ली, फिर कुछ समय परिवार और मित्रों को साथ बिताया। ये पूछे जाने पर कि क्या वो कहीं घूमने गए, उनका कहना था कि वो राजस्थान और छत्तीसगगढ़ के चुनावी दौरे पर गए थे. दोनों सूबों को लेकर उनका दावा है कि वहाँ कांग्रेस की सरकार बनेगी।

‘राजनीतिक साजिश था झीरम घाटी हमला’

झीरम घाटी नक्सली हमले के संदर्भ में भूपेश बघेल ने कहा कि उन्हें केंद्रीय जाँच एजेंसी एनआईए पर बिल्कुल भरोसा नहीं है दरअसल 2013 में बस्तर में चुनावी यात्रा में शामिल होकर लौट रहे एक क़ाफ़िले पर हमला हुआ था, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी।

भूपेश बघेल ने झीरम घाटी हमले को ‘राजनीतिक साज़िश’ बताया

हमने मुख्यमंत्री बघेल से पूछा कि आख़िर 10 साल पुराने नक्सली हमले को वो राजनीतिक साज़िश क्यों कह रहे हैं? और, क्या वजह है कि झीरम घाटी हमले की जाँच को लेकर राज्य और केंद्र सरकार में तनाव इस क़दर बढ़ गया है कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया?सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ़्ते एनआईए की ओर से दाख़िल एक याचिका को ख़ारिज कर दिया. याचिका में छत्तीसगढ़ पुलिस को साज़िश के एंगल से जाँच करने से रोकने की बात कही गई थी. एनआईए का तर्क था कि जब इसकी जाँच केंद्रीय एजेंसी कर रही है, तो साज़िश के दृष्टिकोण की छानबीन भी उसे ही करनी चाहिए। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के वकील का कहना था कि शासन ने साज़िश वाले पहलू की जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी से करने की बात कही थी, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया था।

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि हमले में जिस तरह कांग्रेसी नेताओं का एक-एक कर नाम पूछा गया और फिर उन्हें क़त्ल किया गया, वो नक्सलियों की कार्यशैली से बिल्कुल मेल नहीं खाता।

झीरम घाटी के हमले में राज्य कांग्रेस ईकाई के तत्कालीन अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व विपक्षी नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत अन्य लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री बघेल का कहना था कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की हत्या के बाद गोलीबारी भी बंद हो गई. उन्होंने कहा कि ये सारी बातें एक राजनीतिक षड्यंत्र की तरफ़ इशारा करती हैं इसलिए इस पहलू की जाँच की जानी चाहिए।

छत्तीसगढ़ में अगर कांग्रेस जीती तो क्या भूपेश बघेल ही होंगे सीएम?

उन्होंने कहा कि अगर नतीजों के बाद राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है, तो वो झीरम घाटी हमले में राजनीतिक साज़िश के पहलू की जाँच को आगे बढ़ाएँगे। घटना के समय राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और रमन सिंह मुख्यमंत्री थे. हालाँकि केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली मनमोहन सिंह की सरकार सत्ता में थी.तभी हमले की जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी को सौंपी गई थी.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना था कि बाद में केंद्र में सरकार बदल गई और जाँच में उस तरह प्रगति नहीं हुई जिस तरह से होना चाहिए था। (एएमएपी)