विशेष ।
बालेन्दु शर्मा दाधीच।
मशहूर अमेरिकी उद्यमी ईलोन मस्क ने अप्रैल के शुरू में बताया था कि उन्होंने ट्विटर में 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। वहीं अप्रैल अभी बीता भी नहीं है कि उन्होंने 44 अरब डॉलर में ट्विटर का सौदा ही कर डाला। प्रौद्योगिकी की दुनिया में अधिग्रहण तो होते रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग के कई प्लेटफार्मों का भी अधिग्रहण हुआ है, जैसे लिंक्डइन, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप्प और अब ट्विटर। लेकिन ट्विटर का अधिग्रहण इसलिए चर्चा में ज्यादा आया है कि ईलोन मस्क उसमें कई आमूलचूल परिवर्तन करना चाहते हैं और उन्होंने कहा है कि उन्हें ट्विटर के वर्तमान प्रबंधन में भरोसा नहीं है। तमाम ज़रूरी मंजूरियाँ मिल जाने के बाद ट्विटर फिलहाल निजी संपत्ति बन जाएगा।
कुछ बड़ा करने का इरादा
अधिग्रहण की प्रक्रिया रोमांचक रही और जो अधिग्रहण अभी दस दिन पहले तक कपोल कल्पना लग रहा था वह अचानक ही दो-तीन दिन के सरगर्मीपूर्ण घटनाक्रम के बीच एक वास्तविकता बन गया। ईलोन मस्क ट्विटर के अधिग्रहण का संकेत इस प्लेटफॉर्म में पहली बार 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने से पहले भी कर चुके थे। जब वे यह हिस्सेदारी लेकर ट्विटर के सबसे बड़े शेयरधारक बने तब उन्होंने ट्विटर के भीतर बड़े बदलावों की ज़रूरत बताई थी। अपने सबसे बड़े शेयरधारक की राय के मुताबिक ट्विटर ने कुछ बदलावों पर काम भी शुरू कर दिया था जैसे कि ट्विटर पर डाली गई टिप्पणियों को संपादित करने की सुविधा। लेकिन ईलोन मस्क का इरादा कुछ बड़ा करने का था।
सवाल उठता है कि यह बड़ा बदलाव क्या है जिसे वे अंजाम देना चाहते हैं। मस्क को नई सोच के लिए भी जाना जाता है और जोखिम भरे फैसले करने के लिए भी। टेस्ला जैसी बिजली की कार बनाने वाली कंपनी लाकर उन्होंने इन कारों को फैशनेबल और स्टेटस सिंबल बना दिया। अंतरिक्ष की खोज तथा यात्राओं का क्षेत्र अब तक मोटे तौर पर बड़े सरकारी संस्थानों (जैसे नासा और इसरो) तक सीमित था लेकिन मस्क इन्हें न सिर्फ निजी क्षेत्र के दायरे में ले आए बल्कि उन्हें ऐसे हर व्यक्ति की पहुँच में लाना चाहते हैं जो इनका खर्च उठाने की हैसियत रखता है। सुरंगनुमा पाइपों के बीच तेज-रफ्तार यात्राओं की उनकी परियोजना ‘हाइपरलूप’ भी विज्ञान की कल्पनाओं जैसी लगती है लेकिन एक हकीकत है। ऐसा शख्स जो कुछ बड़ा, अनोखा तथा दुस्साहसपूर्ण करने के लिए जाना जाता है, वह ट्विटर के साथ भी कोई बड़ा प्रयोग करेगा यह आसानी से सोचा जा सकता है।
बात फ्री स्पीच की
मस्क के हाथों ट्विटर के अधिग्रहण का बाजार ने स्वागत किया है जो इस कंपनी के शेयरों की कीमतों में तुरंत आई तेजी से जाहिर है। लोग कमोबेश इस अधिग्रहण को स्वीकार कर चुके हैं। लेकिन सबकी निगाहें उन परिवर्तनों की ओर है जो इस प्लेटफॉर्म में आ सकते हैं। मस्क ने कहा है कि वे मुक्त अभिव्यक्ति (फ्री स्पीच) में यकीन रखते हैं और ट्विटर को मुक्त अभिव्यक्ति का मंच बनाना चाहते हैं। आज के इस सोशल मीडिया के दौर में ट्विटर एक टाउन स्क्वायर यानी कि शहर के चौक की तरह है जहाँ पर लोग आते हैं और खुलकर अपनी बात कहते हैं। ट्विटर नामक चौक पर लोग मानवता के भविष्य के बारे में बात करते हैं।
बॉट्स की रोकथाम
ट्विटर के नए मालिक ट्वीट्स के संपादन की सुविधा तो चाहते ही हैं, वे यह भी चाहते हैं कि इसे एक खुले प्लेटफॉर्म में तब्दील कर दिया जाए। आज ट्विटर पर बॉट्स की भरमार है। ये सॉफ्टवेयर हैं जो आभासी प्रयोक्ताओं का रूप लेकर बड़ी कंपनियों, बड़े व्यक्तित्वों आदि के द्वारा अपनी पोस्टों को बेहतर ढंग से प्रचारित-प्रसारित करने, डेटा का विश्लेषण करने आदि के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कुछ साल पहले भारत के कुछ नामी व्यक्तित्वों के फॉलोवर्स के बारे में खबर आई थी कि उनमें बहुत बड़ी संख्या ऐसे बॉट्स की है जो इंसान ही नहीं है। ट्विटर की सुविधाओं को तोड़ मरोड़ कर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने में इनकी उपयोगिता है और ये धड़ल्ले से चल रहे हैं तो जाहिर है कि ट्विटर को इन पर बहुत अधिक आपत्ति शायद नहीं होगी। इसी तरह से, इस प्लेटफॉर्म पर लोगों के डेटा का विश्लेषण करके उनको लक्षित (कस्टमाइज्ड) विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
हालाँकि इस तरह की प्रवृत्तियाँ कुछ अन्य तकनीकी माध्यमों पर भी देखने को मिलती हैं लेकिन ईलोन मस्क नैतिकता और पारदर्शिता की बात कर रहे हैं इसलिए संभवतः वे इन पर अंकुश लगाएँ। वे ट्विटर में कुछ और भी सुधार ला सकते हैं जो मशहूर हस्तियों तथा संस्थानों को मिलने वाले नीले टिक से भी जुड़ी हो सकती हैं जो आज एक स्टेटस का प्रतीक बन चुके हैं। एक संकेत मिला है कि संभवतः वे इस प्लेटफॉर्म पर सक्रिय सभी इंसानों की पहचान को प्रमाणित करें। इसके दो पहलू हो सकते हैं- एक तो यह कि नीला टिक सिर्फ विशेषाधिकार संपन्न लोगों के लिए ही नहीं रह जाएगा बल्कि सबको मिल सकेगा। दूसरा पहलू यह कि बिना अपनी पहचान प्रमाणित किए लोग इसके सदस्य नहीं बन सकेंगे। ऐसा कदम बॉट्स की रोकथाम में अहम सिद्ध होगा।
नीयत सही, पर सतर्कता भी जरूरी
एक बड़ी संभावना इस बात की है कि ट्विटर को विकसित करने में इस्तेमाल किया गया प्रोग्रामिंग कोड भी आम डेवलपर्स के उपयोग के लिए जारी कर दिया जाए। आप जानते हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में मुक्त स्रोत आंदोलन के रूप में एक बड़ी मुहिम लंबे अरसे से चल रही है जिसका मर्म यह है कि आपके सॉफ्टवेयर का कोड दूसरे लोगों को भी इस्तेमाल तथा नई क्षमताएँ जोड़ने के लिए उपलब्ध हो। आलोचकों को लगता है कि मस्क की नीयत सही है लेकिन इस कोड का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी ट्विटर की आंतरिक कार्यप्रणालियों को जान जाएंगे तथा उनके साथ खिलवाड़ करने लगेंगे, यह असंभव नहीं है।
आलोचकों के तर्क
जहाँ तक आलोचकों का सवाल है, लोग मुक्त अभिव्यक्ति के ईलोन मस्क के विचार का यह कहकर भी विरोध कर रहे हैं कि खुद उनके द्वारा इस प्लेटफॉर्म का अधिग्रहण किया जाना भी मुक्त अभिव्यक्ति के खिलाफ है। उनका तर्क है कि आखिरकार एक अकेला व्यक्ति कैसे अरबों लोगों की मुक्त अभिव्यक्ति का प्रभारी हो सकता है। बहरहाल, मस्क का कहना है कि ट्विटर में अनंत संभावनाएँ हैं जिन्हें बंधनों से मुक्त करने के लिए कार्य किया जाएगा। दुनिया की निगाहें अब इन्हीं संभावनाओं की ओर रहेंगी।
(लेखक विख्यात तकनीकविद तथा माइक्रोसॉफ्ट में निदेशक- भारतीय भाषाएं और सुगम्यता हैं)